
♦त्योहारों पर किन्नरों की ढोलक की थाप और नृत्य ना हो तो खुशियां लगती हैं फिकी
♦किन्नर समाज का हमारे जीवन में हैं बहुत महत्व, किन्नरों के आशीवार्द से बदली हैं किस्मत
♦पुर्वजों से हमे किन्नरों का सम्मान करने का मिला हैं संस्कार, जो अब भी हैं बरकरार
♦किन्नर समाज भी समाज सेवा में किसी से भी नहीं हैं पीछे, गरीब कन्याओं की कराई शादी
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। दीपावली पर्व हो या फिर विवाह समारोह, नये प्रतिष्ठान का शुभारम्भ हो या फिर नये मकान का गृह प्रवेश हो यदि किन्नर समाज की ढोलक की थाप और उनका नृत्य ना हो तो खुशियां व त्योहार फिके से लगते है, जी हां यही सच है। हमारे पूर्वज भी अपनी खुशियों में किन्नर समाज के अपने द्वार पर आने की बेसब्री से इंतजार करते रहे है।
यही परम्परा आज भी बरकरार है। दीपावली पर्व का त्योहार हैं, अगर हम हरिद्वार शहर की बात करें तो गद्दी नसीन सोनिया किन्नर जोकि शहर में बुआ सोनिया किन्नर के नाम से मशहुर है। जिनकी टोली दीपावली पर्व पर भोपतवाला क्षेत्र से पुराना रानीपुर मोड तक बाजारों में बधाईयां मांग कर व्यापारियों को आशीवार्द देते हुए दीपावली पर्व की शुभ कामनाए दे रही है।
शहर के व्यापारी भी बुआ सोनिया किन्नर के टोली का स्वागत करते हुए उनका सम्मान व सत्कार कर रहे है। बुआ सोनिया किन्नर की टोली ढोलक बजा कर नृत्य कर लोगों को दीपावली की शुभ कामनाए देते हुए बधाई मांग रही है। शहर का व्यापारी तबका हो या फिर स्थानीय नौकार पेशा वाला नागरिक हो वह सभी दीपों के प्रकाश पर्व दीपावली पर बुआ किन्नर की टोली का दिल से सत्कार करते हुए उनको बधाई देकर उनका आशीवार्द ले रहे है। समाज में कहावत हैं कि अगर किन्नरों का आशीवार्द मिल जाए तो व्यक्ति की जिंदगी सवर जाती है।
किन्नरों का सम्मान करने से व्यक्ति की तरक्की व उसको भी समाज में अच्छा सम्मान मिलता है। इसलिए हर कोई व्यक्ति अपनी खुशियों में किन्नर समाज को बहुत महत्व देता हैं और अपने द्वार पर उनके ढोलक की थाप के साथ नृत्य करते हुए बधाई मांगने को शुभ मानता है। यहां पर एक बात ओर स्पष्ट कर दूं कि किन्नर समाज केवल बधाई ही नहीं मांगता, बल्कि समाज सेवा में भी अग्रणीय भूमिका निभाता है। किन्नर समाज ने कई गरीब कन्याओं का विवाह संस्कार भी सम्पन्न कराये है। यदि आप को याद होगा कि करोना काल में गरीब लोगों के बीच जाकर किन्नर समाज ने उनको राशन तक वितरित किया। किन्नर समाज का आज भी हमारे समाज में बहुत महत्ता है।
बुआ सोनिया किन्नर का कहना हैं कि उनके द्वारा कई समाज सेवा के कार्य किये है। इतना ही नहीं वह अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री व जूना अखाडे के श्रीमंहत हरिगिरि महाराज जी की शिष्य है। शहर के व्यापारियों समेत सभी नागरिकों द्वारा उनको पूरा सम्मान दिया जाता है। जोकि उनके लिए बहुत ही गौरव की बात है। हरिद्वार शहर उनका अपना परिवार है। अपने परिवार के हर दुख तखलिफ में भी वह हर वक्त उनके साथ खडी है। टीम में गद्दी नसीन रमा नायक, गद्दी नसीन गुंजन नायक, छोटी आदि मौजूद रही।