
■आरोपः नगर निगम कांवड मेले में महिलाओं को रोजगार से कर रहा वंचित
■वेंडरों को फड़ लगाने की दी जा रही अनुमति,महिलाओं को हटाया जा रहा
■प्रधानमंत्री की महिला आत्म निर्भर की योजना को पलिता लगा रहा निगम
■वर्ष 2021 में 1 लाख 07 हजार लेकर रोड़ीबेलवाला में खोखे किये थे आंवटित
■महिलाए विधायक, सांसद, नगर आयुक्त, एडीएम से लगा चुकी मदद की गुहार
■कांवड मेले में मेला भूमि पर अतिक्रमण के नाम पर खोखों को हटाया
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। महिला स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं ने नगर निगम हरिद्वार पर भेदभाव करने तथा कांवड मेले में उनको रोजगार से वंचित करने का आरोप लगाया है। जबकि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की कल्याणकारी योजना महिला आत्म निर्भर के तहत नगर निगम हरिद्वार द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में सहायता समूह चलाने वाली 20 महिलाओं को हाथी पुल के नजदीक रोड़ीबेल वाला में वर्ष 2021 में 20 खोखे उपलब्ध कराये गये थे। जिनका उद्घाटन उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री द्वारा किया गया था।

नगर निगम हरिद्वार ने महिलाओं से प्रति खोखा 1 लाख 07 हजार रूपये लिए गये थे। लेकिन कांवड मेले से पूर्व नगर निगम हरिद्वार ने उनको अतिक्रमण कहते हुए उनके खोखों को वहां से हटाकर ऐसे स्थान पर रखवा दिये, जहां पर उनका रोजगार चलना सम्भव नहीं है। जबकि अन्य वेंडरों को उनके खोखों के स्थान पर उन्हें फड़ लगाने की अनुमति दी गयी, लेकिन उनको अनुमति नहीं दी जा रही है। महिला स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं शनिवार को प्रेस क्लब हरिद्वार में प्रेसवार्ता कर पत्रकारों से अपनी पीड़ा व्यक्त कर रही थी।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2021 में नगर निगम हरिद्वार की ओर से रोड़ीबेल वाला समेत अन्य चिंहित स्थानों पर 100 खोखे स्थापित किये गये थे। जिनमें 20 खोखें महिला स्वंय सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को दिये गये थे। क्या नगर निगम हरिद्वार ने बिना सोचे समझे उनके खोखे उस भूमि पर आंवटित किये, जिसको नगर निगम हरिद्वार आज मेला भूमि मानते हुए उनके खोखों को अतिक्रमण मान कर हटा दिये गये ?। उनके खोखे ऐसे स्थान पर रखवा दिये गये, जहां पर उनका रोजगार चलना सम्भव नहीं हैं। अन्य वेंडरों ने अपने खोखों के स्थान पर फड़ लगाकर कांवड मेले में अपना रोजगार किया जा रहा हैं। लेकिन जब महिलाओं ने अपने आंवटित स्थानो पर फड़ लगाने का प्रयास किया तो नगर निगम हरिद्वार ने उनको अतिक्रमण कहते हुए जबरन हटवा दिया। महिलाओं के साथ नगर निगम हरिद्वार द्वारा भेदभाव अपनाया जा रहा है।
महिलाओं ने कहा कि जब महिला स्वयं समूह से जुड़ी महिलाओं ने नगर निगम हरिद्वार द्वारा किये जा रहे भेदभाव को लेकर नगर विधायक, सांसद, नगर आयुक्त , एसडीएम से मिलकर अपनी पीड़ा से अवगत कराते हुए उनको भी मेले में व्यापार करने की अनुमति दिलाने की मांग की है। लेकिन महिलाए जिन-जिन से मिलकर मदद करने की गुहार लगाई गई, वहां से महिलाओं को केवल कोरे अश्वासन के अलावा कुछ हासिल नहीं हुआ है। जबकि अन्य वेंडर अपने-अपने स्थानों पर लम्बे चौड़े फड़ लगाकर कांवड मेले में व्यापार कर रहे है।
उन्होंने कहा कि नगर निगम हरिद्वार की नजर में वह अतिक्रमण नहीं है, बल्कि महिलाओं के फड़ उनको अतिक्रमण नजर आ रहे है। अगर वास्तव में नगर निगम हरिद्वार पारदर्शिता अपनाते हुए निष्पक्षता के साथ काम करे तो उनको कोई एतराज नहीं है। जब वेंडरों को उक्त भूमि पर फड़ लगाने की अनुमति नहीं दी जा रही हैं हम पूछना चाहते हैं कि वेंडरों को किस आधार पर नगर निगम द्वारा अनुमति दी गई और महिलाओं को खेदड़ा जा रहा, जोकि सरासर महिलाओं के साथ भेदभाव है। नगर निगम हरिद्वार उक्त वेंडरों के फड़ों को भी अतिक्रमण मनाते हुए उनके खिलाफ भी कार्यवाही करते हुए हटाया जाए,वरना महिलाओं को भी फड़ लगा कर रोजगार करने की अनुमति दी जाए।
प्रेसवार्ता करने वालों में श्रीमती पूनम शर्मा, श्रीमती नीलम शर्मा, श्रीमती विजय लक्ष्मी, श्रीमती मीना शर्मा, श्रीमती सुषमा, श्रीमती निशा सिंह मौजूद रही।