
मेला व जिला अस्पताल में स्टाॅफ को प्रशिक्षण देना किया शुरू
बाल रोग विशेषज्ञ डाॅ. शशिकांत व डाॅ. हितेन जग्पागी दे रहे प्रशिक्षण
मुकेश वर्मा/ लीना बनौधा
हरिद्वार। कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए जिला अस्पताल ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। कोरोना की तीसरी लहर में बच्चे संक्रमित होगे। जिसके तहत मेला और जिला चिकित्सालय में चिकित्सकों, नर्सेस, फार्मेसिस्टों को प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया है। प्रशिक्षण दो शिफ्रटों में दिया जा रहा है। प्रशिक्षण को बेहद गम्भीरता से लिया जा रहा है। इस बात की जानकारी जिला अस्पताल पीएमएस डाॅ. राजेश गुप्ता ने दी।
उन्होंने बताया कि मेला और जिला चिकित्सालय में कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए तैयारी की जा रही है। मेला चिकित्सालय में दो दिवसीय प्रशिक्षण दो शिफ्रटों में जारी है। जबकि जिला अस्पताल में प्रशिक्षण 01 जुलाई से 02 जुलाई को दिया जाएगा। दोनों चिकित्सालय में 90 लोगों के स्टाॅफ को प्रशिक्षण में शामिल होगें। बाल रोग विशेषज्ञ डाॅ. शशिकांत और डाॅ. हितेन जग्पागी द्वारा प्रशिक्षण देगें, जोकि एक सप्ताह का प्रशिक्षण लेकर जौली ग्रांट से लौटे है।
डाॅ. राजेश गुप्ता ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान बच्चों में कोरोना के लक्षणों की जानकारी, जांच, उपचार, सावधानी और मशीन आपरेट करने से सम्बंधित जानकारी दी जा रही है। मेला और जिला अस्पताल में कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए इंतजाम पूरे कर लिए गये है। मेला चिकित्सालय में बच्चों के लिए कोविड सेंटर बनाया गया है। जहां पर 22 सामान्य बैड, बच्चों के 4 आईसीयू बैड और वेंटीलेटर की व्यवस्था की गयी है।
बाल रोग विशेषज्ञ डाॅ. शशिकांत ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों में पाये जाने वाले लक्षणों की कैसे पहचान करना है। यदि कोरोना से संक्रमित बच्चे अस्पताल में पहुंचते हैं तो किन बच्चों को भर्ती करना है। और किन बच्चों को सावधानी बरतते हुए घर पर ही उनका इलाज चलाना है। कोरोना संक्रमित बच्चों को उनमें पाये जाने वाले लक्षण के आधार पर उनको क्या दवा देनी है। कोरोना संक्रमित बच्चों को भी दो भागों में बांटा गया है, जिनमें गम्भीर और अति गम्भीर।
जिनमें किन संक्रमित बच्चों को बेंटीलेटर पर रखना है। उन्होंने बताया कि जिन बच्चों की सांसे रूकती हैं तो उनके छाती को किस तरह से मसाज करते हुए उनकी सांसो को चलाया जाये वह भी प्रशिक्षण का एक हिस्सा है। प्रशिक्षण कोरोना काल में तीसरी लहर में अतिमहत्वपूर्ण है। प्रशिक्षण के दौरान वह सभी समस्याओं का निराकरण चिकित्सकों, नर्सेसों व फर्मेसिस्टों का किया जा रहा है, जिनके मन अक्सर मरीज को लेकर कोई न कोई सवाल रहते है। उनके हर सवालों का जबाब देते हुए उनको संतुष्ट करने का प्रयास किया जा रहा है।
डाॅ. शशिकांत ने बताया कि कोरोना की तीसरी लहर में घबराने की जरूरत नहीं हैं। यदि कोई बच्चा कोरोना संक्रमित उनके पास आता हैं तो पहले उसके लक्षण का परीक्षण करते हुए आकलन करे। उसके बाद उसको होने वाली दिक्कतों को देख व समझकर परिजनों को संक्रमित बच्चों के सम्बंध में जरूरी जानकारी दे, लेकिन उनमें डर न पैदा करें। मेला और जिला अस्पताल में जारी प्रशिक्षण संयोजक डाॅ. राम प्रकाश की देखरेख में दिया जा रहा है।