मुकेश वर्मा
हरिद्वार। विश्व हिन्दू परिषद के प्रान्त अध्यक्ष रविदेव आनन्द ने देश में लागू हुए नागरिकता संशोधन अधिनियम का स्वागत करते हुए कहा है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम को लागू करने का निर्णय ऐतिहासिक है। इससे पाकिस्तान, बांग्लादेश व अफगानिस्तान में धर्म के आधार पर भय, भेदभाव, अत्याचार, आतंक और धर्मांतरण से पीड़ित अल्पसंख्यक समुदाय को सम्मानजनक जीवन जीने का मार्ग प्रशस्त हुआ है। नागरिकता संशोधन अधिनियम किसी भी नागरिक या समुदाय की नागरिकता छीनने का नहीं वरन नागरिकता देने का कानून है। विश्व हिन्दू परिषद, उत्तराखण्ड इस ऐतिहासिक निर्णय को देश में लागू कराने के लिए देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं गृहमंत्री अमित शाह का अभिनंदन और आभार प्रकट करती हैं।
उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धर्म के आधार पर प्रताड़ित शरणार्थियों के लिए भारत की नागरिकता प्राप्त करने का रास्ता अब साफ हो गया है। इस कानून से तीनो देशों के पीड़ित अल्पसंख्यक समुदाय के व्यक्ति भारत में नागरिकता प्राप्त कर सम्मान और समान अधिकार के साथ जीवन यापन कर सकते हैं। यह उन सभी व्यक्तियों को शरण, सम्मान और प्रतिष्ठा देने की भारतीय सनातन संस्कृति के अनुरूप है जो बाहर के देशों में धर्म के आधार पर पीड़ित और अपमान सहते हैं तत्पश्चात भारत माता की शरण लेते हैं। विश्व हिन्दू परिषद नागरिकता संशोधन अधिनियम के अंतर्गत भारत की नागरिकता प्राप्त करने जा रहे सभी भाइयों-बहनों का हार्दिक अभिनन्दन करती हैं।