फर्जीवाडे मामले में अब तक हो चुकी तीन गिरफ्रतारी
एसआईटी की अभी भी जांच जारी, ओर गिरफ्रतारी के संकेत
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। कुंभ मेला-2021 कोरोना टेस्टिंग फर्जीवाडे मामले में फरार चल रहे मैसर्स मैक्स कार्पोरेट सर्विस के फर्म पार्टनर मुख्यारोपी शरत पंत व उनकी पत्नी श्रीमती मल्लिका पंत को एसआईटी टीम ने नोएडा स्थित उनके आवास से गिरफ्रतार कर लिया। जिनको हरिद्वार लाकर पूछताछ के बाद मेडिकल कराते हुए न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया। जबकि टेस्टिंग फर्जीवाडे मामले में एक आरोपी को पूर्व में एसआईटी गिरफ्रतार कर जेल भेज चुकी है।
इस बात की जानकारी डीआईजी एवं एसएसपी डाॅ. योगेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को रोशनाबाद स्थित पुलिस कार्यालय सभागार में पत्रकार वार्ता के दौरान दी। उन्होंने बताया कि कोरोना टेस्टिंग फर्जीवाडे की अभी भी जांच जारी है। जिसमें पांच अन्य लोगों की गिरफ्रतारी की जाएगी। लेकिन डीआईजी एवं एसएसपी ने गिरफ्रतार होने वाले लोगों की पहचान नहीं बतायी है। उन्होंने बताया कि 17 जून 2021 को तत्कालीन सीएमओ हरिद्वार डा0 शम्भू कुमार झा ने मैसर्स मैक्स कार्पोरेट सर्विस, नालवा लैब व डां0 लाल चंदानी लैब के खिलाफ कुम्भ मेला 2021 के दौरान कोविड टेस्ट की फर्जी एन्ट्रियां करने, सरकारी धन की चोरी की मंशा व आपदा के अंतर्गत मानव जीवन को हानि पहुँचाने के सम्बंध् में मुकदमा दर्ज कराया था।
प्रकरण की संवेदनशीलता को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार द्वारा एसपी सिटी श्रीमती कमलेश उपाध्याय के पर्यवेक्षण में क्षेत्राधिकारी वुग्गावाला के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया। जांच के दौरान सामने आया कि मैक्स कोरपोरेट सर्विसेस फर्म के पार्टनर्स मुख्यारोपी शरत पन्त व उनकी पत्नी श्रीमती मल्लिका पन्त ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य कुम्भ मेला अधिकारी को गुमराह करते हुये एक एमओयू जो नलवा लैब हिसार तथा लालचन्दानी लैब दिल्ली के साथ था, को दर्शाते हुये कुम्भ मेले के दौरान कोविड-19 टेस्टिंग का ठेका सरकार से लिया गया।
उन्होंने बताया कि उक्त फर्म के पार्टनर्स ने एक आपराधिक षडयन्त्र के तहत आशीष वशिष्ठ, डेलफिया लेब भिवानी हरियाणा, जो स्वयं में आईसीएमआर में कोविड टेस्ट के लिये अधिकृत नहीं थी, को शामिल किया गया। जबकि नियमानुसार कोविड-19 टैस्टिंग हेतु केवल आईसीएमआर से अधिकृत लैब ही टैस्टिंग हेतु आवेदन कर सकती थी। एसआईटी ने आरोपी आशीष वशिष्ठ को 21 जुलाई 21 को गिरफ्रतार कर न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया। उन्होंने बताया कि एसआईटी ने जांच के दौरान पाया कि कि अधिकांश एन्ट्रीयां जनपद से बाहर अन्य राज्यों, राजस्थान, उत्तर प्रदेश इत्यादि में की गयी है और कुंभ मेले के दौरान आने वाले श्रृद्धालुओं के नाम पर फर्जी कोविड टैस्टिंग के आंकडे तैयार किये। जिसमें 1,24031 व्यक्तियों की कोविड टेस्टिंग करना बताते हुये 4 करोड से अधिक का बिल प्रस्तुत किया था।
जिनमें से 15,41670 रूपये के बिल आरोपी प्राप्त करने में सफल रहे। जांच के दौरान मुख्यारोपी मैसर्स मैक्स कार्पोरेट सर्विस के पार्टनर शरद पंत एंव मल्लिका पंत के खिलाफ एसआईटी ने माननीय न्यायालय से गैर जमानती वारंट प्राप्त करते हुए उनके खिलाफ कुर्की सम्बन्धी उद्घोषणा माननीय न्यायालय से प्राप्त कर उनके आवास पर मुनादी कराकर धारा 82 सीआरपीसी का नोटिस चस्पा कराया गया। उन्होंने बताया कि आरोपियों ने माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल से अपनी गिरफ्रतारी पर रोक सम्बन्धी आदेश प्राप्त किया गया। लेकिन आदेश के समाप्त होते ही आरोपी फरार हो गये। जिनकी गिरफ्रतारी के प्रयास करते हुए एसआईटी सम्भावित ठिकानों पर छापेमारी की गयी। वहीं एसओजी हरिदवार के सहयोग से आरोपियों के मोबाईल को सर्विलांस पर लेते हुए उनकी तलाश जारी रखी।
इसी दौरान एसआईटी को मुखबिर से सूचना मिली कि आरोपी रविवार की रात को अपने नोएडा आवास पर कुछ सामान लेने के लिए पहुंच रहे है। इसी सूचना के आधार पर एसआईटी ने आरोपियों के नोएडा आवास पर छापा मारकर दोनों आरोपियों शरद पंत पुत्र हरिश पंत व उनकी पत्नी श्रीमती मल्लिका पंत निवासीगण फ्रलैट न0 बी-56 सेक्टर 49 थाना सेक्टर 49 जिला नोयडा को गिरफ्रतार कर हरिद्वार लाया गया। जिनका मेडिकल के बाद न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया। एसआईटी कुंभ मेला फर्जीवाडा मामले की जांच अभी जारी हैं। फर्जीवाडे मामले में शामिल कुछ ओर आरोपियों की गिरफ्रतारी की जाएगी।
प्रेसवार्ता के दौरान एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय, सहायक पुलिस अधीक्षक एवं सीओ ज्वालापुर सुश्री रेखा यादव, कोतवाली नगर प्रभारी निरीक्षक राकेन्द्र सिंह कठैत, एसएसआई अरविन्द रतूडी आदि मौजूद रहे।

