
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत केंद्रीय बजट-2025 पर उत्तर प्रदेश उत्तराखंड पेंशनर्स समन्वित मंच उत्तराखण्ड मुख्य संयोजक जेपी चाहर ने कहा कि केंद्रीय बजट को पिछले दस वर्षों की तुलना में बेहतर बजट बताते हुए स्वागत किया है। कहा है कि बीते दस वर्षों से मध्यम वर्ग और खासकर नौकरी पेशा व पेंशनर के लिए कोई राहत सरकार नहीं देती थी, उल्टा बढ़े हुए महंगाई भत्ते को इनकम टैक्स के रूप में वापस लेती रही है।
श्री चाहर ने बजट को अपेक्षाकृत संतोषजनक बताते हुए कहा कि स्टैण्डर्ड डिडक्सन को कम से कम डेढ़ लाख किया जाना चाहिए। पेंशनर की माँग पर विचार कर पेंशन को आय कर से मुक्त रखना चाहिए था। अगले वर्ष जनवरी से आठवें वेतन आयोग की संस्तुतियों के लागू हो जाने की दशा में कर्मचारी पेंशनर्स को मिलने वाली कुल परिलब्धियों में बृद्धि होगी, जो इस सीमा तक पहुंचने की संभावना है कि प्रत्येक कर्मचारी तथा पेंशनर को टैक्स देना पड़ेगा और नतीजा बराबर ही रह सकता है।
उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आयकर व्यवस्था को जटिल बनाकर कर दाताओं को परामर्शदाताओं के पास जाने को बाध्य किया गया है। जिससे कर्मचारी पेंशनर का शोषण होसकता है। उन्होंने एक बार फिर पेंशन को आयकर से मुक्त रखने का मुद्दा दुहराया है।