■मायके वालों ने पुलिस की कार्यशैली और पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर खड़े किये सवाल
■ससुराल पक्ष पर लगाया हत्या का आरोप, आयोग अध्यक्षा ने दिखाई गम्भीरता
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। रुड़की कोतवाली क्षेत्र में एक विवाहिता द्वारा सुसाइड के मामले का उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की अध्यक्षा कुसुम कंडवाल ने संज्ञान लिया है। मामले में 15 दिनों तक कार्रवाई न होने पर मृतका के परिजन राज्य महिला आयोग की अध्यक्षा से मिलकर न्याय दिलाने की गुहार लगाई थी। आयोग अध्यक्षा ने पूरे मामनले पर तत्काल एसपी देहात स्वप्न किशोर सिंह और एसएचओ कोतवाली रुड़की से फोन पर मामले में जानकारी लेते हुए निर्देशित किया कि इस संवेदनशील प्रकरण की जांच में कोई भी पहलू छूटना नहीं चाहिए हर पहलू पर गंभीरता से जांच होनी चाहिए। मृतका के सुसाइड या हत्या के मामलें के समस्त आरोपियों के विरुद्ध शीघ्रता से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
मृतका के परिजनों ने पुलिस की करवाई और पोस्टमार्टम रिपोर्ट से संतुष्ट न होने पर राज्य महिला आयोग का दरवाजा खटखटाते हुए पूरे मामले से अवगत कराते हुए मृतका बेटी को न्याय दिलाने की गुहार लगाई है। मृतका के परिजनों ने उत्तराखण्ड महिला आयोग की अध्यक्षा कुसुम कण्डवाल को परिजनांे के साथ की गयी चैटिंग व कॉल दिखाते हुए बताया कि सुबह 9.57 तक उनकी बात बेटी से हुई थी। बेटी ने कहा था कि यहां कुछ ठीक नहीं है, मेरे साथ सभी नाटक कर रहे है, जिसके कुछ देर बाद मृतका के परिवार को जानकारी दी जाती है कि उनकी बेटी ने आत्महत्या कर ली है। परिजनों ने मृतका के शरीर पर चोट के निशान व कंधे के पास कपड़े फटे होने की भी जानकारी दी।
महिला आयोग की अध्यक्षा कुसुम कण्डवाल ने एसएसपी हरिद्वार को पत्र लिखते हुए निर्देशित किया है कि यदि मृतका कुछ देर पहले अपने परिवार से बात कर रही थी, तो अचानक किन परिस्थितियों में बेटी ने क्यों सुसाइड किया?, क्या उसे सुसाइड के लिए उकसाया गया था? या उसकी हत्या की गई है, तो इस घटना में मृतका के परिजनों के बयान के आधार पर तथा घटना के सभी साक्ष्यों की गहनता से निष्पक्ष जांच की जाए और मामले में दोषी पाए जाने वाले आरोपियों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए।