■चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारियों की मांगों की अनदेखी का लग रहा आरोप
■निर्धारित समय बीतने के बाद भी कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाये जा रहे
■कर्मचारियों के सब्र का बांध अब टूट रहा, आंदोलन के लिए मजबूर किया जा रहा
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। प्रदेश अध्यक्ष दिनेश लखेडा, प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र तेश्वर, कार्यवाहक जिला अध्यक्ष सुरेंद्र, जिला मंत्री राकेश कुमार ने संयुक्त रूप से कहा कि कर्मचारियों की मांगों के निस्तारण के लिए प्रदेश और जिला संगठन ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी हरिद्वार समेत सभी अधिकारियों को एक सप्ताह का समय दिया गया है, लेकिन अभी तक किसी भी अधिकारी द्वारा संगठन को वार्ता के लिए आमंत्रित किया गया। जोकि अधिकारियों की हठधर्मिता को दर्शाता है, जोकि किसी भी तरह से न्यायोचित नही है। कर्मचारियों की मांगे जनपद स्तर की है, जिसमे कर्मचारियों को वर्दी, चिकित्सा प्रतिपूर्ति, वेतन विसंगति, कोविड प्रोहत्साह भत्ता, पिछले 2023 के कांवड़ मेले भत्ते का भुगतान, जनपद स्तर के सभी कर्मचारियों की सेवा पुस्तिका, जीपीएफ की किताब पूर्ण किया जाना, सेवनिवृत कर्मियों के देयकों का भुगतान शीघ्र किया जाना, मृतकों के आश्रितों की नियुक्ति शीघ्र करने, जनपद स्तर पर नियुक्ति में कर्मचारियों के योग्य आश्रितों को प्राथमिकता देना इत्यादि मांगो के निस्तारण करने का अनुरोध किया गया है।
उन्होंने कहा कि लेकिन अभी तक अधिकारियों तरफ से कोई भी कार्यवाही के सम्बंध में सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया है। इसलिये जो भी आंदोलन होगा, उसका उत्तदायित्व सिर्फ अधिकारी एवं कार्यालय प्रशासन का होगा। इस संबंध में पदाधिकारीयों ने आपस में विचार विमर्श कर कर्मचारियों को आंदोलन के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए है।
विचार विमर्श करने वालों में दिनेश लखेडा, राजेन्द्र तेश्वर, मूल चंद चौधरी, राकेश भंवर, महेश कुमार,मुकेश, दिनेश नोटियाल, सचिन,अजय रानी, नीटू, मुन्नी देवी, संदीप, इत्यादि शामिल रहे।