
■हत्यारोपियों को आजीवन कारावास के साथ-साथ आर्थिक दण्ड देने की भी सजा
■प्रेमिका के बुलाने पर मिलने गये प्रेमी की युवती के परिजनों ने किया था जानलेवा हमला
■घायल प्रेमी की चंडीगढ पीजीआई हॉस्पिटल में हुई थी उपचार के दौरान मौत
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। प्रेम प्रसंग के चलते युवक की हत्या मामले में द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश संजीव कुमार ने तीन आरोपियों को दोषी पाते हुए उनको आजीवन कारावास व 25-25 हजार रुपये आर्थिक दण्ड देने की सजा सुनाई है।
शासकीय अधिवक्ता राजकुमार ने बताया कि 17 मई 2018 को भगवानपुर थाना क्षेत्र स्थित गांव चानचक निवासी मुस्तकीम ने अपने गांव के रहने वाले सुलेमान पुत्र जहूर, रहबर पुत्र सुल्तान व अलीम पुत्र अमीर आलम के खिलाफ अपने पुत्र तनवीर को बंधक बनाकर जानलेवा हमला करने का मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें बताया था कि हत्यारोपी सुलेमान की पुत्री का मृतक तनवीर से प्रेम प्रसंग चल रहा था। घटनानुसार 15 मई 2018 को रात के करीब 11.30 बजे हत्यारोपी सुलेमान की पुत्री ने तनवीर को फोन कर अपने घर मिलने के लिए बुलाया था। रात को किसी समय तनवीर अपनी प्रेमिका के घर चला गया था।
सुलेमान के घर से रात करीब 2.00 बजे तनवीर के चीखने की आवाज सुनाई दी थी। चीख की आवाज सुनकर गांव के लोग मौके पर पहुंचे थे। जिन्होंने सुलेमान एवं उसके नाबालिग पुत्र तथा रहबर व अलीम को पाठल, तबल व सरियों से तनवीर पर जानलेवा हमला करते देखा था। मौके पर पुलिस के आने की भनक लगते ही आरोपी मौके से फरार हो गये थे। मुस्तकीम ने पुलिस की मदद से गंभीर रूप से घायल तनवीर को रुड़की अस्पताल पहुंचा था। जहां पर उसकी गंभीर हालत को देखते हुए चिकित्सकों ने घायल तनवीर को उपचार के लिए दून हॉस्पिटल रेफर किया, लेकिन वहां पर भी हालत गम्भीर होने पर घायल को पीजीआई चंडीगढ़ रेफर कर दिया गया था। जहां उपचार के दौरान 20 मई 2018 को तनवीर की मौत हो गई थी।
पुलिस ने तनवीर की हत्या मामले में तीनों हत्यारोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। वादी पक्ष ने साक्ष्य में 19 गवाह पेश किए। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने हत्यारोपियों सुलेमान, रहबर व अलीम को दोषी पाते हुए सजा सुनाई हैं। घटना के वक्त हत्यारोपी सुलेमान का नाबालिग पुत्र भी हमले में शामिल था। विवेचना के दौरान नाबालिग होने की पुष्टि होने पर उसकी पत्रावली किशोर न्याय बोर्ड में सुनवाई के लिए अलग कर दी गई थी।