■भारत सरकार इन बीमारियों से मरने वालों की बढती संख्या से हैं चिंतितः डॉ. ललिता
■विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाईड लाईन का होगा जिला अस्पताल में पालन
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। जिला चिकित्सालय हरिद्वार में भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय कार्यक्रम एन-एनसीडी गैर संचारी रोग विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) हरिद्वार ने निर्देश पर हाइब्लडप्रेशर, डाइबीटिज, केंसर रोग से बचने और रोकथाम के उपाय के सम्बंध में लोगों को जागरूक करने के लिए एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी की अध्यक्षता कार्यवाहक प्रमुख अधीक्षक डॉ. आरवी सिंह तथा संचालन दिनेश लखेड़ा द्वारा किया गया।
भारत सरकार की ओर से डॉ. ललिता सिसौदिया राज्य परामर्श दाता ने बताया कि गैर संचारी रोग डाइबीटिज, हाइब्लडप्रेशर, केंसर से बढ़ते रोगियों की संख्या से भारत सरकार चिंतित हैं। जिसके लिए उनके द्वारा उत्तराखंड के सभी जिलों, में 30 वर्ष से ऊपर वाले सभी रोगियों को चाहे वो सर्जरी, हड्डी, आँख, नाक कान, अन्य किसी भी बीमारी से ग्रस्त हो उनका ब्लड प्रेशर, शुगर अवश्य चेक कर के उनको उपचार देते हुए प्रतिमाह उसका फॉलोअप भी होना चाहिए। भारत सरकार ने इन बीमारियों पर 25 प्रतिशत तक कम करने का लक्ष्य रखा गया है।
उन्होंने बताया कि ज्यादातर आने वाले रोगियों को पता ही नही चलता है कि वो ब्लडप्रेशर एवं शुगर से पीड़ित हैं जब उनको इन बीमारियों के शिकार होने की जानकारी होती हैं तब तक देर हो चुकी होती है। इसलिये इन बीमारियों से मृत्यु होने वालों की प्रतिशत संख्या अधिक है। इसके लिए सरकार द्वारा एनसीडी कार्यक्रम के तहत आने वाले रोगियों जो 30 वर्ष से ऊपर हो उनकी ब्लडप्रेशर, शुगर की जांच अवश्य की जाए चाहिए, वो किसी भी बीमारी से पीड़ित हो। आज भारत में हाइब्लडप्रेशर से 25 प्रतिशत लोग ग्रसित हैं, डाइबीटिज से 35 प्रतिशत ग्रसित है। उत्तराखंड में 30 प्रतिशत हाइब्लडप्रेशर से 11 प्रतिशत डाइबीटिज से ग्रसित हैं, भविष्य में जल्द ही इस संबंध में कुछ न किया गया, तो इनका प्रतिशत बढ़ता ही जाएगा।
गोष्ठी में डॉ. विकास दीप, डॉ. सुब्रत अरोड़ा, डॉ. वशिष्ठ, डॉ. रामप्रकाश, डॉ. हितेन जंगपांगी, डॉ. एस के सोनी ने जानकारी देते हुए बताया कि गैर संचारी रोग में रोगी अनभिज्ञता के कारण यह रोग ज्यादा जल्दी फैलता जा रहा है, इसे रोकने के प्रयास जल्द से जल्द करने होगे। भारत सरकार की गाइड लाइन के अनुसार कार्यक्रम को सफल बनाकर रोग को रोकथाम के प्रयास करते हुए जागरूकता की अधिक अवश्यकता है।
कार्यवाहक प्रमुख अधीक्षक डॉ. आरवी सिंह ने बताया कि आजकल ज्यादा स्ट्रेस, वातावरण, लाइफ स्टाइल, फ़ास्ट फ़ूड से 30 वर्ष तक के नौजवानों को हदय रोग से पीड़ित होकर मृत्यु की ओर जा रहे हैं और डाइबीटिज के रोगी बढ़ते जा रहे हैं। हम रजिस्ट्रेशन रूम के बराबर में ही एक रूम की व्यवस्था कर उसमे आने वाले 30 वर्ष से ज्यादा वाले हर रोगी का ब्लडप्रेशर, और शुगर का चेकअप करने के बाद ही आगे ओपीडी में भेजा जाएगा। जिससे ज्यादा से ज्यादा रोगियों को जागरूक किया जा सकें और उनको समय से इलाज मिल सके।
गोष्ठी में डॉ. आरवी सिंह, डॉ. ललिता सिसोदिया, डॉ. वशिष्ठ, डॉ. राम प्रकाश, डॉ. एसके सोनी, डॉ. हितेन जंगपांगी, डॉ. सुब्रत अरोड़ा, डॉ. विकासदीप, डॉ. शिवम पाठक, डॉ. संजय त्यागी, डॉ. रविन्द्र चौहान, राजेश कुमार जिला कोडिनेटर, वरिष्ठ नर्सिंग अधिकारी उषा, हिमानी, अनिता जैन, आशा शुक्ला, संतोष, मिथलेश, नेहा, कीर्ति, दयाराम, निशा भट्ट, दीपाली, माधुरी, सुनीता, सुखपाल सैनी, अजित रतूड़ी, फूलमती, धीरेंद्र सिंह, आदर्श मनी, मंजू शर्मा, राजेश पन्त, सुरेश, राजन बडोनी, लालखान, प्रदीप मौर्य, ओम शिव भेदी, सुरेश पाल, सन्नी, दिनेश लखेडा के साथ-साथ बीएएमएस के इन्टर्नस, आशा कार्यकर्ता इत्यादि शामिल रहे।