मुकेश वर्मा
हरिद्वार। बच्चों के हितों की रक्षा के लिए संस्था राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, भारत सरकार के बैनर तले गुरूवार को विजडम ग्लोबल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में जिला स्तरीय कार्यक्रम के अंतर्गत छात्र-छात्राओं को परीक्षा के तनाव से मुक्त रखने के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
जिलाधिकारी द्वारा नामित नोडल अधिकारी एवं मुख्य शिक्षाधिकारी हरिद्वार कमलेश कुमार गुप्ता के संबोधन से कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। जिसमें जनपद के समस्त राजकीय विद्यालय ,अशासकीय विद्यालय, सीबीएसई विद्यालय, मान्यता प्राप्त एवं आईसी एससी विद्यालयों के लगभग 200 प्रधानाचार्य व शिक्षक एवं शिक्षिकाओं द्वारा प्रतिभाग किया गया।
मुख्य शिक्षा अधिकारी हरिद्वार कमलेश कुमार गुप्ता ने कहा कि बच्चों को परीक्षा एक उत्सव के रूप में मनाने तथा अपनी अंतर्निहित शक्ति की पहचान करके आत्मविश्वास से परिपूर्ण होकर जीवन में नई एवं ऊंची उड़ान हेतु सदैव प्रयासरत रहना चाहिए। इसके लिए कार्यशाला के अनुरूप उन्होंने कुछ मूल मंत्र सुझाए जो बच्चों के साथ-साथ अभिभावकों एवं शिक्षकों को भी आत्मसात कर निरंतर विद्यालयों में आनंद का वातावरण तैयार करते हुए छात्र हित हेतु सदैव तत्पर रहने का भी मंत्र दिया।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में रिसोर्स पर्सन डॉ. कृष्णा झरे ने कार्यशाला में छात्रहित के मंत्रो पर एक-एक कर प्रकाश डाला। विजडम ग्लोबल सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रधानाचार्य संजय देवांगन ने कार्यक्रम के अन्य अतिथिगण जिला शिक्षा अधिकारी (बेसिक) आशुतोष भंडारी खंड शिक्षा अधिकारी (बहादराबाद) भानु प्रताप खंड शिक्षा अधिकारी लक्सर एवं खंड शिक्षा अधिकारी खानपुर को प्रकृति व पर्यावरण संरक्षण का द्योतक एक-एक पौधा भेंट कर अतिथियों का स्वागत किया कार्यक्रम का संचालन मैडम रुचि जैन व राजेश राय ब्लॉक विज्ञान समन्वयक द्वारा किया गया।
कार्यक्रम के अंत में अपने धन्यवाद उदबोधन में जिला शिक्षा अधिकारी (बेसिक) हरिद्वार आशुतोष भंडारी ने बच्चों को मानसिक तथा शारीरिक रूप से विकसित करने पर जोर देते हुए कहा कि बच्चों की मूल भावना तथा समय की मांग के अनुरूप प्रधानाचार्य, शिक्षक व अभिभावक अपना महत्वपूर्ण योगदान देने हेतु आगे आए तथा बच्चों का भविष्य उनके अनुसार संवारने का प्रयास करें। जिससे नई शिक्षा नीति 2020 की अवधारणा अनुरूप एक मजबूत नींव स्थापित हो सकेगी।