
एएचटीयू टीम ने बच्चों के परिजनों को तलाशते हुए किया सुपूर्द
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। एएचटीयू टीम ने हरकी पौड़ी क्षेत्र में भीख मांग रहे दिल्ली के नाबालिग भाई-बहन को बरामद करते उनके पिता के सुपूर्द किया है। मां के देहात के बाद पिता के नौकरी खोजने के लिए घर से निकलने के बाद किसी को बिना बताये हरिद्वार पहुंचे थे। दोनों भाई-बहन पिछले 15-20 दिन पूर्व हरिद्वार पहुंच कर हरकी पौड़ी क्षेत्र में भीख मांगकर लावारिस हालत में रह रहे थे। दोनों बच्चे सकुशल मिलने पर पिता ने उत्तराखण्ड पुलिस का आभार व्यक्त किया है।
एएचटीयू प्रभारी निरीक्षक राकेन्द्र कठैत ने बताया कि एएचटीयू टीम को 13 दिसम्बर 23 को हरकी पौड़ी क्षेत्र से लावारिस हालत में घुमते दो भाई बहन मिले थे। जिनको विश्वास में लेकर उनसे जानकारी हासिल की गयी। जिन्होंने टीम को बताया कि उनकी मां नहीं हैं और पिता के घर से नौकरी की तलाश में निकलने के बाद वह घर छोड़ कर हरिद्वार आये है। दोनों हरकी पौड़ी पर भीख मांगकर अपनी पेट पालते हुए घाट पर रह रहे है। एएचटीयू टीम दोनों बच्चों ने अपना नाम दया कुमार पुत्र विकास कुमार उम्र 10 वर्ष और बहन शिवानी पुत्री विकास कुमार उम्र 14 वर्ष बताया है।
प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि टीम दोनों बच्चों को विश्वास में लेकर उनको अपने संरक्षण में लेकर बाल कल्याण समिति हरिद्वार के समक्ष प्रस्तुत कर उचित कांउसिलिंग के उपरांत आदेशानुसार बाल कल्याण समिति हरिद्वार भेजकर उनके परिजनों की तलाश शुरू की गयी। टीम ने दिल्ली के थाना गोकुलपुरा पुलिस से सम्पर्क कर बच्चों के सम्बंध में जानकारी देते हुए उनके परिजनों की तालाश में मदद करने को कहा गया। दिल्ली पुलिस की मदद से दोनों बच्चों के पिता की जानकारी मिलते ही उनसे सम्पर्क कर मामले से अवगत कराया गया।
उन्होंने बताया कि बच्चों के सकुशल हरिद्वार में मिलने की सूचना पर पिता विकास और बच्चों की बुंआ के साथ हरिद्वार पहुंचे। बच्चों ने पिता और बुआ को समाने पाकर बिलखते हुए उनसे लिपटकर रोने लगे। पिता विकास कुमार ने बताया कि उसकी पत्नी का देहात 06 साल पूर्व हो गया था। बच्चों की देखभाल और घर चलाने की जिम्मेदारी उनपर आ गयी। वह नौकरी की तलाश के लिए 15 दिन पूर्व घर से निकला, इसी दौरान दोनों बच्चे घर से कही चले गये। जिनकी काफी तलाश की, मगर कोई सुराग नहीं लगा। पिता और बुआ ने बच्चों के सकुशल मिलने पर उत्तराखण्ड पुलिस का आभार व्यक्त किया।