
हत्यारोपियों के खिलाफ कड़ी कारवाई की मांग
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के पदाधिकारियों एवं संतो ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री,देश के गृहमंत्री को ज्ञापन भेजकर महाराष्ट्र के पालघर जिले में दो संतो सहित उनके कार चालक की हत्या पर रोष जताते हुए मामलें की उच्चस्तरीय जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कारवाई की मांग की है। ज्ञापन की प्रति उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के अलावा महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक तथा पालघर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को भी भेजी गई है। हरिद्वार में हुई आकस्मिक बैठक में श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के अन्र्तराष्ट्रीय संरक्षक व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत स्वामी हरिगिरि तथा श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के अन्र्तराष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत प्रेमगिरि की ओर से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्वव ठाकरे को भेजे पत्र में कहा है कि श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के संत कल्पवृक्ष गिरि उम्र 70 वर्ष तथा सुशील गिरि उम्र 55 वर्ष गत 16 अप्रैल को कार से चालक निलेश तलगड़े के साथ अपने गुरू श्रीमहंत रामगिरि की अचानक मौत के कारण उनके अन्तिम संस्कार में शामिल होने के लिए मुम्बई से गुजरात के लिए निकले थे। महाराष्ट्र के पालघर जिले के थाना कांसा क्षेत्र के गढ़चिंचले गांव के पास लाॅकडाउन होने के बावजूद पहले से मौजूद करीब दौ सौ लोगों की भीड़ ने संतो की कार को रोककर उसे पलट दिया फिर उनपर पथराव किया। इसी दौरान वन विभाग के एक स्थानीय कर्मचारी ने रात करीब 11बजे पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुची पुलिस ने संतो व ड्राइवर को अपनी कस्टड़ी में जीप में बैठाया। लेकिन उपद्रवियों ने पुलिस की माॅजदूगी में इन तीनों को लाठी,डण्डे,चाकू,राड से पीट-पीटकर बेरहमी से मार डाला और पुलिस मूकदर्शक बनी रही। इन उपद्रवियों ने संतो के पचास हजार रूपये तथा उनके पास से सोने की भगवान की मूर्ति व सामान भी लूट लिया। सवाल उठता है कि जब यह घटना हुई तो पहले से मौजूद पुलिस बलों ने फायरिंग क्यों नही की। जबकि ये तीनों को पुलिस ने अपनी सुरक्षा में ले लिया था। उसके बावजूद पुलिस कस्टडी में संतों की हत्या अपने आप में चौकाने वाली है। इस घटना को लेकर जूना अखाड़े के संतो में व्यापक रोष है। संतो ने इस सम्बन्ध में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से उच्चस्तरीय जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कारवाई की मांग की है।