
स्थिति पर पैनी नजर रखी जा रही, जिला प्रशासन अलर्ट
गंगा तटों के किनारे बसे लोगों को सुरक्षित स्थान पर दी जाने की सलाह
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। पहाड़ों पर हो रही मुसलाधार बरसात और बादल फटने की घटना ने पहाड़ों का जनजीवन पूरी तरह अस्त व्यस्त कर दिया है। जिसका असर नीचले इलाकों पर भी पड़ रहा है। हरिद्वार में भी उपर हो रही लगातार बरसात के चलते एकाएक गंगा का जल स्तर भी बढता जा रहा है, इतना ही नहीं तड़के अचानक गंगा का जल स्तर खतरे के नीचे से उफपर चला गया। यूपी सिंचाई विभाग के अधिकारी लगातार स्थिति पर अपनी पैनी नजर बनाये हुए है। और पल-पल की जानकारी से जिला प्रशासन सहित यूपी सिंचाई विभाग के आलाधिकारियों को अवगत करा रहे है। बताते चले कि पहाड़ों पर लगातार हो रही मूसलाधर बरसात और बादल फटने की घटना से पहाड़ों के हालत खराब हो गये है। शासन-प्रशासन प्रभावित इलाकों में राहत के कार्य चलाये हुए है। पहाड़ों पर मूसलाधार बरसात से नीचले हिस्सों में भी गंगा जल का स्तर लगातार बढता जा रहा है। यदि हरिद्वार की बात करेें तो तड़के करीब तीन बजे एकाएक गंगा का जल स्तर खतरे के निशान से उपर चला गया। यूपी सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने गंगा का जल स्तर 295.05 मीटर नोट किया गया। जबकि खतरे का निशान 294 मीटर मना गया है। लेकिन खतरे के निशान से 1.05 मीटर जल स्तर बढ गया। यूपी सिंचाई विभाग के अधिकारी स्थिति पर अपनी पैनी नजर बनाये हुए है। जिसके सम्बंध् में जिला प्रशासन अधिकारियों से सम्पर्क में रहकर उनको पल-पल की जानकारी दे रहे है। ताकि समय रहते गंगा तटों के किनारे बसे लोगों को अलर्ट करते हुए वहां पर समुचित व्यवस्था कर उनको सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सके। इतना ही नहीं सिंचाई विभाग के अधिकारी गंगा जल के स्तर बढने की जानकारी यूपी सिंचाई विभाग के आलाधिकारियों को भी दे रहे है। गंगा के खतरे के निशान को पार करने से हरिद्वार में नमामि गंगे द्वारा बनाये गए घाटों पर भी पानी गया है ,घाटों की कई कई सीढ़िया डूबी हुई है और बनाये गए आरती स्थल से लगकर पानी चल रहा है। वहीं बैरागी कैम्प में बनाये गए कावड़ मेले के दौरान अस्थायी पुलों से गंगा बह रही है। गंगा के विकराल रूप में बहने से जहा तेज आवाज हो रही है वही गंगा में सिल्ट आ रही है और लकड़ी भी बहकर आ रही है। हालाकि सिचाई विभाग के अनुसार अब सुबह 8 बजे गंगा खतरे के निशान से ऊपर ही बह रही थी मगर जलस्तर घटा गया था और उनके द्वारा जिला प्रशासन को निचले इलाकों के बाढ़ की स्थिति को देखते हुए सूचना दे दी थी। गंगा में सिल्ट आने के चलते गंग नहर को भी बंद कर दिया गया है। पहाड़ों पर बादल फटने और लगातार हो रहा बारिश के बीच प्रशासन गंगा का जलस्तर घटने के दावे तो कर रहा है मगर गंगा के विकराल रूप और घाटों पर बहती गंगा से ऐसा प्रतीत होता दिखाई नही दे रहा है। सिंचाई विभाग यूपी के अधिशासी अभियंता दिनेश कुमार का कहना है कि रात में गंगा जी का जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा था अभी भी बह रहा है लेकिन रात में करीब 3 बजे सबसे ज्यादा था 295.05 मीटर जो कि खतरे के निशान 294 मीटर से 1.05 मीटर ऊपर था,इस समय वर्तमान में 8 बजे जो गंगा जी का जलस्तर है वो 294.20 मीटर है, अभी भी खतरे के निशान से ऊपर चल रहा है लेकिन अब धीरे धीरे गंगा का जलस्तर कम हो रहा है, चूंकि गंगा का जलस्तर बड़ा हुआ है तो जाहिर सी बात है कि मैदानी क्षेत्रों में बाढ़ से नुकसान होगा, लेकिन इसके लिए स्थानीय प्रशासन को अवगत कराया जा रहा है।