
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। अपर जिलाधिकारी पीएल शाह की अध्यक्षता में जिला टास्क फॉर्स कमेटी की बैठक जिला कार्यालय सभागार में सम्पन्न हुई। अपर जिलाधिकारी ने निर्देशित करते हुए कहा कि बाल श्रम के विरूद्ध पुलिस, राजस्व तथा श्रम विभाग संयुक्त रूप छापेमारी करना सुनिश्चित करें और बाल श्रम कराने वालों के विरूद्ध अभियोग पंजीकृत कराने के साथ ही मुकदमें की प्रभावी पैरवी भी करना सुनिश्चित करें, ताकि दोषी व्यक्ति को सजा मिल सके और हवालात की हवा खा सकें। पंजीकृत मुकदमों की स्थिति के बारे में आगामी बैठकों में मुकदमेवार विवरण प्रस्तुत किया जाये।
उन्होंने कहा कि बच्चे किसी भी राष्ट्र के भावी निर्माता होते हैं। इस भावी पीढ़ी के सर्वागींण विकास की जिम्मेवारी हम सब की है। बच्चों को बाल श्रम जैसे शिकंजे से मुक्त कर शिक्षा के अवसर उपलब्ध करवाने से ही इनका भविष्य उज्जवल हो सकता है। बाल श्रम की समस्या का समाधान सरकारी व गैर सरकारी संगठनों, समाज सेवी संस्थाओं के सहयोग से ही किया जा सकता है। इसलिए शीघ्रता से व्यापारिक संगठनों के साथ बैठकें आयोजित करते हुए बाल श्रम अधिनियम के प्रति जागरूक किया जाये। अपर जिलाधिकारी ने विद्यालयों से ड्रॉप आउट बच्चे विद्यालय में ज्यादातर अनुपस्थित रहने वाले बच्चों को चिन्हित करने के निर्देश शिक्षा विभाग के अधिकारियों को देते हुए बाल श्रम करने वाले बच्चों को शिक्षा से जोड़ा जाये।
सहायक श्रम आयुक्त मीनाक्षी भट्ट ने बताया कि बाल श्रम (निषेध और विनियमन) संशोधन अधिनियम-2016 के तहत 14 वर्ष से कम आयु वाले बच्चों को किसी भी व्यवसायिक प्रक्रिया में नियोजित करने की अनुमति नहीं है। 14 से 18 वर्ष के आयु वाले बच्चों को खतरनाक व्यवसायों में नहीं लगाया जा सकता है। हालांकि, यह अधिनियम एक बच्चे को अपने परिवार या पारिवारिक व्यवसाय में मदद करने की छूट देता है, बशर्ते कि वह खतरे का व्यवसाय न हो और बच्चे की स्कूली शिक्षा में व्यवधान न हो। बैठक में उप जिलाधिकारी अजयवीर सिंह, जिला प्रोबेशन अधिकारी अविनाश सिंह भदौरिया, जिला शिक्षा अधिकारी आशुुतोष भण्डारी, एसडीएम संजय सन्त, सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष अंजना, सदस्य नौमान साबिर, सहित गुरमीत सिंह आदि उपस्थित रहे।