एसएसपी को तहरीर देकर पदाधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। सैनी सभा (रजि0), सैनी आश्रम, ज्वालापुर के कोषाध्यक्ष रविपाल सैनी, निवर्तमान प्रधानाचार्य व सैनी सभा के साधारण सदस्य जगपाल सिंह सैनी, वरिष्ठ पत्रकार और प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष व सैनी सभा के साधारण सदस्य मनोज सैनी ने सैनी सभा के ऑडिटर समय सिंह सैनी की ऑडिट रिपोर्ट संलग्न करते हुए सैनी सभा के अध्यक्ष आदेश सैनी, उपाध्यक्ष धूम सिंह सैनी, मंत्री प्रमोद सैनी व कार्यकारिणी सदस्य वेद वृत्त सैनी के खिलाफ हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक व कोतवाली ज्वालापुर में तहरीर देते हुए उपरोक्त चारों पदाधिकारियों पर गम्भीर आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर कड़ी कानूनी कार्यवाही की मांग की है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, हरिद्वार की अनुपस्थिति में पीआरओ विपिन पाठक और कोतवाली ज्वालापुर में दी तहरीर के अनुसार रविपाल सैनी, जगपाल सैनी और मनोज सैनी ने लिखा है कि प्रार्थीगण रविपाल सैनी सैनी आश्रम ज्वालापुर कोषाध्यक्ष , जगपाल सिंह सैनी, मनोज सैनी सैनी आश्रम के साधारण सभा के सदस्य है। सैनी सभा के अध्यक्ष आदेश सैनी, उपाध्यक्ष धूम सिंह सैनी, मंत्री प्रमोद, वेदवृत सैनी सदस्य कार्यकारिणी के पद पर हैं। सैनी सभा का बैंक खाता सैन्ट्रल बैंक ऑफ इण्डिया कनखल में है। सैनी सभा (रजि)), हरिद्वार की नियमावली में स्पष्ट लिखा है कि उक्त सभा के खाते में से अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, मंत्री व कोषाध्यक्ष के हस्ताक्षर से ही चैक के द्वारा सैनी सभा के हित में विकास कार्यों के लिए धनराशि का भुगतान किया जायेगा।
आरोप हैं कि अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, मंत्री और उपरोक्त सदस्य कार्यकारणी ने आपस में सांठ गांठ करके सैनी सभा के साथ धोखाधड़ी करके पैसा हडप कर लिया। जिसमें दिनांक 18 मई .2022 को उपाध्यक्ष धूम सिंह सैनी को एक चैक सं0-099873 दो लाख रूपये को चैक दिया गया। दिनांक 18 जुलाई 2022 को एक चैक सं0 099853 धनराशि 30 हजार रूपये, दिनांक 29 अगस्त.2022 को एक चैक संख्या-099864 धनराशि 7600 रूपये का चैक से निकाले गये।
आरोप हैं कि इसके अलावा अध्यक्ष आदेश सैनी द्वारा मंत्री प्रमोद सैनी द्वारा दिनांक 22 मई 2023 को चैक सं0 111866 से धनराशि 10,000 रूपये, दिनांक 03 अगस्त 2023 को चैक संख्या-090500 से धनराशि 18,000 रूपये, दिनांक 30 अगस्त 2023 चैक सं0 116421 से धनराशि 3500 रूपये, दिनांक 31 जनवरी 2024 को चैक सं0 117488 से धनराशि 10,975 रूपये सैनी सभा के खाते से धोखाधड़ी कर निकाले गये। इसके अलावा सैनी सभा के अध्यक्ष आदेश सैनी द्वारा सदस्य कार्यकारणी वेदवृत सैनी को दिनांक 18 अप्रैल 2022 में चैक सं0 099876 से धनराशि एक लाख रूपय, दिनांक 20 जून 2022 को चैक सं० 099881 से धनराशि 50 हजार रूपये, 21 जून 2022 को चैक सं० 099882 से धनराशि 60 हजार रूपय, दिनांक 08 जुलाई 2022 से चैक सं0 099890 से धनराशि 50 हजार रूपये, दिनांक 21 जुलाई 2022 को चैक सं0 099857 से धनराशि 20 हजार रूपये, दिनांक 16 अगस्त.2022 को चैक सं0 099863 से धनराशि 20 हजार रूपये, दिनांक 19 जून 2023 को चैक सं० 111876 से धनराशि 25 हजार रूपये, दिनांक 21 जून 2023 को चैक सं० 111877 से धनराशि 26 हजार रूपये, दिनांक 11 अक्टूर 2023 को चैक सं० 117115 से धनराशि 11,800 रूपये, दिनांक 17 अक्टूबर.2023 को चैक स. से 1,17,118 रूपये व धनराशि 11,425 रूपये का घोटाला कर सैनी सभा के साथ धोखाधडी की है।
आरोप हैं कि उपाध्यक्ष धूम सिह सैनी द्वारा 11000 रूपये रसीद सं० 045, बुक सं० 022 से 11000 रूपये प्राप्त किये गये, लेकिन सैनी सभा के खाते में आज तक यह रूपया जमा नहीं किया गया। जिसका ऑडिट लेखा परीक्षक समय सिंह सैनी द्वारा कराया गया। जिसमें उनके द्वारा अपनी ऑडिट रिपोर्ट में बताया गया कि रसीद विवरण नही दिखाये गये, दान रसीद नही दिखाई गयी, बिना प्रस्ताव के धन खर्च किया जाना अनियमितता व आपत्तिजनक है, बाऊचर या तो लगाये नहीं गये या दुकानदार से न लेकर खुद ही बना दिये गये, दान में प्राप्त किया गया समस्त व अन्य आय से प्राप्त धन बैंक खाते में जमा नहीं किया गया। दिनांक 02 अप्रैल 2023 की बैठक में चाय के 2 बिल दर्शाये गये हैं 700 रूपये और 500 रूपये किन्तु बिल एक भी मौजूद नही है। दुकानदार से बिल न लेकर अन्य व्यक्ति के नाम चैक काट दिये गये, पक्के बाऊचर नही है। जो किसी अन्य व्यक्ति को भुगतान किया गया, कुछ बिल कच्चे है कुछ चैक संख्या के वाऊचर ही नही है।
आश्रम के लिए टाईल खरीदी गयी है या नहीं, इसका कोई भी बाऊचर नही है और ना ही कोई प्रमाण है। सीमेन्ट के 50 कटटे खरीदना बताया है, लेकिन कोई बाऊचर नही है ऐसा कई बार दिखाया गया है। पलम्बर के नाम से बिल बनाया गया है लेकिन कोई भी बिल बाऊचर नही है। अप्रैल 2023 से जून 2023 तक स्टॉल्स से कोई आमदनी न दर्शाना संदिग्ध बताया क्योंकि एक चैक बुक पूरी भर जाने के बाद ही नई चैक बुक को प्रयोग में लाना चाहिए था और किसी भी सामग्री का कोई पक्का वाउचर नही है और जो कच्चे बिल लगाये गये है, उन पर विक्रेता प्राप्तकर्ता के भी हस्ताक्षर नहीं है। बिना किसी प्रस्ताव के 1,20,000 रूपये का रेत क्रय किया जाना और बिल पर किसी के हस्ताक्षर नही है बिना प्रस्ताव के इतना रेत मंगाना और उपयोग कहाँ करना घोर अनियमितता, लिखित में अपनी आडिट रिपोर्ट में लेखा परीक्षक द्वारा बताया गया है। इसके साथ ही ईंट की खरीद टाईल्स पर कोई भी बिल वाउचर, सीमेन्ट स्टोर से लिया गया कोई भी बिल बाउचर, आश्रम खर्च के लिए विशाखा धीमान के नाम से भुगतान किया जाना बताया। परन्तु व्यय का कोई बिल वाउचर नही है जिससे स्पष्ट है कि इन उपरोक्त पदाधिकारीयों द्वारा कार्य प्रबन्ध समिति के प्रस्ताव के बिना किये गये है जिससे व्यय हरण की प्रबल सम्भावना अपनी आडिट में लेखा परीक्षक द्वारा बतायी गयी है।
क्रय किये गये किसी भी सामान की निविदायें/कोटेशन नही ली गयी है, ना ही प्रबन्ध समिति से अनुमति ली गयी है और प्रमोद सैनी को आडिटर द्वारा दिनांक 07 अगस्त 2024 में उपरोक्त समस्त रिकार्ड की वायत मांग करने पर दिनांक 25 अगस्त 2024 में बताया गया कि रिकार्ड चार्टड एकाउन्टेट के पास है और जून 2022 से दिसम्बर 2022 तक आडिट ही नही हो सका, बार-बार बहाना बनाकर रिकार्ड को ना दिखाना संदेह उत्पन्न करना आडिटर ने अपनी रिपोर्ट में बताया है। दिनांक 10 अगस्त 2024 को प्रबन्ध समिति की बैठक में संरक्षक साधारण सभा के सदस्य जगपाल सिंह सैनी पूर्व प्रधानाचार्य ने केपी सैनी प्रो० देवभूमि विल्डर ने सैनी आश्रम ज्वालापुर को 5 लाख रूपये का चैक सं0-842907 से अध्यक्ष उदेश सैनी को सैनी आश्रम हेतु दिया था किन्तु दानदाता से भी धोखाधडी कर अन्य बैंक खाते में उक्त बैंक सं0-842907 आईडीबी उत्तराखण्ड स्टेट कॉपरेटिव में दिनांक 21 मार्च 2024 को भुगतान कराकर उक्त धनराशि हडपने का आरोप है।
तहरीर में आरोप लगाया गया हैं कि इस सम्बन्ध में केपी सैनी द्वारा बार-बार रसीद मांगने पर दान की रसीद भी नही दी गयी है और उक्त चैक की प्राप्ति की पुष्टि रविपाल सैनी कोषाध्यक्ष एंव कई सदस्यों ने भी की है। पाँच लाख रूपये सैनी सभा के खाते में आज तक जमा नही कराये गये है, जिससे स्पष्ट है कि आदेश सैनी अध्यक्ष, धूम सिंह सैनी उपाध्यक्ष व प्रमोद सैनी मंत्री व वेदवृत सदस्य कार्यकारिणी के द्वारा आपस में सांठ गांठ करके व कूटरचना कर करोडों रूपये हडप लिये। तहरीर के द्वारा उक्त पदाधिकारियांे के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्यवाही की मांग की गयी है।