
*सीएमओ कार्यालय के कुछ कर्मियों पर लगाया पद का दुरूपयोग कर उत्पीड़न का आरोप
*डीजी हैल्थ, डीएम, पीएमएस और सीएमओ को पत्र भेजकर कराया अवगत
*चेतावनीः कर्मचारी संघ की शिकायत पर जल्द समाधान नहीं हुआ तो होगा आंदोलन
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी संघ चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं उत्तराखंड ने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के आवासों के आवंटन में बिना आवास आवंटन समिति और संगठन के पदाधिकारियों की सहमति के दबाव बनाते हुए लिपिक संवर्ग, नर्सेस संवर्ग, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी के केडर को आवंटित किये जाने को लेकर संघ में आक्रोश है जो कभी भी आंदोलन का रूप ले सकता है।
प्रदेश अध्यक्ष दिनेश लखेड़ा, प्रदेश महामंत्री सुनील अधिकारी, प्रदेश ऑडिटर महेश कुमार, प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र तेश्वर ने संयुक्त रूप से मीडियां को जारी बयान में कहा हैं कि संगठन ने एक बड़ी व लम्बी लड़ाई लड़ने के बाद कुंभ मेला-2004, जब मेला चिकित्सालय बन गया था, तब कर्मचारियों के आवासों के लिए बजट की व्यवस्था नहीं हुई थी। जिसके लिए संगठन ने कुंभ मेला के दौरान लड़ाई लड़कर कर्मचारियों के 24 आवास बनवाए। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के 6 आवास जोकि टीबी चिकित्सालय में कार्य करने वालों के टूटे थे, उनके लिए बनवाए गए।
उन्होेंने कहा कि अफसोस है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में बैठे कुछ कर्मचारियों के कारण चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के आवासों पर लिपिक, नर्सेस, चिकित्सा अधिकारी का कब्जा कराया जा रहा है। जिसको संगठन बर्दाश्त नहीं करेगा। जिसके लिए कार्यालय के कृत्यों से मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा आरके सिंह को अवगत कराकर इसे रोकने और आवास आवंटन समिति के जरिए कर्मचारियों को आवास आवंटन की मांग करेगे। कहा कि यदि चिकित्सा अधिकारियों को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के आवास आवंटन किए जाएंगे, तो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी टाइप,2 टाईप 3 के आवास आवंटन किए जाने के लिए मांग करेगा।
उन्होंने कहा कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ की ओर से इस संबंध में महानिदेशक, जिलाधिकारी, प्रमुख अधीक्षक और मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को भी पत्र द्वारा सूचित किया गया है, यदि जबरन अपने पद का दुरूपयोग कर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के आवासों का आवंटन अन्य संवर्ग को किया गया, तो मजबूर होकर संगठन को आंदोलन करने के लिए विवश होना पड़ेगा, जिसकी समस्यत जिम्मेदारी विभाग की होगी।