■आसपास की फैक्ट्रीयों में मची अफरा-तफरी, सुरक्षा की दृष्टि से कर्मियों को बाहर निकाला
■दमकल विभाग की 8 गाड़ियों ने सुबह आग पर पाया काबू, एचआर कर्मी ने भाग कर बचाई जान
■फैक्ट्री एजेस्ट फैन और प्लास्टिक प्रोडेक्ट का करती थी निर्माण, करोड़ो का नुकसान
■आग को बुझाने के लिए हरिद्वार, रूड़की और ऋषिकेश से मांगानी पड़ी गाड़ियां
■आग लगने के वक्त नहीं हो रहा था काम, फैक्ट्री बंद होने से बड़ा हादसा टला
■समाचार लिखने जाने तक आग लगने के सही कारणों का नहीं चल सका पता
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। सिड़कुल स्थित केकेजी फैक्ट्री में सोमवार की रात अचानक भीषण आग लग गयी। जिससे क्षेत्र में हड़कम्प मच गया। सूचना पर पुलिस और दमकल विभाग की गाड़िया मौके पर पहुंची। आग की भीषणता को देखते हुए हरिद्वार, रूड़की और ऋषिकेश से दमकल विभाग की गाड़ियों मौके पर बुलाया गया। बताया जा रहा हैं कि जिस वक्त फैक्ट्री में आग लगी उस वक्त फैक्ट्री बंद थी। जिसकारण बड़ा हादसा होने से टल गया। दमकल की आठ गाड़ियां रात भर आग पर काबू पाने के जुटी रही, जिन्होंने मंगलवार की सुबह आग पर काबू पाने में सफलता हासिल की।
लेकिन सुबह कुछ देर बाद ही फिर आग भड़क उठी रही। समाचार लिखे जाने तक दकमल विभाग की गाड़ी मौके पर आग पर काबू पाने का प्रयास कर रही है। रात को आग की भीषणता को देखते हुए आसपास की कम्पनियों में भी अफरा-तफरी मच गयी। बताया जा रहा हैं कि आसपास की कम्पनियों के कर्मचारियों को सुरक्षा की दृष्टि से बाहर निकाल लिया गया। बताया जा रहा हैं कि केकेजी फैक्ट्री एडजेस्ट फैन व प्लास्टिक प्रोडेक्ट का निर्माण करती हैं और पोलिमर दाने को रा मैटेरियल के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था। पोलिमर दाने की वजह से आग ने उग्रता दिखाई। आग की घटना में करोड़ों के नुकसान की बात कही जा रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बीती रात सिडकुल स्थित केकेजी फैक्ट्री में अचानक भीषण आग लग गयी। आग की सूचना पर पुलिस और सिडकुल दमकल विभाग की तीन गाड़ियों ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाने का प्रयास किया। लेकिन आग की भीषणता को देखते हुए हरिद्वार से तीन, रूड़की से एक और ऋषिकेश से एक दमकल विभाग की गाड़ी को मौके पर बुला लिया गया। फैक्ट्री में लगी भीषण आग पर दमकल विभाग की आठ गाड़ियां आग पर काबू पाने में जुट गयी। बताया जा रहा हैं कि फैक्ट्री में जिस वक्त आग लगी, उस वक्त फैक्ट्री बंद थी। लेकिन एचआर में कार्यरत एक कर्मी फैक्ट्री में मौजूद था। जिसने फैक्ट्री से बाहर भाग कर अपनी जान बचाई। बताया जा रहा हैं कि आग की भीषणता को देखते हुए घटना स्थल से आसपास की फैक्ट्रीयों में भी अफरा-तफरी मच गयी। जिनमें काम करने वाले कर्मचारियों को सुरक्षा की दृष्टि से बाहर निकाल लिया गया। दमकल विभाग जहां भीषण आग पर काबू पाने में जुटा रहा, वहीं आसपास की फैक्ट्रीयों को आग की चपेट में आने से बचाने की कौशिश भी लगातार जारी रखी।
बताया जा रहा हैं कि रात भर दमकल विभाग की गाड़ियां आग को बुझाने में जुझती रही। दकमल विभाग ने मंगलवार की सुबह आग पर काबू पाने में सफलता हासिल करते हुए राहत की सास ली। लेकिन आग बुझने के कुछ देर बाद ही सुबह फिर फैक्ट्री में लगी की आग की चिंगारी भड़क उठी। बताया जा रहा हैं कि सुरक्षा की दृष्टि से दमकल विभाग की एक गाड़ी को तैनात रखा गया था, जिसने भड़की आग पर काबू पाने का प्रयास शुरू कर दिया। जिसकी जानकारी अधिकारियों को भेज दी गयी। समाचार लिखे जाने तक दमकल विभाग की गाड़ी आग पर काबू पाने का प्रयास में जुटी थी। लेकिन अभी तक फैक्ट्री में आग लगने के सही कारणों का पता नहीं चल सका है। सम्भावना जताई जा रही हैं कि फैक्ट्री में आग शार्ट सर्किट से लगी होगी।
सिडकुल एसओ मनोहर भंडारी ने बताया कि बीती रात साढे नौ बजे केकेजी फैक्ट्री में आग लगने की सूचना मिली थी। सूचना पर पुलिस और दमकल विभाग की 08 गाड़ियों ने मौके पर पहुंचकर रात-भर आग पाने में जुझते हुए मंगलवार की सुबह आग पर काबू पा लिया। लेकिन कुछ देर बाद ही फैक्ट्री में लगी की चिंगारी भी भड़क गयी। फैक्ट्री में दोबारा भड़की आग पर सुबह साढे नौ बजे तक आग पर काबू पाने का प्रयास किया जा रहा है। गनीमत रही कि जिस वक्त फैक्ट्री में आग लगी उस वक्त फैक्ट्री बंद थी, वरना बड़ा हादसा हो सकता था।
सीएफओ अभिनव त्यागी ने बताया कि सिडकुल स्थित केकेजी फैक्ट्री में बीती रात लगी आग को मंगलवार की सुबह आग पर काबू पा लिया गया। लेकिन सुबह फिर फैक्ट्री में दोबारा आग भड़क उठी। दमकल विभाग की ओर से आग पर काबू पाने के बाद एक गाड़ी को सुरक्षा के लिहाज से मौके पर रखा गया था। फैक्ट्री में दोबारा भड़की आग पर काबू पाने का प्रयास किया जा रहा है। केकेजी फैक्ट्री एजेेस्ट फैन का निर्माण के साथ-साथ अन्य प्लास्टिक के प्रोडेक्ट भी तैयार करती है। फैक्ट्री में प्लास्टिक प्रोडेक्ट के निर्माण में पोलिमर दाने का इस्तेमाल फैक्ट्री में होता है।
बताया कि पोलिमर दाने रा मैटिरियल भारी मात्रा में मौजूद था। जिसकी वजह से आग ने उग्र रूप लिया। गनीमत रही कि जिस वक्त आग लगी फैक्ट्री में काम नहीं हो रहा था। यदि फैक्ट्री चालू होती तो बड़ी घटना हो सकती थी। लेकिन अभी तक आग लगने के सही कारणों का पता नहीं चल सका है। जिस वक्त फैक्ट्री में आग लगी एक एचआर कर्मी कार्यालय में मौजूद था। जिसने आग से बचने के लिए भागकर अपनी जान बचाई। आग की घटना में करोड़ों का नुकसान होने की सम्भावना है।