*पीडित परिवार और कांग्रेस ने किया मोर्चरी कर्मी को हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन
*पीएमएस ने मामले की सवेंदनशीलता को देखते हुए संविदा कर्मी की सेवाए की समाप्त
*मोर्चरी कर्मी की सेवाए समाप्त होते ही पीडित परिवार व कांग्रेस हुए शांत
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। जिला अस्पताल की मोर्चरी में 11 दिनों तक शव पड़े होने और परिजनों को शव ना दिखाये जाने को लेकर पीडित परिवार समेत कांग्रेस ने अस्पताल पहुंचकर मोर्चरी में तैनात संविदा कर्मी को हटाने की मांग को लेकर जमकर हंगामा करते हुए धरना प्रदर्शन किया। जिसपर अस्पताल के पीएमएस ने मामले की सवेंदनशीलता व गम्भीरता को देखते हुए तत्काल पीडित परिवार व कांग्रेस की मांगों को मानते हुए मोर्चरी कर्मी की सेवाए समाप्त कर दी। जिसके बाद मामला शांत हुआ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रभात पुत्र नेकीराम (46) निवासी अम्बेडकर नगर ज्वालापुर 10 जून 25 से लापता था। जिसको परिजनों द्वारा तलाश किया जा रहा था। लेकिन कोई सुराग नहीं लगने पर पीडित परिजनों द्वारा कोतवाली ज्वालापुर में 14 जून 25 को लापता प्रभात की गुमशुदगी दर्ज करा दी गयी। पीडित परिजन भी अपने स्तर से लापता की तलाश में जुटे रहे।
बताया जा रहा हैं कि पीडित परिवार किसी अनहोनी घटना को देखते हुए 14-16-17 और 18 जून 25 को जिला अस्पताल पहुंचकर मोर्चरी में तलाश के लिए पहुंचे। आरोप हैं कि मोर्चरी में तैनात संविदा कर्मी अर्जुन ने पीडित परिवार को 7 शव तो दिखाये गये। पीडित परिवार के लापता सदस्य का शव मोर्चरी में ना होने पर वापस लौट गया और अपनी तलाश जारी रखी। इसी बीच 22 जून 25 को कोतवाली ज्वालापुर से पीडित परिवार को फोन कर बताया गया कि लापता प्रभात का शव जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखा हुआ है।
मृतक प्रभात के भाई नवीन ने बताया कि जब परिवार के लोग जिला अस्पताल की मोर्चरी पहुंचे तो शव मोर्चरी में रखा मिला। जब पोस्टमार्टम की कार्यवाही शुरू हुई तो मालूम हुआ कि शव को 108 के द्वारा 11 जून को ही पुल जटवाड़ा ज्वालापुर से लावारिस हालत में अज्ञात के तौर पर अस्पताल में दाखिल कराया गया था। जहां पर चिकित्सकों ने अज्ञात को मृत घोषित कर शव को मोर्चरी में रखवा दिया था। पीडित ने बताया कि जब उसके भाई का शव 11 जून को मोर्चरी में रखवाया गया था, तो उनके द्वारा तलाश के दौरान लगातार 4 दिनों तक मोर्चरी के चक्कर काटते रहे, लेकिन मोर्चरी कर्मी अर्जुन ने उसके भाई का शव क्यों नहीं दिखाया? जबकि उसने 7 शव दिखाये। उसके भाई का शव 11 दिनों तक लावरिस हालत में मोर्चरी में पड़ा सड़ता रहा।
इसी प्रकरण को लेकर पीडित परिवार और कांग्रेस ने जिला अस्पताल पहुंचकर घोर लापरवाही और मोर्चरी में तैनात कर्मचारी अर्जुन को सेवाए समाप्त करने की मांग को लेकर हंगामा करते हुए धरना प्रदर्शन किया। जिसको गम्भीरता से लेते हुए पीएमएस डॉ. विजयेश भारद्वाज ने मामले की सवेंदनशीलता व गम्भीरता देखते हुए तत्काल संविदा कर्मचारी अर्जुन की सेवाए समाप्त कर दी। जिसके बाद पीडित परिवार और कांग्रेसजन शांत हुए।
पीएमएस डॉ. विजयेश भारद्वाज ने बताया कि मामले की सवेंदनशीलता व गम्भीरता को देखते हुए मोर्चरी में तैनात संविदा कर्मचारी अर्जुन की सेवाए समाप्त कर दी है।
