■09 सालों से खोखा धारक न्याय पाने के लिए दर-दर ठोकरे खाने को मजबूर
■समिति ने मुख्य नगर आयुक्त को पत्र लिखकर न्याय दिलाने की लगाई गुहार
■मामलाः चित्रा सिनेमा के सामने से वर्ष 2010 में खोखाधारकों को जबरन हटाया गया
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। लघु व्यापारिक समिति हरिद्वार ने मुख्य नगर आयुक्त नगर निगम हरिद्वार को एक पत्र देकर माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा 27 नवम्बर 2015 को दिए गये आदेशों का हवाला देते हुए पालन कराने की मांग की है। लघु व्यापारिक समिति हरिद्वार के अध्यक्ष चोखेलाल ने मुख्य नगर आयुक्त हरिद्वार को दिये गये पत्र में कहा गया हैं कि 19 अगस्त 2010 को चित्रा सिनेमा के सामने रेलवे रोड़ हरिद्वार को उजाड़े गये खोखा धारकों, जिनके पास माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश थे कि पिटीयशनर्स को तब तक नहीं हटाया जा सकता, जब तक उनको दूसरे स्थान पर रोजगार उपलब्ध नहीं करा दिया जाए। जहां पर खोखा धारकों का रोजगार सुचारू रूप से चल सकें। लेकिन प्रशासन द्वारा माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेशों की परवाह न करते हुए खोखा धारकों को जबरन हटा दिया गया था।
माननीय उच्चतम न्यायालय ने नगर निगम हरिद्वार को 27 नवम्बर 2015 को आदेश दिया था कि हटाये गये 115 पिटीशनर्स को 03 माह के भीतर रोजगार के लिए स्थान उपलब्ध कराया जाए। लेकिन माननीय उच्चतम न्यायालय को नगर निगम हरिद्वार को आदेश दिये 09 वर्ष का समय बीत चुका है। लेकिन उसके बावजूद हटाये गये खोखा धारकों को रोजगार के लिए स्थान उपलब्ध नहीं कराया गया है। जबकि नगर निगम हरिद्वार द्वारा रोजगार के लिए स्थान उपलब्ध कराने के एवज में हटाये गये प्रति पिटीशनर्स से 92 हजार रूपये टोकन मनी के रूप में जमा कराई जा चुकी है। इसके अलावा प्रत्येक पिटीशनर्स से नगर निगम हरिद्वार 06 माह का अग्रिम किराया भी जमा करा चुका है। लेकिन उसके बावजूद खोखा धारक अपने को ठगा से महसूस कर रहे है।
लेकिन नगर निगम हरिद्वार द्वारा 115 पिटीशनर्स से 06 माह का अग्रिम किराया और रोजगार के लिए स्थान उपलब्ध कराने के एवज में प्रति पिटीशनर्स से 92 हजार रूपये टोकन मनी के रूप में जमा करने के बाद भी उनको रोजगार के लिए स्थान उपलब्ध नहीं कराया गया है। लघु व्यापारिक समिति हरिद्वार ने पत्र के माध्यम से मुख्य नगर आयुक्त नगर निगम हरिद्वार से पीडित पिटीशनर्स को जल्द व्यापार करने के लिए स्थान उपलब्ध करने की मांग की है। ताकि वह सम्मानजनक व्यापार कर अपने परिवार का भरण पोषण कर सकें।