■कांग्रेस के कई दिग्गज नेता कांग्रेस को छोड़ कर कल होगे भाजपा में शामिल
■लोकसभा के बीच चुनावी मंझधार में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का साथ अपनो ने छोड़ा
■भाजपा में शामिल होगे पुरूषोत्तम, संजय मंहत, रस्तौगी, कुमुद, जखमोला, सत्यनायण
■चेतन ज्योति आश्रम में कल सुबह 11 बजे भाजपा प्रदेशाध्यक्ष समेत नेता करायेगे शामिल
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। उत्तराखण्ड में एक बडी खबर सामने आ रही है, जोकि कांग्रेस पार्टी के लिए अच्छी नहीं हैं। लोकसभा चुनाव के बीच एनवक्त में अचानक पूर्व मुख्यमंत्री के खासमखास रहे कांग्रेसी नेताओं ने हरीश रावत व उनके बेटे वीरेन्द्र रावत को चुनावी मंझधार में छोड़ दिया है। सवाल उठता हैं कि अब लोकसभा चुनावी दंगल में हरीश रावत और उनके बेटे वीरेन्द्र रावत का आखिर क्या होगा?। कांग्रेस के कई दिग्गज नेता कांग्रेस पार्टी का दामन छोड़ कर भाजपा में शामिल होने जा रहे है।
जिसमें कांग्रेस से नगर हरिद्वार का विधानसभा का चुनाव लड़ चुके व पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के पीआरओ रह चुके पुरूषोत्तम शर्मा, नगर निगम हरिद्वार से कांग्रेस से मेयर का चुनाव लड़ चुके मंहत ऋषिश्वरानदं उर्फ संजय मंहत, प्रदेश महासचिव राजेश रस्तौगी, वरिष्ट कांग्रेसी नेता एवं प्रदेश सचिव कुमुद शर्मा, पूर्व सांसद प्रतिनिधि रह चुके सत्यनारायण शर्मा, पूर्व प्रदेश प्रवक्ता दीपक जखमोला समेत अन्य सैकड़ोें कार्यकर्त्ता शामिल है। जिनको भाजपा प्रदेशाध्यक्ष महेन्द्र भट्ट, लोकसभा प्रत्याशी त्रिवेन्द्र सिंह रावत, नगर विधायक मदन कौशिक, रानीपुर विधायक आदेश चौहान, पूर्व मंत्री स्वामी यतिश्वरानंद आदि नेता बुधवार को सुबह 11 बजे चेतन ज्योति आश्रम खड़खड़ी हरिद्वार में कार्यक्रम के दौरान भाजपा में शामिल करेेंगें। जिसकी जानकारी वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पुरूषोत्तम शर्मा और मंहत ऋषिश्वरानंद ने संयुक्त रूप से दी है।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व व भाजपा की नीतियों और प्रदेश में युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विकास से प्रभावित होकर कांग्रेस के नेताओं ने कांग्रेस को छोड़ कर भाजपा में शामिल होने का सामूहिक निर्णय लिया है। भाजपा में शामिल होने वाले अन्य नेताओं के भी फोन कॉल आ रही हैं वह भी भाजपा में शामिल होने की अपनी इच्छा व्यक्त कर रहे है। लेकिन फिलहाल भाजपा में शामिल होने वाली पहली लिस्ट में उपरोक्त नेताओं के साथ 300-350 कार्यकर्त्ता उनके साथ कांग्रेस को छोड़ कर भाजपा में शामिल होगे।
उन्होंने बताया कि जल्द ही भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं और कार्यकर्त्ताओं की दूसरी लिस्ट भी जारी कर दी जाएगी। लेकिन जब उनसे कांग्रेस छोड़ने सही वजह जानने का प्रयास किया गया तो दोनों नेताओं ने स्पष्ट तौर पर कहा कि वह केवल भाजपा की नीतियों व मोदी व शाह जी के नेतृत्व और प्रदेश के मुख्यमंत्री के विकास के कार्यो को लेकर भाजपा में शामिल होने जा रहे है। लोकसभा चुनाव के बीच एकाएक कांग्रेसी दिग्गजों समेत भारी संख्या में कार्यकर्त्ताओं का कांग्रेस को अलविदा कहकर भाजपा में जाना कांग्रेस लोकसभा प्रत्याशी वीरेन्द्र रावत की जीत के लिए खतरे की घंटी बजती नजर आ रही है।
बता दें कि जो कांग्रेसी दिग्गज नेता एनवक्त पर कांग्रेस व पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को लोकसभा के चुनावी बीच मझधार में छोड़ कर भाजपा में शामिल हो रहे है। वहीं नेता पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के खासमखास माने जाते थे, लेकिन अचानक ऐसा क्या हो गया कि उन्होंने अपने नेता पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को लोकसभा चुनाव जिसमें उनका बेटा वीरेन्द्र रावत कांग्रेस का लोकसभा चुनावी मैदान में है। जबकि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और उनके बेटे वीरेन्द्र रावत की सबसे ज्याद जरूरत इन नेताओं और कार्यकर्त्ताओ की चुनावी दंगल में थी। लोकसभा चुनाव में बेटे को जीत दिलाना उनकी प्रतिष्ठा का सवाल हैं, लेकिन जब अपनों ने ही पूर्व मुख्यमंत्री को टांय-टांय, बांय-बांय कर दिया तो ऐसी स्थिति में पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस पार्टी को भारी झटका लगा है।