■सफाई कर्मचारियों के वेतन के लिए नहीं हैं कोई बजट, फिर भी लिया जा रहा था काम
■ठेकेदार को अस्पताल की ओर से नहीं मिला 10 माह से वेतन के लिए भुगतान
■जिला व महिला अस्पताल के सफाई कर्मचारी पिछले दो माह से वेतन के लिए थे परेशान
■पीएमएस ने ठेकेदार व मुख्य प्रशासनिक अधिकारी से ली पूरे मामले की जानकारी
■वेतन ना मिलने पर मुख्य प्रशासनिक अधिकारी की सामने आये लापरवाही, स्पष्टीकरण मांगा
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। जिला अस्पताल हरिद्वार और राजकीय महिला चिकित्सालय के सफाई कर्मचारियों को दो माह का वेतन ना मिलने पर उन्होंने हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया हैं। जिसकी जानकारी सफाई कर्मचारियों ने अस्पताल के पीएमएस से मिलकर दे दी है। जिसके बाद जिला अस्पताल प्रबधंन में हड़कम्प मच गया है। पीएमएस ने सफाई कर्मचारियों के वेतन के सम्बंध में ठेकेदार और मुख्य प्रशासनिक अधिकारी से मामले की जानकारी ली गयी। जिसमें सफाई कर्मचारियों के वेतन न निकलने के पीछे अस्पताल के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी की घोर लापरवाही सामने आयी है। अस्पताल प्रबंधन की ओर से मुख्य प्रशासनिक अधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है।
बताते चले कि जिला अस्पताल हरिद्वार और राजकीय महिला चिकित्सालय समेत रक्त कोष में ठेके पर सफाई कर्मचारी तैनात है। जिसका ठेका अजय सैनी के पास है। ठेकेदार के मुताबिक जिला अस्पताल में रक्त कोष समेत 14 सफाई कर्मचारी तैनात है। जबकि राजकीय महिला चिकित्सालय में 09 सफाई कर्मचारी तैनात है। बताया जा रहा हैं कि सफाई कर्मचारियों के ठेकेदार को पिछले करीब 10 माह से जिला अस्पताल और राजकीय महिला चिकित्सालय के सफाई कर्मचारियों का एक साल के वेतन के लिए भुगतान नहीं किया गया है। जबकि ठेकेदार की ओर से दोनों अस्पतालों के सफाई कर्मचारियों को अपने स्तर से वेतन दिया जाता रहा, लेकिन पिछले दो माह से दोनों अस्पतालों में तैनात सफाई कर्मचारियों को वेतन देने में ठेकेदार ने अपनी असमर्थता जाहिर की है। जिसके बाद सफाई कर्मचारियों ने दो माह का वेतन ना मिलने पर जिला अस्पताल और राजकीय महिला चिकित्सालय में हड़ताल पर जाने की घोषणा कर दी है। सफाई कर्मचारियों ने जिला अस्पताल के पीएमएस डॉ. सीपी त्रिपाठी से मिलकर हड़ताल पर जाने की घोषणा का लिखित में पत्र सौपा गया है। जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन में हड़कम्प मच गया है।
बता दें कि जिला अस्पताल, राजकीय महिला चिकित्सालय और रक्त कोष पीएमएस डॉ. सीपी त्रिपाठी के आधीन आते है। इसलिए तीनों में सफाई व्यवस्था चौपट होने की सम्भावना को देखते हुए अनन-फनन में पीएमएस ने सफाई कर्मचारी ठेकेदार अजय सैनी और मुख्य प्रशासनिक अधिकारी दिनेश चन्द्र धनौसी से पूरे मामले की जानकारी जुटाई गई। सफाई कर्मचारियों के वेतन प्रकरण में सीधे-सीधे अस्पताल के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी की घोर लापरवाही सामने आयी है। जिन्होंने ठेकेदार को जिला अस्पताल के सफाई कर्मचारी का करीब 10 माह और राजकीय महिला चिकित्सालय के सफाई कर्मचारी का करीब एक साल का वेतन का भुगतान नहीं किया गया है। दोनों अस्पतालों में सफाई कर्मचारियों के वेतन का बजट ही अस्पताल के पास मौजूद नहीं है। उसके बावजूद भी उनसे काम लिया जा रहा था। आरोप हैं कि मुख्य प्रशासनिक अधिकारी द्वारा सफाई कर्मचारियों के वेतन के बजट के लिए कोई गम्भीरता व दिलचस्पी नहीं दिखाई, जिसकारण हालत आज यहां तक पहुंच गये कि सफाई कर्मचारियों को हड़ताल पर जाने का निर्णय लेना पड़ा।
चिकित्साधिकारी डॉ. विकास दीप ने बताया कि दोनों अस्पताल के सफाई कर्मचारियों को दो माह का वेतन न मिलने पर सफाई कर्मचारियों ने गुरूवार से हड़ताल पर जाने घोषणा की है। जिसके सम्बंध में उनके द्वारा एक पत्र भी प्रबंधन को दिया गया है। जब प्रबंधन द्वारा मामले की तह तक पहुंचने के लिए ठेकेदार और मुख्य प्रशासनिक अधिकारी से जानकारी जुटाई गयी तो मालूम हुआ कि सफाई कर्मचारियों को वेतन ना मिलने के पीछे मुख्य प्रशासनिक अधिकारी की घोर लापरवाही सामने आयी है। जिसके लिए उनको पत्र भेजकर स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है। वहीं प्रबंघन द्वारा प्रयास किया जा रहा हैं कि सफाई कर्मचारी हड़ताल पर ना जाये। इसके लिए ठेेकेदार से वार्ता कर बीच का रास्ता निकालने की कौशिश की जा रही है।
ठेकेदार अजय सैनी ने बताया कि जिला अस्पताल में 14 और राजकीय महिला चिकित्सालय में 09 सफाई कर्मचारी तैनात है। उनको पिछले करीब एक साल से सफाई कर्मचारियों के वेतन के सम्बंध में कोई भुगतान अस्पताल की ओर से नहीं किया गया। लेकिन उसके बावजूद उनके द्वारा उन्होंने सफाई कर्मचारियों को अपने ओर से वेतन दिया जाता रहा। लेकिन पिछले दो माह से सफाई कर्मचारियों के वेतन का भुगतान वह नहीं कर पा रहे है। जिसको लेकर सफाई कर्मचारी नाराज हैं और उन्होंने हड़ताल पर जाने की निर्णय लिया है। अस्पताल प्रबंधन के बीच वार्ता का दौर जारी हैं। उनका प्रयास हैं कि सफाई कर्मचारियों को वेतन मिले और उनको हड़ताल पर ना जाना पड़े। इस सम्बंध में अस्पताल प्रबंधन और उनके बीच वार्ता कर बीच का हल ढूढने की कौशिश की जा रही हैं, ताकि सफाई कर्मचारियों को हड़ताल पर ना जाना पड़े।
मुख्य प्रशासनिक अधिकारी दिनेश चन्द्र धनौसी ने बताया कि उनके ऊपर लगाये जा रहे घोर लापरवाही के आरोप निराधार है। अस्पताल में जैसे बजट उपलब्ध होता हैं तो ठेकेदार अजय सैनी को प्राथमिकता के आधार पर उनका भुगतान समय-समय पर किया जाता है। ठेकेदार द्वारा यह आरोप लगाना कि जिला अस्पतपाल में 10 माह से भुगतान नहीं किया गया हैं वह सरासर गलत है। जबकि ठेकेदार अजय सैनी को अप्रैल 24 और मई 24 में भी भुगतान किया गया है। सफाई कर्मचारियों को वेतन देने की जिम्मेदारी ठेकेदार अजय सैनी की हैं, वह हर बार सफाई कर्मचारियों के वेतन को लेकर उनके ऊपर दबाब डालते है। जबकि सफाई कर्मचारियों के लिए अलग से शासन की ओर से कोई बजट की व्यवस्था नहीं है। जबकि राजकीय महिला चिकित्सालय उनके आधीन नहीं आता हैं उसके सम्बंध में वह कोई टिप्पणी नहीं करेगें। लेकिन जिला अस्पताल में शासन की ओर से जैसे बजट मिलता हैं उसके हिसाब से सभी व्यवस्थाओं के लिए भुगतान किया जाता है।