
*प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ ने आज दिया स्वास्थ्य महानिदेशालय पर धरना
*महानिदेशालय पर धरने में प्रदेश भर के करीब 300 चिकित्सकों ने लिया हिस्सा
*प्रदेश भर के चिकित्सक 12 अप्रैल से दो सप्ताह तक काली पट्टी बांधकर करेंगे कार्य
*निर्णयः शासन ने सकारात्मक कदम नहीं उठाया तो 25 अप्रैल से प्रदेश भर में होगा कार्य बहिष्कार
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ उत्तराखंड का आज अपनी मांगों को लेकर स्वास्थ्य महानिदेशालय पर धरना व बैठक की गयी। जिसमें प्रदेश भर से करीब 300 चिकित्सकों ने हिस्सा लिया। प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ उत्तराखंड की तीन मुख्य मांगों को लेकर चिकित्सकों ने अपने विचार प्रकट किये।

प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ के प्रदेशाध्यक्ष मनोज वर्मा ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में तैनात विशेषज्ञ चिकित्सकों को चिकित्सा शिक्षा की तर्ज पर मेडिकल कॉलेजों में तैनात विशेषज्ञ चिकित्सकों की भाँति 50 प्रतिशत अतिरिक्त वेतन दिया जाय। जबकि इस विषय में पर स्वास्थ्य मंत्री, सचिव द्वारा भी अपनी सहमति दी जा चुकी है। चिकित्सकों की इस मांग को लेकर कई बार सार्वजनिक मंच से, बैठकों में यहाँ तक कि मीडिया में भी इसकी घोषणा तक कर चुके हैं। लेकिन अभी तक कार्यवाही ना होने से सभी चिकित्सक हताश व निराश हैं व आंदोलन का मन बना चुके हैं।
उन्होंने कहा कि टिहरी जनपद मुख्यालय, अल्मोडा जनपद मुख्यालय, नैनीताल जनपद मुख्यालय तथा मसूरी को सुगम क्षेत्र घोषित कर दिया गया है, जबकि पूर्व में ये सभी दुर्गम क्षेत्र में आते थे। इस विषय में भी हमसे वादा किया गया था कि इसको पुनः दुर्गम क्षेत्र में शामिल किया जाएगा, लेकिन इस विषय में भी कुछ नहीं किया गया। एसडीएसीपी में शिथिलीकरण दिया जाना है जिसका कि शासनादेश भी है तथा पूर्व में भी शासन द्वारा लगातार दिया जाता रहा है, परन्तु इस बार अभी तक विगत छः माह से एसडीएसीपी मे शिथिलीकरण का चिकित्सकों को लाभ नहीं मिल पाया है।
उन्होने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री ने भी चिकित्सकों की प्रमुख तीन मांगों पर अपनी सहमति दे चुके है और सचिव की ओर से एसडीएसीपी व डीपीसी के आदेश हो गये हैं तथा दन्त चिकित्सकों का समायोजन भी हो गया है। लेकिन इन तीन महत्वपूर्ण विषयों पर प्रदेश के सभी चिकित्सक विगत दो वर्षों से अधिक समय से आंदोलनरत है तथा दो बार शासन के आश्वासन के बाद चिकित्सक अपना आंदोलन वापस ले चुके हैं। संघ ने शासन से उम्मीद जताई हैं कि इस बार शासन चिकित्सकों की प्रमुख तीन मांगों पर गम्भीरता से लेते हुए शासनादेश जारी करेगा।
इस दौरान चिकित्सकों ने सामूहिक निर्णय लिया गया कि 12 अप्रैल 25 से सभी चिकित्सक दो सप्ताह तक अपने-अपने कार्य क्षेत्रों में काली पट्टी बांधकर कार्य करेंगे तथा यदि इन 14 दिनों में भी सरकार हमारी माँगे नहीं मानती है और कोई आदेश जारी नहीं करती है, तो 25 अप्रैल 25 से सभी सरकारी चिकित्सक पूरे उत्तराखण्ड राज्य में कार्य बहिष्कार पर चले जायेंगे। लेकिन पोस्ट मार्टम, चारधाम यात्रा ड्यूटी तथा आकस्मिक सेवाओं को कार्य बहिष्कार से मुक्त रखा जाएगा
संघ के पदाधिकारियों ने आक्रोशित होकर निर्णय लिया कि यदि कार्य बहिष्कार के बावजूद सरकार नहीं चेती और चिकित्सको की तीनों माँगों के सन्दर्भ में शासनादेश जारी नहीं करती तो 05 मई 25 को राज्यभर के सभी सरकारी विशेषज्ञ चिकित्सक महामहिम राज्यपाल को अपना त्यागपत्र प्रेषित कर देंगे तथा साथ ही पूरे राज्य में सम्पूर्ण सरकारी चिकित्सा सेवाओं का सम्पूर्ण बहिष्कार कर दिया जाएगा।