
पंजाब में उठाईगिरी आदि अपराधिक गतिविधियों को दे रहे थे अंजाम
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। 23 सालों से फरार चल रहे पांच-पांच हजार के दो भगोड़ों को पुलिस ने पंजाब से गिरफ्तार कर लिया। जोकि पुलिस को चकमा देकर लगातार फरार चल रहे थे। दोनों भगोड़े लुधियाना में उठाईगिरी आदि अपराधों को अंजमा दे रहे थे। पुलिस ने दोनों भगोड़ों को न्यायालय में पेश किया गया। जिनको न्यायालय की ओर से जेल भेज दिया।
कोतवाली नगर प्रभारी निरीक्षक कंुदन सिंह राणा ने बताया कि 15 अगस्त 2002 को तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक कोतवाली नगर हरिद्वार गिरीश चन्द शर्मा द्वारा आत्माराम आदि 06 नफर आरोपियों के खिलाफ घाटों से उठाईगिरी जैसे अपराधो को करने के लिए गिरोह बनाकर टप्पेबाजी करने पर सम्बंधित धाराओं में मामला दर्ज किया था। उपरोक्त मुकदमों में आरोपी दीनानाथ, आत्माराम जमानत पर रिहा होने के बाद 23 सालों से लगातार फरार चल रहे थे।
जिनकी गिरफ्तारी पर पांच-पांच हजार का इनाम घोषित किया गया था। दोनो मफरुर (भगौडे) अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिये बार-बार अपना स्थान व वेश भूषा बदलकर पुलिस को चकमा देकर बच निकलने में कामयाब हो रहे थे। दोनो की गिरफ्तारी हेतु माननीय न्यायालय हरिद्वार द्वारा स्थायी वारण्ट जारी किया गया था।
उन्होंने बताया कि एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल द्वारा मासिक अपराध समीक्षा गोष्ठी के दौरान ईनामी, मफरुर, वारण्टियो की गिरफ्तारी हेतु चलाए जा रहे अभियान में ओर तेजी लाने तथा लंबे समय से फरार चल रहे अपारधियों को गिरफ्तार करने के संबंध में दिए गए निर्देश दिये गये थे।
जिसपर अमल करते हुए हरिद्वार पुलिस ने दोनों फरार पांच-पांच हजार के इनामी दीनानाथ पुत्र रामशबद निवासी ग्राम जयतापुर थाना धानेपुर जिला गौण्डा उत्तर प्रदेश और आत्माराम पुत्र नरदाही निवासी ग्राम मतौरिया थाना मोतीगंज जिला गौण्डा उत्तर प्रदेश को रविवार को सूचना पर लुधियाना पंजाब से गिरफ्तार कर लिया। जोकि पुलिस से छिपकर वहां पर उठाईगिरी सहित अन्य काम कर रहे थे।