■कांग्रेस हाईकमान ने विधिवत रूप से नहीं की हरिद्वार सीट पर कोई घोषणा
■पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बेटे को प्रत्याशी दर्शाते हुए किया शहर में रोड़ शो
■विरेन्द्र रावत का नाम सामने आने पर नाराज नेताओं के इस्तीफे देने की घोषणाए
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। हरिद्वार लोकसभा सीट पर कांग्रेस हाईकमान द्वारा विधिवत रूप से अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने हरिद्वार लोकसभा सीट पर अपने बेटे विरेंद्र रावत का नाम कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में प्रचारित करते हुए शहर में रोड़ शो भी कर डाला। इतना ही नहीं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता हरीश रावत ने रविवार को अपना हरिद्वार लोकसभा का भ्रमण कार्यक्रम जारी करवाकर यह जताने का प्रयास किया कि पार्टी आलाकमान ने उनके बेटे विरेन्द्र रावत को उम्मीदवार बनाया है। राजनैतिक जानकारों का कहना हैं कि यदि हरीश रावत अपना कार्यक्रम नहीं जारी करवाते तो लोग वीरेंद्र रावत के स्वागत कार्यक्रम में नहीं पहुंचते।
वहीं हरिद्वार लोकसभा सीट पर वीरेंद्र रावत का नाम सामने आते ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नाराजगी का माहौल पैदा हो गया है। हरिद्वार लोकसभा सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के बेटे का नाम सामने आते ही रुड़की क्षेत्र से एक के बाद एक कई कांग्रेसी नेताओं ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफे देने की घोषणाओं का दौर शुरू हो गया है। सबसे पहले कांग्रेस से इस्तीफा देने वालों में प्रदेश महासचिव संजय पाल ने सोशल मीडिया पर अपने इस्तीफे की घोषणा की।
इसके तुरंत बाद पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष दिनेश कौशिक ने वीरेंद्र रावत का हरिद्वार लोकसभा सीट पर कांग्रेस हाईकमान द्वारा प्रत्याशी बनाये जाने का विरोध करते हुए उन्होंने कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। हरीश रावत पर आरोप लगाया कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत किसी भी निष्ठावान कार्यकर्ता को उभरने नहीं दे रहे हैं। आरोप लगाया कि उत्तराखंड में धन बल पर टिकट बांटे जा रहे हैं। हरीश रावत ने हरिद्वार जिले को अपनी जागीर समझ लिया है। पहले वह स्वयं हरिद्वार से सांसद रह चुके हैं, उसके बाद उन्होंने अपनी पत्नी को सांसद का चुनाव लड़ाया और हरिद्वार लोकसभा में कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ा। अब उन्होंने अपने बेटे को हरिद्वार जिले से सांसद का टिकट करवा लिया है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के और कार्यकर्ता मुक दर्शक होकर देख रहे हैं कि इस बार हरिद्वार जिले से किसी स्थानीय को टिकट दिलाया जाएगा, लेकिन इस बार भी हरीश रावत पुत्र मोह में फंस गए है और पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर दिया। जिसे अब कार्यकर्ता बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने हरीश रावत पर परिवारवाद का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने पुत्रमोह में पड़कर एक स्थानीय और ओबीसी नेता को उभरने नहीं दिया।
इसी क्रम में रुड़की महिला कांग्रेस की जिलाध्यक्ष और प्रदेश कांग्रेस की प्रवक्ता रश्मि चौधरी ने भी कांग्रेस आलाकमान और हरीश रावत पर परिवारवादी होने का आरोप लगाते हुए आगामी दिनों में कांग्रेस छोड़ने की बात स्वीकारी है। उन्होंने बताया कि कांग्रेस में समर्पित कार्यकर्ताओं का सम्मान नहीं है और एक व्यक्ति पूरी पार्टी पर कब्जा कर अपने परिवार को राजनीति में स्थापित कर रहा है।
इसके बाद एनएसयूआई के पूर्व जिला महासचिव वरिष्ठ कांग्रेस नेता अनुज पंडित ने भी कांग्रेस को अलविदा कह दिया। इतना ही नहीं विश्वस्त सूत्रों से जानकारी मिल रही है कि हरीश रावत के परिवार वाद के चलते कांग्रेस से इस्तीफा देने वालों की सूची लंबी है जो आगामी दिनों में कांग्रेस पार्टी को अलविदा कहते देखे जा सकते है।
हरिद्वार से भी इसी प्रकार की खबरे आ रही है। कांग्रेस के लिए दिन रात सोशल मीडिया पर निस्वार्थ भाव से काम करने वाले आशु भारद्वाज ने भी खुले आम सोशल मीडिया पर हरीश रावत का विरोध करते हुए लिखा है की मेरा वोट उमेश कुमार को, इतना ही नहीं उन्होंने उमेश कुमार को अपने यहां चुनावी कार्यालय खोले जाने का भी अनुरोध किया है।