लीना बनौधा
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजमार्गों पर बिना फास्ट्रैग के गाड़ी दौड़ने वालों से निपटने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने कई कदम उठाये हैं। एनएचएआई के हालिया आधिकारिक बयान के अनुसार, एनएचएआई ने ऐसे वाहनों से दोगुना टोल वसूलने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। ऐसे वाहन जिनमें अंदर से सामने की विंडशील्ड पर फास्टैग नहीं लगा होगा, और वे टोल लेन में प्रवेश करते हैं, तो उन्हें दोगुना टोल देना होगा।
राष्ट्रीय राजमार्गों पर बिना फास्ट्रैग के गाड़ी दौड़ने वालों से निज़ात पाने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने कई कदम उठाये हैं।
बृहस्पतिवार को एनएचएआई ने आधिकारिक बयान जारी किया।
*“ऐसे वाहनों से दोगुना टोल वसूलने के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं। ऐसे वाहन जिनमें अंदर से सामने की विंडशील्ड पर फास्टैग नहीं लगा होगा, और वे टोल लेन में प्रवेश करते हैं, तो उन्हें दोगुना टोल देना होगा।”*
एनएचएआई ने कहा कि विंडस्क्रीन पर जानबूझकर फास्टैग न लगाने से टोल प्लाजा पर अनावश्यक देरी होती है, जिससे अन्य वाहनों को असुविधा होती है। एनएचएआई ने कहा, “सभी उपयोगकर्ता शुल्क संग्रह एजेंसियों और रियायतियों को विस्तृत मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की गई है, ताकि सामने की विंडशील्ड पर फास्टैग न लगाए जाने की स्थिति में दोगुना उपयोगकर्ता शुल्क वसूला जा सके।” बयान के अनुसार, यह सूचना सभी टोल प्लाज़ाओं पर प्रमुखता से प्रदर्शित की जाएगी, जिसमें लोगों को विंडशील्ड पर फास्टैग लगाए बिना टोल लेन में प्रवेश करने पर लगने वाले जुर्माने के बारे में जानकारी दी जाएगी।
बयान के अनुसार, टोल प्लाजा पर वाहन पंजीकरण संख्या (वीआरएन) के साथ सीसीटीवी फुटेज को गैर-फास्टैग मामलों में दर्ज किया जाएगा। इससे शुल्क वसूले जाने और टोल लेन में वाहन की मौजूदगी के बारे में उचित रिकार्ड बनाए रखने में मदद मिलेगी। बयान में कहा गया है कि कोई भी फास्टैग जो मानक प्रक्रिया के अनुसार निर्दिष्ट वाहन पर नहीं लगाया गया है, वह शुल्क प्लाजा पर इलेक्ट्रानिक टोल संग्रह (ईटीसी) लेनदेन करने का हकदार नहीं है और उसे दोगुना टोल शुल्क देना होगा और साथ ही उसे काली सूची में भी डाला जा सकता है।
एनएचएआई ने कहा कि जारीकर्ता बैंकों को यह भी निर्देश दिया गया है कि वे फास्टैग जारी करते समय इसे विंडशील्ड पर लगाना सुनिश्चित करें।