मुकेश वर्मा
हरिद्वार। अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्रीकांत वशिष्ठ ने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकारें तीर्थाे की मर्यादा तथा तीर्थ पुरोहित वर्ग के अधिकारों से छेड़छाड़ ना करें। उज्जैन नगरी में आयोजित महासभा के पदाधिकारियों एवं संरक्षको की आवश्यक बैठक से लौटे श्रीकांत वशिष्ठ ने प्रेस को जारी बयान में बैठक में आए सुझावों व निर्णय की जानकारी दी है।
उन्होंने बताया कि भारत वर्ष के सभी तीर्थाे के पुरोहित समाज की संस्था होने के कारण महासभा की बैठक में तीर्थाे से आए 60 से ज्यादा पदाधिकारियों व संरक्षको ने मंच पर अपने अपने तीर्थ की समस्याओं को उठाते हुए सरकार व प्रशासन तीर्थाे पर विकास के नाम पर पौराणिक मर्यादाओं तथा पुरोहित वर्ग के अधिकारों का हनन करने की जानकारी दी। महासभा द्वारा ध्वनिमत से सरकारों को चेतावनी देते हुए कहा कि पुरोहित समाज तीर्थाे के विकास का विरोधी नहीं है, लेकिन विकास की आड़ मे तीर्थाे एवं तीर्थ पुरोहित वर्ग को प्रभावित किया जा रहा हैं। जिसे लेकर देश भर के पुरोहित अपने-अपने तीर्थाे, राज्यों में विरोध करेगें।
उन्होंने कहा यदि सरकार व प्रशासन महासभा के विरोध को अनदेखा करता है तो राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में देशभर के पुरोहित व पंडा समाज द्वारा हजारों की संख्या में प्रदर्शन किया जायेगा। महासभा किसी भी राजनैतिक दल से जुड़ी हुई नहीं है, इसलिये बैठक में तय किया गया है कि चुनावों में जो भी दल तीर्थ स्थलो की मर्यादा तथा पुरोहित समाज के अधिकारों की रक्षा करता है तो उन्ही का समर्थन पुरोहितो द्वारा किया जायेगा।