दो सप्ताह से ब्रहा्रपुरी क्षेत्र में गंदे पानी रिसाव पर सम्बंधित विभाग मौन
पॉलिथीन प्रतिबंधित होने पर भी घाटों पर पन्नी की चटाई धड़ल्ले बिक रही
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। समाज सेवी एवं आप के वरिष्ठ नेता अधिवक्ता सचिन बेदी ने तीर्थनगरी की लगातार बिगड़ती, लड़खड़ाती एवं लचर व्यवस्थाओं पर प्रशासन से सीधे सवाल किया हैं कि इसकेे लिए आखिर कौन है जिम्मेदार? तीर्थनगरी हरिद्वार जो धार्मिकता के क्षेत्र में अपना विशेष स्थान रखती हैं और प्रतिदिन हजारों लाखों की संख्या में यहां देश-विदेश एवं अन्य राज्यों से भक्त-श्रद्धालु आते हैं लेकिन शहर की व्यवस्थाओं का बुरा हाल है।
यहां सब कुछ भगवान भरोसे ही चल रहा है। तीर्थनगरी इन दिनों बड़ी ही दयनीय स्थिति से गुजर रही हैं। देखा जाए तो सही ट्रेफिेक प्लान लागू ना होने तथा उचित वाहन पार्किंग स्थल की व्यवस्था ना होने के कारण शहर में जाम की समस्या आम बात हो गई हैं, जिसकी कोई सुध लेने वाला भी नहीं है। जिसका खामियाजा शहर की जनता और यहां आने वाले श्रद्धालुओं को भुगतना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रमुख स्नान पर्वों और वीकेंड पर भारी संख्या में बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं एवं यात्री वाहनों तथा बैट्री रिक्शाओ के कारण शहर में जाम की जो स्थिति बनती हैं उससे कोई अंजान नहीं है, लेकिन प्रशासन उससे अंजान बना हुआ है। इस संबध में कोई ठोेस निर्णय नहीं लिया जा रहा हैं। कभी-कभी तो यहां वाहन लेकर निकलना तो दूर की बात है, पैदल चलना भी बड़ा मुश्किल हो रहा है। यातायात नियमों का सुचारु रूप से क्रियान्वयन एवं सही प्रकार से पालन न करवा पाना भी जाम लगने की एक प्रमुख वजह मानी जा रही है। लाखों लोगों की भीड़ और हजारों की संख्या में वाहनों को नियंत्रित करते न तो कोई ट्रेफिक पुलिस कर्मी और न ही कोई संबंधित अधिकारी ही नजर आता है।
उन्होंने कहा कि गंगा घाटों पर लगे कूड़े के ढेर और इधर-उधर फैली गंदगी अपनी बदहाली की दस्ता खुद बयां कर रही है। यहां ना तो कोई सफाई कर्मी और ना ही कोई कूड़ेदान नजर आता है। नजर आता है तो हर तरफ कूड़े और गन्दगी के ढेर। प्रशासन का पॉलिथीन मुक्त शहर होने का दावा भी यहां हवा हवाई साबित होता नजर आता है। पॉलिथीन मुक्त होने का दावा करने तथा प्रतिबंधित होने के बावजूद भी गंगा घाटों पर पन्नी की चटाई एवं प्लास्टिक का अन्य सामान बेरोक टोक धड़ल्ले से बिक रहा है ये चटाइयां ही घाटों पर गन्दगी का मुख्य स्त्रोत बना हुआ हैं। लेकिन इनकी बिक्री पर भी कोई रोक लगाने वाला नहीं है।
उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हरिद्वार के ब्रह्मपुरी मौहल्ले की ओर से नाले से लगातार गंदे पानी और उसमें पड़ी गंदगी का मुख्य मार्ग पर रिसाव हो रहा है। जिसे दो सप्ताह से अधिक का समय हो चुका है। परंतु इस ओर कोई ध्यान संबंधित विभाग द्वारा नहीं दिया जा रहा है। यह मार्ग लोगों के आवागम का मुख्य मार्ग है जिससे प्रतिदिन हजारों लाखों की संख्या में लोगों का आवागमन होता है और यह मार्ग मां मनसा देवी मंदिर के लिए भी जाता है।
नाले का गंदा पानी और उसकी गंदगी लोगों का मार्ग तो अवरुद्ध कर ही रहे है यह सीधा गंगा में जो कि भक्तों की आस्था का केंद्र है में ही जा रहे है। बदबूदार पानी और गन्दगी के बीच से होकर गुजरना लोगों के लिए बड़ा मुश्किल हो गया है। सफाई कर्मियों द्वारा इस समस्या के निदान का अपने स्तर से भरसक प्रयास किया गया, लेकिन समस्या विकट होने के कारण सपफलता नहीं मिल सकी। संबंधित विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा इसका आज तक कोई समाधान नहीं किया गया।
उन्होंने कहा कि नगर निगम हरिद्वार में कुल 60 वार्ड है लेकिन नगर निगम द्वारा यहां किसी भी वार्ड में कूड़ेदान की समुचित व्यवस्था नहीं की गई हैैै। जिस कारण लोग खुले में कूड़ा डालने को मजबूर हैं। जिससे शहर में इधर-उधर गन्दगी फैली रहती हैं। कूड़ा निस्तारण की भी बड़ी जटिल समस्या बनी हुई हैं, उसकी भी नगर निगम द्वारा आज तक कोई उचित व्यवस्था नहीं की गई है। मेला क्षेत्रो में अतिरिक्त सफाई कर्मचारियों की भी कोई व्यवस्था नहीं की गयी हैं।
