*पीएमएस की इमरजेंसी व्यवस्था पर भी पैनी नजर, दिये कड़े निर्देश
*अस्पताल की इमरजेंसी में पीएमएस के निर्देश पर मचा हड़कम्प
*आखिर जिला अस्पताल पीएमएस ने पूरा किया अपना पहला वादा
*संविदा कर्मियों का तीन माह से रूका वेतन दीपावली की पूर्व दिलाया
*संविदा कर्मियों में वेतन मिलने से उनके परिवार में खुशी का माहौल
*दीपावली से पूर्व रूका वेतन मिलने पर पीएमएस का जताया आभार
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। आखिर जिला अस्पताल के पीएमएस डॉ. विजयेश भारद्वाज ने अपना पहला वादा 18 संविदा कर्मियों का रूका तीन माह का वेतन दीपावली की पूर्व संध्या पर दिलाकर पूरा किया। संविदा कर्मियों का दीपावली से पूर्व तीन माह का रूका हुआ वेतन मिलने पर उनके परिवार में खुशी का माहौल हैं और वह अपने परिजनों के साथ दीपावली त्यौहार जोरदार ढंग से मना रहे है। वहीं पीएमएस ने जिला अस्पताल की लड़खड़ाई व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए एक कदम ओर आगे बढाया है। जिला अस्पताल इमरजेंसी कक्ष अक्सर मेडिकल बनाने और आपात स्थिति में लाये जाने वाले मरीजों के प्रति लापरवाही बरतने की शिकायतोें को भी गम्भीरता से लेते हुए दुरूस्थ करने का प्रयास शुरू कर दिया है।
सूत्रों के अनुसार पीएमएस ने अस्पताल इमरजेंसी में मेडिकल के नाम पर सुविधा शुल्क लेने की मंशा के लिए पीडित लोगों को बेवजह परेशान करने की शिकायत का संज्ञान लेते हुए उसपर कड़ा एक्शन लिया है। शिकायत पर पीएमएस ने इमरजेंसी में तैनात इएमओ व फार्मेसिस्ट समेत स्टॉफ को सचेत करते हुए चेताया हैं कि यदि मेडिकल बनाने के लिए पुलिस चिठ्ठी लाने के नाम पर पीडित को परेशान किया गया तो सम्बंधित के खिलाफ कडी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। जिसकी जिम्मेदारी खुद सम्बंधित की होगी। पीएमएस के इस फरमान के बाद इमरजेंसी में तैनात स्टॉफ में हड़कम्प मच गया है।
सूत्रों ने बताया कि जिला अस्पताल में ड्यूटी के वक्त कुछ चिकित्सक अपनी ओपीड़ी को बीच में छोड़ कर चिकित्साधिकारी के कक्ष में बैठ कर चाय की चुस्की लेते रहते हैं। और मरीज ओपीडी के बाहर खड़े होकर चिकित्सक का इंतजार करते रहते है। इस शिकायत का भी पीएमएस डॉ. भारद्वाज ने कड़ा संज्ञान लिया है। इसके सम्बंध में पीएमएस की ओर से अस्पताल में तैनात सभी चिकित्सक से आग्रह किया गया हैं कि कोई भी चिकित्सक ड्यूटी के वक्त ओपीडी छोड़ कर बिना काम के चिकित्साधिकारी के कक्ष में नहीं बैठेगा। यदि बेवजह कोई चिकित्सक चिकित्साधिकारी के कक्ष में बैठा मिला तो इसको अनुशासनहीनता माना जाएगा। पीएमएस के कड़े रूख से अस्पताल में राजनीति करने वाले कुछ चिकित्सकों में भी हड़कम्प की स्थिति बनी हुई है। जोकि अपनी ड्यूटी के वक्त अस्पताल में राजनीति कर अस्पताल का माहौल खराब करने का प्रयास करते रहते है। उनपर भी लगाम लगाने का प्रयास किया जा रहा है।
जिला अस्पताल में नवनियुक्त पीएमएस डॉ. भारद्वाज द्वारा जिला अस्पताल हरिद्वार का चार्ज लेने से पूर्व अक्सर सुर्खियों में रहने वाले अस्पताल की व्यवस्थाओं की पूरी जानकारी हासिल कर अस्पताल की लड़खड़ाई व्यवस्थाओं को दुरूस्थ करने के दृढ निर्णय के साथ अस्पताल का चार्ज सम्भाला था। जिसपर वह खरा उतरते नजर आ रहे है। जिन्होंने जिला अस्पताल में पहुंचते ही सभी स्टॉफ को समय पर भेषभूषा के साथ ड्यूटी पर उपस्थित रहने के निर्देश दिये थे। साथ ही अपनी मंशा को भी जाहिर किया था कि उनके द्वारा अस्पताल में दो बार औचक निरीक्षण करते हुए व्यवस्थाओं और स्टॉफ की उपस्थिति का अवलोकन करेगें।
यदि उसमें कोई चूक मिलती हैं तो सम्बंधित के खिलाफ कड़ी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। लेकिन किसी भी कीमत पर अस्पताल में अपने कर्त्तव्यों के प्रति लापरवाही बरतने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। जिला अस्पताल की लड़खड़ाई व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए अस्पताल में तैनात चिकित्सक से लेकर समस्त स्टॉफ और सफाई व्यवस्था तक पर पैनी नजर बनाये हुए है। खास तौर पर लेटलतीफ चिकित्सक व स्टॉफ पर अपनी नजर गढाए हुए है।
जिला अस्पताल के ईमानदारी से अपनी ड्यूटी का निर्वाहन करने वाले चिकित्सकों व स्टॉफ में पीएमएस डॉ. भारद्वाज की कार्यशैली बेहद पसंद आ रही हैं और वह बहुत खुश देखे जा रहे है। चिकित्सकों समेत स्टॉफ ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि ऐसे अधिकारी की इस अस्पताल को बेहद जरूरी थी, लेकिन ऐसे अधिकारी की तैनाती देर से सही, बल्कि सही वक्त पर हुई है। पीएमएस के कड़े रूख से ही जिला अस्पताल की पंगु बन चुकी व्यवस्था अब धीरे-धीरे पटरी पर आ रही है। डॉ. भाऱद्वाज द्वारा जिला अस्पताल में लिए जा रहे कड़े निर्णय अस्पताल की व्यवस्था और मरीजों की सहुलियत के लिए कारगर साबित होगें।
पीएमएस डॉ. विजयेश भारद्वाज ने जनपद वासियों को दीपावली, गोवर्धन और भैया दूज की शुभकामनाए देते हुए कहा कि जिन उद्देश्यों को लेकर उन्होंने जिला अस्पताल का कार्यभार सम्भाला था। उसको वह ईमानदारी से पूरा करने का प्रयास कर रहे है। अस्पताल की व्यवस्थाओं के सम्बंध में उनको आम जनता व समाजसेवियों द्वारा मिली शिकायतों को दुरूस्थ करने का काम किया जा रहा है। उनका मकसद हैं कि जिला अस्पताल में उपचार के लिए पहुंचने वाले मरीजों को किसी भी प्रकार की कोई असुविधा ना हो। अस्पताल में तैनात चिकित्सक व स्टॉफ समय से अपनी ड्यूटी पर निर्धारित समय पर पहुंचकर तक अपनी ड्यूटी को मरीजों के प्रति पूरी निष्ठा व ईमानदारी के साथ निभाये।
उन्होंने स्पष्ट किया हैं कि जिला अस्पताल को राजनीति का अखाड़ा किसी भी कीमत पर बनने नहीं दिखा जाएगा। अस्पताल बेहद संवेदनशील जगह हैं जहां पर मरीजों के उपचार को ही प्राथमिकता मिलनी चाहिए। अस्पताल में अभी ओर बहुत कुछ सुधार की अवश्यकता है। जिसके के लिए चिकित्सकों के साथ बैठक कर विचार विमर्श कर निर्णय लिए जाएगे। इसके साथ ही समाज सेवियों व मरीजों के तिमारदारों की शिकायतों पर भी गम्भीरता दिखाते हुए शिकायतों को दूर करने का प्रयास किया जाएगा।