*प्रमुख दलों के मेयर समेत 60 वार्डो पर प्रत्याशियों की घोषणा का जनता को इंतजार
*कांग्रेस के लिए इस बार मेयर सीट पर गुटबाजी हावी रहने के दे रहे सकेंत
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। निकाय चुनाव के अन्तर्गत निगम, पालिका एवं नगर पंचायत के लिए नामांकन जमा करने का सोमवार को आखिरी दिन है, लेकिन अभी भी हरिद्वार नगर निगम के मेयर पद के लिए दोनों प्रमुख पार्टिया भाजपा व कांग्रेस की ओर से प्रत्याशियों के नाम घोषित किए जाने का इंतजार है। बता दें कि हरिद्वार नगर निगम में 60 वार्ड है। मेयर पद के लिए भाजपा से जहां करीब एक दर्जन से अधिक दावेदारों ने अपनी दावेदारी जताते हुए आवेदन किया है।
वहीं कांग्रेस से आठ महिलाओं ने भी मेयर पद पर अपनी दावेदारी प्रस्तुत की है। अब जबकि नामांकन में केवल एक दिन का समय शेष रह गया है, ऐसे में दोनों प्रमुख पार्टिया जातिगत व अन्य समीकरण को ध्यान में रखते हुए मेयर पद पर अपने-अपने प्रत्याशियों पर अन्तिम मोहर लगाने के लिए मंथन का अन्तिम दौर जारी है। दोनों ही पार्टियां मेयर पद समेत 60 वार्डो पर अपने-अपने प्रत्याशियों की घोषणा देर शाम तक कर देगी। दोनों पार्टियों में मेयर व पार्षदों के दावेदार देहरादून में प्रदेश कार्यालय के बाहर डेरा डाले हुए है।
बता दें कि हरिद्वार में वर्ष 2011 में हरिद्वार नगर पालिका के अस्तित्व को खत्म कर निगम का दर्जा दिया गया था। नगर निगम के पहले मेयर मनोज गर्ग बने थे जोकि भाजपा से थे, लेकिन दूसरी बार हरिद्वार मेयर सीट सामान्य महिला के लिए आरक्षित होने के बाद कांग्रेस की अनीता शर्मा मेयर बनी। तीसरी बार हरिद्वार नगर निगम हरिद्वार की मेयर सीट को पिछड़े समाज की महिला के लिए आरक्षित कर दिया गया है। ऐसे में दोनों प्रमुख दलों में दावेदारों को लेकर कशमकश जारी है। जहां तक जातिगत समीकरण को देखें तो हरिद्वार नगर निगम में 1,92,000 से अधिक मतदाता पहली बार अन्य पिछड़ा वर्ग से मेयर बनने का अवसर प्रदान करेगा।
इस बार कांग्रेस का नगर निगम हरिद्वार चुनाव का मुद्दा कौरिडोर व कानून व्यवस्था होने जा रहा है। निगम चुनाव में कांग्रेस कॉरिडोर के मुद्दे को भुना पाएगी या फिर भाजपा विकास और सरकार के जनहित मुद्दों को लेकर चुनावी मैदान में उतर कर जनता को अपने प़क्ष कर पायेगी, यह तो आने वाला समय ही बतायेगा। हालांकि इस बार भाजपा अपना मेयर बनाने के लिए हर संभव प्रयास करेगी। बताया जा रहा हैं कि नगर निगम हरिद्वार के मेयर पद पर भाजपा ने अपना प्रत्याशी का चयन कर लिया हैं लेकिन उसकी विधिवत घोषणा होना बाकी है।
शहर में चर्चा हैं कि इस बार कांग्रेस के लिए मेयर पद पर जीत हासिल करना इतना आसान होता नजर नहीं आ रहा हैं जितना कांग्रेसी नेता समझ रहे है। शहर में इस बार कांग्रेस में गुट बाजी हावी होती नजर आ रही है। कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी चुनौती अपने नेताओं को एकजुट कर चुनाव में उतर कर मतदाताओं का विश्वास हासिल करना है।
ऐसे में पार्टी जातीय समीकरण को साधने के साथ- साथ साफ सुथरी छवि के प्रत्याशी को ही मेयर पद पर चुनाव में उतारना चाहेगी। बताया जा रहा हैं कि निगम के चुनाव में कांग्रेस मतदाताओं का जातिगत आधार पर भी मुख्य फोकस रखना चाहेगी। अब ऐसे में कांग्रेस को शहरी क्षेत्र में रहने वाले अन्य पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं को आधार बनाकर किसे प्रत्याशी बनाती है यह देखना होगा।
वर्ष 2022 के विधान सभा चुनाव में भाजपा से नाराज सैनी समाज ने हरिद्वार में कांग्रेस को 5 सीटों पर जीत दिलवाने में अपनी अहम भूमिका निभाई थी। जिसके फलस्वरूप भाजपा ने सैनी समाज की नाराजगी को दूर करने के लिए उत्तर प्रदेश में मंत्री रहे डॉ पृथ्वी सिंह विकसित की पुत्री डॉ कल्पना सैनी को राज्यसभा सांसद और श्यामवीर सैनी को राज्यमंत्री पद से नवाज दिया।
लेकिन इतर कांग्रेस ने अभी तक सैनी समाज को कोई भी पद नहीं दिया, जबकि हरिद्वार में सैनी समाज तीसरे नंबर की जाति है, इसके इतर हरिद्वार जनपद में मात्र लगभग 8 -10 हजार की संख्या वाले जात समाज से रुड़की और हरिद्वार ग्रामीण दोनों जिलाध्यक्ष पद से नवाजा हुआ है। अब देखना दिलचस्प होगा कि जिस जातीय जनगणना की बात राहुल गांधी कर रहे है, ऐसे में क्या हरिद्वार निकाय चुनाव में कांग्रेस पार्टी जातीय समीकरण को साध पाएगी ? यह एक बड़ा सवाल बना हुआ है।