पर्यटन दिवस पर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की ब्रांड एंबेसडर ने मुंख्यमंत्री को सौपा पत्र
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। देवभूमि उत्तराखण्ड राज्य धार्मिक स्थलो से भरा धार्मिक पृष्ठभूमि का क्षेत्र हैं सिर्फ भारत के ही नही बल्कि विश्व पटल से लोग आध्यात्मिक लाभ उठाने हेतु यहां तीर्थ यात्राए करते है। केदार नाथ भगवान हो या बद्री विशाल, हेमकुंड साहिब हो या फिर पहाड़ की डोलियां सभी आस्था का केंद्र है। साथ ही हिमालय का अदभुद सौंदर्य हो, नैनीताल की झील,रानीखेत हो या जिम कार्बेट नेशनल पार्क, पहाड़ों की रानी मसूरी हो या फिर कुमायूं और गढ़वाल के सुंदर झरने, फूलों की घाटी हो या राजाजी नेशनल पार्क हरिद्वार, ये सब प्रकृति का लाभ और आनंद लेने के लिए पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करते हैं। आज हमारी आय और व्यापार का मुख्य श्रोत पर्यटन ही है आज एक आवश्यकता और आन पड़ी है वो है बात शुद्धता की!!
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की ब्रांड एंबेसडर एवं अखिल भारतीय उपभोक्ता उत्थान संगठन उत्तराखण्ड की प्रदेश अध्यक्षा डॉ मनु शिवपुरी ने पर्यटन दिवस पर प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को एक पत्र सौपकर मांग की हैं कि सभी खाद्य संस्थानों पर अपनी पहचान अपना नाम लगाना आवश्यक किया जाए- यह मैं अपने संगठन और देव भूमि उत्तराखंड की और से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की से निवेदन करती हूं की जल्द से जल्द इसे लागू किया जाए। क्योंकि यह बात सिर्फ किसी धार्मिक विषय को लेकर नहीं है, बल्कि शुद्धता के विषय पर है और हर कोई यही चाहता है कि उसका व्यापार भी बढे और उपभोक्ता को शुद्ध एवं स्वच्छ भोजन प्राप्त हो। जिस प्रकार से वर्षों वर्षों से, कालांतर से हिंदू मुस्लिम भाई मिलकर उत्तराखंड के विकास के लिए कार्य कर रहे हैं, एक दूसरे की भावनाओं का सम्मान करते हुए कार्य कर रहे हैं, इस प्रकार भविष्य में भी शुद्धता को अपनाते हुए कर सकें, ऐसा हम सब का प्रयास होना चाहिए।
अतः मुख्यमंत्री जी से निवेदन है कि वह जल्द से जल्द इसे लागू कर विश्व पटल के धार्मिक यात्रियों एवं पर्यटकों को शुद्धता की ओर एक कदम बढ़ाते हुए हमारे उत्तराखंड को भी उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश की भांति अपनी पहचान पत्र लगाया जाना लागू करने की कृपा करें। डॉ मनु शिवपुरी ब्रांड एंबेसडर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ ने कहा कि एफएसएसएआई का भी मुख्य आधार स्वच्छ और शुद्ध खाद्य पदार्थ विक्रय करना है। यह हर उपभोक्ता का अधिकार है। मनु मन की आवाज फाउंडेशन और अखिल भारतीय उपभोक्ता उत्थान संगठन उत्तराखंड ने जल्द से जल्द लागू किया जाने का आग्रह किया।