*कांग्रेस की चुनाव की कार्यशैली पर नजर डाले तो शहर में काफी हुई फजीयत
*पार्षद चयन प्रत्याशियों की लिस्ट को महानगर अध्यक्ष के करीबी नेता ने बताया था फर्जी
*आरोपः कांग्रेस महानगर पदाधिकारियों ने लिस्ट से नाम काट कर दिये चेहतों को टिकट
*प्रदेश स्तर से जारी चयन लिस्ट से नाम कटने से गुस्साए दावेदारों ने किया था प्रदर्शन
*आरोपः दावेदार किसी ओर वार्ड का और बना दिया दूसरे वार्ड का प्रत्याशी
*कांग्रेस ने खन्ना नगर में तो कर दिया कमाल भाजपा विधायक चेहते की पत्नी को बना दिया प्रत्याशी
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। नगर निगम हरिद्वार चुनाव में कांग्रेस पार्टी की स्थिति बड़ी अजीबों-गरीब देखी जा रही है। हरिद्वार में कांग्रेस प्रत्याशियों के चयन से लेकर अब तक के सफर पर अगर पार्टी की कार्यशैली पर नजर डाले तो शहर में कांग्रेस की काफी फजीयत हुई है। मामला चाहे प्रदेश पदाधिकारियों द्वारा चयन कर तय किये गये प्रत्याशियों को सिम्बल से वंचित करने का हो या फिर किसी वार्ड में दूसरे वार्ड के व्यक्ति को प्रत्याशी बनाये जाने का हो या फिर भाजपा के टिकट से वंचित भाजपाई और विधायक के खास व्यक्ति की पत्नी को कांग्रेस का प्रत्याशी बनाये जाने का हो।
ऐसे ओर कई मामलों को लेकर शहर कांग्रेस पदाधिकारी खुद के पार्टी नेताओं व कार्यकर्त्ताओं के निशाने पर है, जोकि समय का इंतजार कर रहे है। यह सब मामले हरिद्वार नगर निगम चुनाव में कांग्रेस पर भारी पड़ने वाले है। मजेदार बात हैं कि प्रदेश पदाधिकारियों द्वारा पार्षद प्रत्याशियों के चयन की लिस्ट जारी लिस्ट को कांग्रेस महानगर अध्यक्ष के करीबी नेता ने तो फर्जी तक करार दिया था।
बताते चले कि हरिद्वार नगर निगम चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी की ओर से मेयर और 60 वार्ड पार्षद के लिए दावेदारों के लिए आवेदन मांगे गये थे। जिसपर शहर के कांग्रेसी नेताओं व कार्यकर्त्ताओं ने मेयर समेत वार्ड पार्षद के लिए आवेदन किये गये थे। बताया जा रहा है कि कांग्रेस महानगर कमेटी द्वारा गठित टीम ने आये आवेदन पत्रों का गहनता से जांच करने के बाद दावेदारों के आवेदन पत्रों को प्रदेश पदाधिकारियों के पास भेजे गये थे। प्रदेश पदाधिकारियों द्वारा कांग्रेस महानगर हरिद्वार द्वारा भेजे गये आवेदन पत्रों पर दावेदारों पर पार्टी नेताओं से विचार विमर्श करने के बाद मेयर व पार्षदों के प्रत्याशियों पर अपनी अन्तिम मोहर लगाते हुए लिस्ट जारी कर दी गयी थी।
आरोप हैं कि प्रदेश पदाधिकारियों द्वारा जारी लिस्ट में से पार्षदों के कुछ प्रत्याशियों के नाम कांग्रेस महानगर हरिद्वार पदाधिकारियों द्वारा काटकर अपने चेहतो को टिकट दे दिया गया। जिसको लेकर हंगामा हो गया और टिकट कटने के नाराज दावेदारों को शांत करने के लिए यह प्रचारित किया गया कि प्रत्याशियों की जो लिस्ट जो वायरल हो रही हैं, वह फर्जी है। लेकिन नाराज दावेदारों ने कांग्रेस महानगर पदाधिकारियों की ओर से दी जा रही दलील को अनसुना करते हुए टिकट कटने पर नाराज दावेदारों ने शहर कांग्रेस महानगर पदाधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए प्रदर्शन किया।
इतना ही नहीं कुछ नाराज दावेदारों ने तो कांग्रेस यूनियन भवन के बाहर महानगर अध्यक्ष का पुतला तक फूंक डाला था। सवाल उठता हैं कि जिन दावेदारों के नाम काटे गये थे यदि वह पार्षद पद के लिए उचित दावेदार नही थे तो उनका आवेदन पत्रों को प्रदेश पदाधिकारियों के पास आखिर क्यों भेजा गया? यह सवाल टिकट से वंचित होने दावेदारों समेत शहर के प्रत्येक कांग्रेसियों के जहन में धुम रहा है। कांग्रेस महानगर पदाधिकारियों पर नाराज दावेदारों ने तो पैसे लेकर टिकट देने का आरोप तक लगाये थे।
आरोप हैं कि वहीं कांग्रेस पार्टी ने कुछ वार्डो में ऐसे प्रत्याशी खड़े कर दिये, जोकि उस वार्ड के निवासी तक नहीं है। जिसको लेकर शहर की राजनीति गलियारों में जोर शोर से चर्चा की जा रही है। कांग्रेस पार्टी ने ऐसे लोगों को भी अपना प्रत्याशी बनाया हैं, जिनको भाजपा ने दर किनार कर पार्षद का टिकट नहीं दिया। जोकि लम्बे समय से भाजपा के समर्थक व भाजपा विधायक के खास रहे है। इस बात को शहर के लोग व वार्ड की जनता अच्छी तरह जानती है। जिनमें खन्ना नगर के पार्षद का टिकट भाजपा विधायक के खास रहे व्यक्ति की पत्नी को दिया गया है। जोकि शहर में खासा चर्चा का विषय बना हुआ है। शहर में चर्चा तो यहां तक हो रही हैं कि अगर खन्ना नगर की कांग्रेस टिकट से लड रहा प्रत्याशी जीत हासिल करता हैं, तो वह जाएगा तो विधायक के पाले में।
जिन लोगों को उनके वार्ड को छोड़ कर अन्य वार्ड से कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी बनाया गया है। जिसको उस वार्ड की समस्या तक का पता ही नहीं हैं और वहां का निवासी तक नहीं है। तो कांग्रेस प्रत्याशी को वहां की जनता आखिर क्यों अपना वोट देगी? कांग्रेस पार्टी ने ऐसी गलती केवल एक-दो वार्डो में ही नहीं की हैं, बल्कि अन्य वार्डो में ऐसी ही गलती करने की बात कही जा रही है।
अब सवाल उठता हैं कि प्रदेश पदाधिकारियों द्वारा तय किये गये प्रत्याशियों के टिकट काटकर कांग्रेस महानगर कमेटी ने अपने चाहने वालों को टिकट देकर खड़ा किया गया है। अगर उनकी हार होती हैं तो शहर कांग्रेस में बवाल होना तय है। हरिद्वार नगर निगम चुनाव में कांग्रेस में गुटबाजी हावी देखी जा रही है। जिसका फायदा सीधे तौर पर भाजपा को मिलना तय है।