
समाज सेविका पिछले डेढ वर्षो से कर रही निधन, निराश्रितो व कुष्ठ रोगियों की मदद
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। एक समाज सेविका ने जिला अस्पताल के निराश्रित वार्ड में भर्ती मरीजों को ठंड से बचाव के लिए पीएमएस को कम्बल सौपे है। बताया जा रहा हैं कि समाज सेविका पिछले डेढ वर्षो से निर्धनों, निराश्रितों समेत कुष्ठ रोगियों के मदद करने का धर्मार्थ कार्य कर रही है। समाज सेविका बिना किसी के सहयोग के अपने बचत के पैसों से ही धर्मार्थ के परोपकर कार्यो में जुटी है। मध्यम परिवार से तालुक रखने वाली समाज सेविका अपने सास-ससुर की प्ररेणा से निर्धनों की मदद कर रही है।
जिला अस्पताल हरिद्वार के पीएमएस डॉ. सीपी त्रिपाठी ने बताया कि विवेक विहार कॉलोनी रानीपुर मोड़ हरिद्वार निवासी समाजसेविका श्रद्धा शर्मा पिछल डेढ वर्षो से गरीब, निराश्रितों व कुष्ठ रोगियों की मदद करने का परोपकर कर रही है। समाज सेविका ने आज अस्पताल पहुंचकर निराश्रित वार्ड में भर्ती मरीजों को ठंड से बचाव के लिए कम्बल दिये है। अस्पताल के निराश्रित वार्ड में वो मरीज भर्ती होते हैं जोकि अपनी सुदबुध खो चुके और घायल होते है। जिनका उपचार करने वाले चिकित्सक व निराश्रित वार्ड में तैनात स्टॉफ अपनी ड्यूटी निभाने के साथ-साथ एक मार्मिक पहलु से जुडकर उनकी सेवा कर रहे है। अस्पताल के चिकित्सक निराश्रित वार्ड में भर्ती मरीजों का उपचार मानवीय आधार को प्राथमिकता देते हुए अपना कर्त्तव्य निभा रहे है।
उन्होंने बताया कि चिकित्सकों समेत स्टॉफ भी निराश्रितों की जरूरत को पूरा करने के लिए अपने जेब खर्च से कुछ ना कुछ अशं दान देकर उनकी जरूरतों को पूरा कराया जाता है। समाज सेविका की तरह शहर कुछ ओर भी दानी सज्जन अस्पताल के निराश्रित वार्ड में भर्ती मरीजों की सेवा में योगदान दे रहे है। जोकि नाकाफी हैं, शहर के अधिकांश लोगों को अभी तक अस्पताल में निराश्रित वार्ड की जानकारी तक नहीं हैं, हमारा प्रयास हैं कि शहर के अधिक से अधिक लोगों व दानी सज्जनों को अस्पताल के निराश्रित वार्ड और वहां पर भर्ती होने वाले मरीजों की सही जानकारी मिले साथ ही चिकित्सक व स्टॉफ किन परिस्थितियों में बेसुध निराश्रितो का कैसे उपचार करते हुए उनको परिवार का हिस्सा मानकर बच्चो की तरह ख्याल रखकर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे है।
समाज सेविका श्रद्धा शर्मा ने बताया कि वह मध्यम परिवार से तालुक रखती है। लेकिन वह गरीब, निराश्रितो और कुष्ठ रोगियों की सेवा करने का परोपकार अपने सास-ससुर की प्ररेणा से कर रही है। मेरा सौभाग्य हैं कि मुझे अपने मायके और ससुराल में समाज सेवा जैसे परोपकार करने के संस्कार मिले है। उनके द्वारा पिछले डेढ साल से गरीब, निराश्रितों और कुष्ठ रोगियों के लिए कुछ ना कुछ जरूरत की चीजों को सेवाभाव से उन तक पहुंचने का काम कर रही है।
उन्होंने बताया कि उनके द्वारा जिला अस्पताल में निराश्रितों के लिए पूर्व में भी उनकी जरूरत की वस्तुओं को उन तक पहुंचा चुकी हैं और आगे भी उनकी सेवा करने का काम उनकी ओर से निरंतर जारी रहेगा। चंडीघाट पुल के नीचे कुष्ठ आश्रम में भी उन्होंने कुष्ठ रोगियों के लिए उनकी जरूरत के समान को उन तक पहुंचने का काम भी किया है। उनका प्रयास रहेगा कि भविष्य में भी उनके सेवाभाव का क्रम लगातार यूं ही चलता रहेगा।