
लीना बनौधा
हरिद्वार। शिवालिकनगर में इन दिनों नगरपालिका द्वारा अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जा रहा हैं। जोकि क्षेत्र के लिए जरूरी भी है, वही अभियान को ईमानदारी के साथ चलाया जाना भी जरूरी है। शिवालिकनगर में अनेक कारोबारियों व दुकानदारों ने सड़कों के किनारों तक बड़े-बड़े शैड बना रखे हैं तथा बाहर सड़क तक सामान रखकर जगह घेर लेते हैं जोकि रास्ते में बाधा डालते हैं। ऐसे अतिक्रमण हटाए जाने बेहद जरूरी हैं। लेकिन जनहित में जहाँ धूप व बारिश से बचने के लिए छोटे-छोटे सनशैड बने हैं और मार्ग में बाधक नहीं हैं, उन्हें नहीं हटाया जाना चाहिए।
शिवालिकनगर जैसे आवासीय क्षेत्र को पूरी तरह लोगों ने नियम को ताक पर रख कर कॉमर्शियल बना दिया है , बिना अनुमति के कॉमर्शियल मालिकों के खिलाफ करवाई भी किये जाने की ज़रूरत है।
ज्ञातव्य है कि जंगलों, हरे-भरे खेतों तथा वृक्षों को काटकर शिवालिकनगर बसा था लेकिन आज यहां भीषण गर्मियों में तेज़ धूप से सिर छिपाने को दूर-दूर तक कहीं भी छाया का नाम के लिए पेड़ तक नजर नहीं आ रहे हैं। देखा जाये तो पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचा है। यहां के निवासियों ने अपने घरों के बाहर छोटी-छोटी क्यारियों में फूल, पेड़-पौधे लगाकर कुछ राहत का काम किया तथा पर्यावरण सुधार में अपना अमूल्य योगदान दिया। आवासीय क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण में इनका अमूल्य योगदान है। अत: इनका संरक्षण आवश्यक है न कि हटाया जाना। अत: पर्यावरण के हित में प्रशासन व नगरपालिका को इस विषय पर विचार करते हुए पर्यावरण के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए ताकि शिवालिकनगर दूसरों के लिए एक उदाहरण पेश हो।
इस नगरी की और भी बहुत सी समस्याएं हैं जिनकी ओर प्राथमिकता से ध्यान दिया जाना अति आवश्यक है। जैसे कि टूटी सड़कें, ख़राब टूटे-फूटे मोड़, रास्तों में गड्ढे, ख़राब व बन्द स्ट्रीट-लाइटें, पेयजल मूल्य में अप्रत्याशित पांच गुणा वृद्धि के बावजूद गुणवत्ता व आपूर्ति समय मे कमी आदि। नगरपालिका को जनहित में इन सभी समस्याओं की ओर गम्भीरता व तत्परता से ध्यान देना चाहिए।