
*खंड शिक्षा अधिकारी की जांच में सत्य पाए गए आरोप, सीईओ को भेजी रिपोर्ट
*जमालपुर के राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जमालपुर कलां का मामला
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। प्रवेशोत्सव के दिन राजकीय उच्चत्तर माध्यामिक विद्यालय जमालपुर कलां का गेट प्रधानाचार्य प्रमोद कुमार बर्थवाल के निर्देश पर बंद कर दिये जाने के आरोपों की खंड शिक्षा अधिकारी की जांच रिपोर्ट में सही पाए गए। इस रिपोर्ट को कार्रवाई के लिए मुख्य शिक्षा अधिकारी को भेजा गया है। जिसके बाद अब प्रधानाचार्य पर प्रकरण में कार्रवाई की भी सम्भावना जताई जा रही है।
बता दें कि 21 अप्रैल 25 को प्रदेशभर में प्रवेशोत्सव मनाया गया था, उस दिन सरकारी स्कूलों में बच्चों के नए प्रवेश भी लिए गए थे, लेकिन, राजकीय उच्चत्तर माध्यामिक विद्यालय जमालपुर कलां के गेट अभिभावकों के लिए नहीं खोले गए थे। जिससे अपने बच्चों के सरकारी स्कूल में प्रवेश के लिए पहुंचने वाले अभिभावक धूप में स्कूल के गेट के ही बाहर खड़ा रहना पड़ा था। बताया जा रहा हैं कि स्कूल में प्रवेश नहीं होने से बच्चे और अभिभावक को काफी इंतजार करने के बाद वापस अपने घरों को बैरंग लौटना पड़ा था। इस बात की शिकायत मिलने पर मुख्य शिक्षा अधिकारी ने पूरे मामले को गम्भीरता से लेते हुए खंड शिक्षा अधिकारी बृजपाल सिंह राठौकर को जांच अधिकारी नामित किया गया था। जिसके बाद उन्होंने स्कूल में पहुंचकर पूरे प्रकरण की जांच की।
जांच अधिकारी खंड शिक्षाधिकारी ने प्रधाधानाचार्य, एसएमसी अध्यक्ष, शिक्षक, शिक्षिका व छात्र-छात्राओं से पूछताछ की गई। जांच में पाया गया कि 21 अप्रैल को प्रवेशोत्सव के दिन विद्यालय में प्रवेश उत्सव के दौरान स्कूल के मुख्य द्वार पर परिचारक की डयूटी लगाई गई थी। परिचारक को प्रधानाचार्य प्रमोद कुमार बर्थवाल की ओर से निर्देशित किया गया था कि विद्यालय में छात्र प्रवेश के लिए सीट रिक्त नहीं है, इस सूचना से अभिभावकों को अवगत करा दें। येे सूचना परिचारक की ओर से बंद गेट पर ही अभिभावकों को दी गयी थी।
बताया जा रहा हैं कि फिर भी अभिभावकों की ओर से अपने बच्चों को प्रवेश के लिए स्कूल के गेट पर काफी समय व्यतीत किया गया, क्योंकि, प्रधानाचार्य के निर्देश पर स्कूल का गेट ही नहीं खोला गया था। इससे स्कूल में अभिभावक अपने बच्चों के प्रवेश नहीं करा सके।खंड शिक्षा अधिकारी की ओर से जांच कर रिपोर्ट मुख्य शिक्षा अधिकारी केके गुप्ता को भेज दी गई है। जिसके बाद अब मामले में मुख्य शिक्षा अधिकारी की ओर से ही प्रधानाचार्य प्रमोद कुमार बर्थवाल के खिलाफ रिपोर्ट पर निर्णय लिया जाएगा।