■एसटीएफ और पुलिस की संयुक्त टीम ने परीक्षा केन्द्र के बाहर से दबोचा
■परीक्षा देने के लिए परीक्षार्थी से 16 लाख रूपये में हुआ था सौदा तय
■सौदे के मुताबिक परीक्षा देने के बाद 04 लाख और चयन होने पर मिलने थे 12 लाख
■दोनों पूर्व में मेरठ से वर्ष 2023 में जा चुके जेल, फरवरी 24 में जेल से थे छुटे
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। एसटीएफ उत्तराखण्ड और कोतवाली नगर पुलिस की संयुक्त टीम ने सूचना पर रविवार को असिस्टेंट टीचर-एलटी की परीक्षा केन्द्र एसवीएम इण्टर कॉलेज हरिद्वार के बाहर से दो मुन्ना भाई को दबोचा है। जिनके पास से टीम ने प्रतिरूपित प्रवेश पत्र और तीन मोबाइल फोन बरामद किये है। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने परीक्षार्थी के बदले एक युवक ने परीक्षा देना स्वीकार किया है। जिसके बदले परीक्षार्थी से 16 लाख रूपये में सौदा तय हुआ था।
सौदे के मुताबिक परीक्षा देने के बाद 04 लाख मिलने थे और चयन होने पर 12 लाख रूपये देना तय हुआ था। दोनों आरोपियों पूर्व में भी मेरठ से वर्ष 2023 में जेल जा चुके है। जोकि हाल ही में जेल से छुट कर बाहर आये थे। पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ सम्बंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस परीक्षार्थी के खिलाफ भी कार्यवाही कर रही है।
कोतवाली नगर प्रभारी निरीक्षक कुंदन सिंह राणा ने बताया कि एसटीएफ उत्तराखण्ड को सर्विलांस व मुखबीर से जानकारी मिली कि सरकारी नौकरियों में फर्जी तरिके से भर्ती करवाने वाला उधम सिंह पुत्र सुखपाल सिह निवासी ग्राम चकबन्दी थाना सरधना जिला मेरठ यूपी अपने बिहार निवासी परिचित अनुपम कुमार पुत्र बनारस प्रसाद निवासी निकट देवनारायण मार्केट ओम साई अस्पताल के पीछे मोहल्ला रामकृष्णा नगर थाना रामकृष्णानगर पटना बिहार से पेपर साल्व करवाता है और 18 अगस्त 2024 को उत्तराखण्ड में होने जा रही असिस्टेंट टीचर-एलटी की परिक्षा केन्द्र एसवीएम इण्टर कॉलेज हरिद्वार में पेपर देने आयेगा। इस सूचना पर रविवार को एसटीएफ उत्तराखण्ड देहरादून और कोतवाली नगर हरिद्वार की संयुक्त टीम ने सम्बन्धित परीक्षा केन्द्र के इर्द-गिर्द मुखबीरों का जाल बिछाकर अपना मोर्चा सम्भाल लिया। टीम ने सटीक सूचना पर कारपेंटर की दुकान के पास से दो संदिग्धों को दबोच लिया।
उन्होंने बताया कि दोनों संदिग्धों से परीक्षा केन्द्र के बाहर खडे होने का कारण पूछते हुए उनके नाम पते की जानकारी ली गयी। टीम को जैसे ही सूचना के मुताबिक उनकी तस्दीक होते ही दोनों को दबोच लिया। पूछताछ के दौरान जानकारी मिली कि कथित सॉल्वर को परीक्षा केन्द्र में जाकर अन्य परीक्षार्थी के बदले पेपर देना स्वीकार करते हुए जानकारी दी कि जिसके बदले उनको परीक्षार्थी से 16 लाख रूपये मंे सौदा तय हुआ था। जिसके मुताबिक पेपर देने के बाद 04 लाख मिलने थे और तथा शेष रकम 12 लाख चयन होने के बाद मिलना तय हुआ था।
एसएचओ ने बताया कि दोनो आरोपियों के मोबाईल फोन चैक करने पर अलग-अलग केन्द्रीय व राज्यीय परीक्षाओं के सम्बन्ध में परीक्षा कराने व सेन्टर नियोजित करने इत्यादि के सम्बन्ध में काफी चैटिंग मिली है। आरोपी उधम सिंह द्वारा अपने मोबाईल से परीक्षार्थी का प्रवेश पत्र व आधार कार्ड भी शेयर किया गया था। दोनों आरोपी पूर्व में भी फर्जी तरीके से भर्ती कराने के संबंध में थाना ब्रह्मपुरी जिला मेरठ उत्तर प्रदेश से वर्ष 2023 में जेल गए थे जो अभी फरवरी 2024 में जमानत में छूट कर बाहर आए थे। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ सम्बंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया। जिनको मेडिकल के बाद न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया।
मुन्ना भाईयों को दबोचने वाली टीम में एसटीएफ निरीक्षक अबुल कलाम, निरीक्षक नन्द किशोर भट्ट, उपनिरीक्षक विपिन बहुगुणा, उपनिरीक्षक यादविन्दर सिंह बाजवा, उपनिरीक्षक विद्यादत्त जाशी, अपर उपनिरीक्षक देवेन्द्र कुमार भारती, अपर उपनिरीक्षक संजय मेहरोत्रा, हेण्ड कांस्टेबल देवेन्द्र ममगांई, हेण्ड कांस्टेबल संजय कुमार, हेण्ड कांस्टेबल महेन्द्र नेगी, कांस्टेबल नितिन कुमार, कांस्टेबल मोहन असवाल, कोतवाली नगर से उपनिरीक्षक विक्रम सिंह बिष्ट और कांस्टेबल मुकेश उनियाल शामिल रहे।