
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्षा श्रीमती आशा नौटियाल दीदी के निर्देशानुसार हरिद्वार महिला मोर्चा की जिला महामंत्री प्रीति गुप्ता, जिला उपाध्यक्ष रेनू शर्मा, मन्नू रावत और जिला मंत्री सोनिया अरोरा द्वारा इमली खेड़ा पहुंचकर हथकरघा उद्योग से जुड़े हथकरघा कर्मी बहनों और भाइयों को पुष्प माला पहनाकर सम्मानित किया। बता देें कि हर साल 7 अगस्त को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस पूरे में मनाया जाता है। बुनकरों को समर्पित राष्ट्रीय हथकरघा दिवस को मनाए जाने की शुरूआत वर्ष 2015 में की गई थी। इस अवसर पर हथकरघा यानि हैंडलूम के क्षेत्र में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों बढ़ावा देने के उद्देश्य से देश भर में विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।

हथकरघा दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि “सरकार अपने बुनकरों को दुनिया का सबसे बड़ा बाजार उपलब्ध कराने के लिए एक स्पष्ट रणनीति के साथ काम कर रही है।” दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियां भारत के एमएसएमई, बुनकरों, कारीगरों और किसानों के उत्पादों को दुनिया भर के बाजारों तक पहुंचाने के लिए आगे आ रही हैं। उन्होंने ऐसी विभिन्न कंपनियों के प्रमुख व्यक्तियों के साथ हुई सीधी चर्चा पर प्रकाश डाला, जिनके पास दुनिया भर में बड़े स्टोर, खुदरा आपूर्ति श्रृंखला, ऑनलाइन प्लेटफार्म और दुकानें हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी कंपनियों ने अब भारत के स्थानीय उत्पादों को दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचाने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा, “चाहे मोटे अनाज हों या हथकरघा उत्पाद, ये बड़ी अंतरराष्ट्रीय कंपनियां इन उत्पादों को दुनिया भर के बाजारों में ले जाएंगी।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उत्पाद भारत में बनाए जाएंगे और इन बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा आपूर्ति श्रृंखला का उपयोग किया जाएगा।
वस्त्र उद्योग और फैशन जगत से जुड़े लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने दुनिया की शीर्ष-3 अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनने के लिए उठाए गए कदमों के साथ-साथ अपनी सोच और काम के दायरे को विस्तार देने की जरूरत पर भी जोर दिया। उन्होंने रेखांकित किया कि भारत के हथकरघा, खादी और वस्त्र क्षेत्र को विश्व चौंपियन बनाने के लिए ‘सबका प्रयास‘ की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा, “चाहे श्रमिक हो, बुनकर हो, डिजाइनर हो या उद्योग हो, हर किसी को समर्पित प्रयास करना होगा।” उन्होंने बुनकरों के कौशल को पैमाने और प्रौद्योगिकी के साथ जोड़ने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। भारत में नव-मध्यम वर्ग के उदय पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रत्येक उत्पाद के लिए एक विशाल युवा उपभोक्ता वर्ग बन रहा है और यह वस्त्र कंपनियों के लिए एक बड़ा अवसर प्रस्तुत करता है। इसलिए स्थानीय आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करना और उसमें निवेश करना भी इन कंपनियों की जिम्मेदारी है। उन्होंने भारत के बाहर तैयार कपड़े को आयात करने के दृष्टिकोण की निंदा की।
उन्होंने स्थानीय आपूर्ति श्रृंखला में निवेश करने और इसे भविष्य के लिए तैयार करने पर जोर दिया और कहा कि क्षेत्र से जुड़ी बड़ी कंपनियों को यह बहाना नहीं बनाना चाहिए कि इतने कम समय में यह कैसे संभव होगा। उन्होंने कहा,“यदि हम भविष्य में लाभ उठाना चाहते हैं तो हमें वर्तमान में स्थानीय आपूर्ति श्रृंखला में निवेश करना होगा। यही विकसित भारत के निर्माण और 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के सपने को साकार करने का तरीका हैं। उन्होंने आगे कहा कि हमारे स्वतंत्रता सेनानियों का स्वदेशी से जुड़ा सपना इस रास्ते पर चलकर ही पूरा होगा। जो लोग आत्मनिर्भर भारत के सपने बुनते हैं और ‘मेक इन इंडिया‘ को ताकत देते हैं, वे खादी को सिर्फ कपड़ा नहीं, बल्कि एक हथियार मानते हैं।