उत्तराखंड के सबसे बड़े अस्पताल की घटना
लीना बनौधा
ॠषिकेश। एम्स अस्पताल, ऋषिकेश में हाथ की कटी हुई हथेली मिलने से हड़कंप मच गया। सूचना पर पुलिस और एम्स आलाधिकारी मौके पहचे। जिन्होंने की जानकारी जुटाने के बाद पुलिस व एम्स आला अधिकारियों ने जांच की बात कही हैं।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश, परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन एक राष्ट्रीय महत्व का संस्थान एवं एक मल्टी-स्पेशालिटी अस्पताल है। एम्स ऋषिकेश उत्तराखंड का सबसे बड़ा अस्पताल है। प्रदेश भर से लोग यहाँ इलाज के लिए पहुचते हैं। शनिवार को पहले तल पर बिलिंग काउंटर के पास स्ट्रेचर के नीचे, इंसानी हाथ की कटी हुई हथेली मिलने से लोगों में अफरा तफरी मच गई। लोगों ने इसकी सूचना सुरक्षा गार्ड दी। गार्ड ने तुरंत पुलिस व एम्स प्रशासन को सूचना दी। मौके पर पहुँची पुलिस जाँच में जुट गई। एम्स प्रशासन ने पूरे मामले की जांच की बात कही हैं।
बताया जा रहा हैं कि स्ट्रेचर ट्रामा सेंटर की तरफ से लाया गया था व उसके ऊपर दवाइयां रखी थी। पुलिस व एम्स के आला अधिकारियों का मानना है कि शायद किसी गैंगरीन के मरीज का हाथ ऑपरेशन के बाद लापरवाही से स्ट्रेचर पर छूट गया होगा। ऑपरेशन के बाद प्रयोग में लाये गए औजारों को भी साफ कर उनके स्थान पर रख दिया जाता है। डिस्पोज़ेबल सामान को अलग-अलग रंग के डिब्बों में डाल दिया जाता है ताकि उसी अनुसार उसे अवशोषित किया जा सके लेकिन मानव अंग का इस तरह इधर-उधर मिलना घोर लापरवाही हैं।एम्स में चारों तरफ सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, उनकी जाँच से स्पष्ट हो जायेगा कि यह हथेली किसकी है और कहां से आई है?
बताया जा रहा हैं कि मानव अंगों का या किसी भी अवशेषों का इधर-उधर मिलना अस्पताल में नई बीमारियों को खुला न्योता देना है। एम्स प्रशासन द्वारा पूरे मामले को गम्भीरता से लेते हुए जांच में जुटी हैं।