
■घटना को लेकर तरह-तरह की सम्भावनाए सामने आ रही
■कुछ लोग घटना को सुसाइड मान रहे तो कुछ घटना को हादसा
■सवाल उठता हैं कि अस्पताल की छत के रास्ते बंद थे तो मरीज ऊपर कैसे पहुंचा
■पुलिस सीसीटीवी कैमरों को खंगालते हुए घटना की जांच में जुटी
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। राजकीय मेला अस्पताल में भर्ती मरीज की सोमवार देर रात छत से गिरकर मौत हो गयी। घटना की जानकारी तड़़के लगने से अस्पताल में हड़कम्प मच गया। बताया जा रहा हैं कि युवक नशे के लत का शिकार होने के साथ-साथ दौरे की बीमारी से ग्रस्त था। जिसको उपचार के लिए कल ही भर्ती कराया गया था। सवाल उठता हैं कि अस्पताल की छत का रास्ता बंद होने के बावजूद आखिर युवक ऊपर कैसे पहुंचा। जबकि अस्पताल प्रबंधन का तर्क हैं कि अस्पताल की ओपीडी बंद होने के बाद ही छत पर जाने वाले रास्ते पर ताला लग जाता है। सूचना पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस अस्पताल में लगे सीसीटीवी कैमरों की फूटेज को खंगालते हुए घटना की तह तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बीती देर रात राजकीय मेला अस्पताल की छत से गिरकर मरीज की मौत हो गयी। घटना की जानकारी मंगलवार की तड़के उस वक्त लगी जब मरीज के परिजनों द्वारा अचानक जनरल वार्ड में भर्ती मरीज लापता दिखा। जिसकी परिजनों द्वारा तलाश की गयी तो मरीज का शव अस्पताल के जनरेटर रखे साइड पर पड़ा मिला। घटना से अस्पताल में हड़कम्प मच गया। सूचना पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में ले लिया।
मृतक की पहचान तरूण पुत्र स्व. अशोक उम्र 24 वर्ष निवासी बिल्केश्वर रोड़ वाल्मिकी मन्दिर के सामने निर्मला छावनी हरिद्वार के तौर पर हुई। पुलिस ने घटना की जानकारी जुटाने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया। बताया जा रहा हैं कि तरूण नशे की लत का शिकार होने के साथ-साथ दौरे बीमारी से भी गस्त था। जिसका पूर्व में भी राजकीय मेला अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ. राजीव रंजन से उपचार चल रहा था।
बताया जा रहा हैं कि बीते दिन परिजन तरूण को लेकर मेला अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ. राजीव रंजन के पास पहुंचे। जिन्होंने मरीज की स्थिति को देखते हुए उसको भर्ती कर एमआरआई कराया गया। एमआरआई की रिपोर्ट मंगलवार को आनी थी। सवाल यह उठता हैं कि आखिर मरीज अस्पताल की छत पर आखिर कैसे पहुंचा। जबकि अस्पताल प्रबंधन के अनुसार अस्पताल की ओपीडी बंद होने के बाद अस्पताल की छत के रास्ते पर ताला लग जाता है, तो ऐसे में मरीज अस्पताल की छत पर कैसे पहुंचा, यह बात की किसी की समझ में नहीं आ रही है।
घटना को लेकर तरह-तरह की बाते भी सामने आ रही हैं, कुछ लोग घटना को सुसाइड बता रहे हैं तो कुछ इस घटना को इस दलील के साथ हादसा बता रहे है कि मरीज छत पर पहुंचा होगा और इसी दौरान उसको दौरा पड़ने पर नीचे गिरकर मौत हो गयी होगी। घटना कुछ भी हो सकती हैं फिलहाल पुलिस अस्पताल में लगे सीसीटीवी फूटेज खंगालते हुए मामले की जांच मंे जुटी है।
राजकीय मेला अस्पताल कार्यवाहक सीएमएस डॉ. विवेक तिवारी ने बताया कि मरीज का उपचार मनोचिकित्सक डॉ. राजीव रंजन तिवारी द्वारा किया जा रहा था। जिन्होंने मरीज को बीते दिन अस्पताल में भर्ती कर उसका एमआरआई कराया गया था। जिसकी रिपोर्ट आज मिलनी थी। अस्पताल में मरीज के साथ उसकी माता और अन्य परिजन होने के बाद आखिर मरीज कैसे छत पर कहे या फिर दूसरी मंजिल पर कहे कैसे पहुंचा और किन परिस्थितियों में नीचे गिरा यह सब जांच का विषय है।
जब तक पुलिस जांच में कुछ स्पष्ट नहीं हो जाता, तब तक यह कहना भी जल्द बाजी होगी की मरीज छत से ही नीचे गिरा। जबकि अस्पताल में ओपीडी बंद होने के बाद छत के रास्ते बंद कर दिये जाते है। सीसीटीवी कैमरों की फूटेज के आधार पर पता लगाया जा रहा हैं कि मरीज कौन सी मंजिल या छत पर पहुंचा। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।