20 मोबाईल, 02 लैपटॉप, 42 लिग कार्ड, 42 डेविट आदि नगदी बरामद
मुकेश वर्मा
देहरादून। उत्तराखण्ड एसटीएफ ने शहीद परिवार से लाखों की ठगी करने वाले गिरोह के पांच सदस्यों को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। जिनके पास से एसटीएफ टीम ने 20 मोबाईल फोन, 02 लैपटॉप, 42 लिग कार्ड, 42 डेविट एवं क्रेडिट कार्ड, फर्जी पहचान पत्र आधार कार्ड, पेन कार्ड समेत 1,07,500 रूपये की नगदी बरामद की है। इस बात की जानकारी उत्तराखण्ड एसटीएफ एसएसपी आयुष अग्रवाल ने पत्रकार वार्ता के दौरान दी है।
उन्होंने बताया कि कुछ दिवस पूर्व साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन उत्तराखण्ड देहरादून पर गुमानीवाला निवासी वरिष्ठ नागरिक द्वारा तहरीर देकर शिकायत की गयी थी। शिकायत में कहा गया था कि मेरा बेटा जो आर्मी में कैप्टन था, कारगिल की लड़ाई में शहीद हो गया था तथा उनको मरणोपरान्त कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया था। उसको माह फरवरी 2024 में अज्ञात व्यक्ति के द्वारा मोबाइल से कॉल कर स्वंय को सैनिक कल्याण बोर्ड का अधिकारी व मुख्य सतर्कता अधिकारी (रंक्षा मंत्रालय) कार्यालय भारत सरकार कर कहा गया कि आपके बेटे के कीर्ति चक्र की ग्रान्ट के साथ-साथ आपको अतिरिक्त धनराशि प्रदान की जानी थी, लेकिन आपकी तरफ से फार्म-3 दिनांक 31 दिसम्बर 2023 तक जमा नहीं किया गया था। जिस कारण आपका कीर्तिचक्र का ग्रान्ट निरस्त हो गया है।
उन्होंने बताया कि कॉलर ने निरस्त आर्डर नम्बर जेआर 00439 होने की जानकारी देते हुए फाईल मेरे पास होने की आयी है। उक्त अज्ञात व्यक्ति द्वारा यह भी बताया गया कि उक्त फाईल में अग्रिम कार्यवाही चीफ सर्तकता अधिकारी रक्षा मंत्रालय पीएन गुलाटी द्वारा की जानी है, जिनके सचिव विवेक राजपुत का मोबाइल नम्बर 729790726 शिकायतकर्ता को देकर सम्पर्क करने को कहा गया। शिकायतकर्ता द्वारा कथित विवेक राजपूत से सम्पर्क किया तो उन्होने बताया कि आपका ग्रान्ट निरस्त कर दिया गया है, अब गुलाटी साहब ही इस पुनः एक्टिवेट कर सकते है। जिसके बाद पीएन गुलाटी द्वारा शिकायतकर्ता को यह बताया गया कि यह शिकायतकर्ता को मिलने वाली कीर्ति चक्र की ग्रान्ट करीब 12 लाख रुपये प्रतिवर्ष को फिर से शुरू कर रहा है तथा यह भी बताया कि इनको यह ग्रान्ट 2021 से 2037 तक मिलनी है।
एसटीएफ एसएसपी ने बताया कि कुछ दिन बाद कथित पीएन गुलाटी ने शिकायतकर्ता को फोन पर बताया कि उसने ग्रान्ट स्वीकृत कर दी है। जिसके लिये शिकायतकर्ता से 1,98,000 रुपये की रकम उनके द्वारा बताये गये खाते में आरटीजीएस से जमा करा दिये गये। इसके अतिरिक्त उपरोक्त अज्ञात व्यक्तियों द्वारा भिन्न-भिन्न तिथियों पर शिकायताकर्ता से एनओसी व अन्य फाईल प्रोसेस चार्जेज आदि के नाम पर विभिन्न बैंक खातों में अलग-अलग किश्तों में दिनांक 22 अप्रैल 2024 तक कुल 44,46,080 रुपये बताये गये खाते में जमा करा दिये गये। परन्तु कोई भी रकम शिकायकर्ता के खाते में जमा नहीं करायी गयी। शक होने पर शिकायतकर्ता द्वारा सैनिक कल्याण बोर्ड उत्तराखण्ड देहरादून से सम्पर्क किया गया तो इस फर्जीवाडे का पता चला। तहरीर के आधार पर थाना साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया।
कप्तान ने बताया कि इस घटना के अनावरण करने हेतु पुलिस उपाधीक्षक अकुंश मिश्रा के नेतृत्व में एक टीम गठित कर आरोपियों के विरुद्ध ठोस कार्यवाही करने के दिशा-निर्देश दिये गये। गठित टीम द्वारा घटना में प्रयुक्त मोबाईल नम्बर व सम्बन्धित खातों आदि की जानकारी व तकनिकी विश्लेषण किया गया, तो उक्त अपराध में संलिप्त अपराधियों का दिल्ली से सम्बन्ध होना पाया गया। ठगों की पुख्ता जानकारी मिलते ही टीम को दिल्ली रवाना किया गया। टीम ने दिल्ली से शहीद परिवार से ठगी करने वाले पांच आरोपियों को दबोच लिया।
उन्होंने बताया कि जिनमें कपिल अरोड़ा पुत्र स्व. हरीचन्द निवासी 43 ए रशीद मार्केट गली नं0- 7 बाना जगतपुरी नियर भगत सिंह रोड़ दिल्ली, राहुल कुमार दत्ता पुत्र अजीत कुमार दत्ता निवासी न्यू स्टेट बैंक कालोनी निवर शिव मन्दिर धामपुर बिजनौर, रवि सैनी पुत्र राम अवतार सिंह निवासी एम-8 ब्लाक निकट डीएवी चौक सेक्टर 12 प्रताप विहार गाजियाबाद, राजेश कुमार यादव पुत्र रविन्द्र यादव निवासी ग्राम गोरखपुर थाना रसड़ा जिला बलिया और अनुराग शुक्ला पुत्र विनोद कुमार शुक्ला निवासी 135 रामपुरम श्याम नगर थाना चकेरी निकट सरयु प्रसाद स्कूल जिला कानपुर उ0प्र0 शामिल हैं। आरोपियों के पास से 20 मोबाईल फोन, 02 लैपटॉप, 42 लिग कार्ड, 42 डेविट एवं क्रेडिट कार्ड, फर्जी पहचान पत्र आधार कार्ड, पेन कार्ड समेत 1,07,500 रुपये की नगदी बरामद की है।