
परीक्षा में मददगार कैसे सवालों के जबाव उन तक पहुंचाते
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। कर्मचारी चयन आयोग की दिल्ली कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में अभ्यर्थियों को नकल करा कर मोटी रकम कमाने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर पांच को गिरफ्रतार किया था। परीक्षा में नकल करते समय पकड़े जाने वाले अभ्यर्थियों ने कई राज पुलिस पूछताछ में खोलें है। बताते चले कि कनखल थाना अंतर्गत जगजीतपुर स्थित एसएम पब्लिक स्कूल ने कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित दिल्ली कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का केंद्र बनाया गया है जिसमें अलग-अलग राज्यों से अभ्यर्थी परीक्षा देने आ रहे हैं परीक्षा केंद्र में अलग-अलग दिनों में कक्ष निरीक्षक ने नकल करते युवती समेत दो अभ्यर्थियों को पकड़ा था पकड़ा गया युवक दूसरे अभ्यर्थी की जगह परीक्षा दे रहा था जबकि युवती ब्लूटूथ के जरिए परीक्षा में आए प्रश्नों के उत्तर दे रही थी दोनों आरोपितों को कनखल पुलिस के सुपुर्द किया गया था पूछताछ में पुलिस को नकल कराने वाले गिरोह के बारे में जानकारी लगी थी इसी आधर पर मेरठ एसटीएफ के साथ मिलकर संयुक्त कार्रवाई की जा रही थी उसी दौरान गिरोह में शामिल परीक्षा कराने वाली कंपनी से व्यक्ति का नाम सामने आया जो प्रश्नपत्र का फोटो खींचकर व्हाट्सएप के जरिए नकल कराने के लिए पहले से बैठे अपने साथियों को भेज देता था और उसके जरिए वह अभ्यर्थियों को प्रश्नों के उत्तर आधुनिक टेक्नोलाॅजी का इस्तेमाल करते हुए देते थे। अभ्यर्थियों से इसके एवज में मोटी रकम ली जाती थी, गिरोह में पकड़े गए 4 सदस्य हरियाणा प्रदेश के रहने वाले हैं। जबकि एक उत्तर प्रदेश का निवासी है, पुलिस पकड़े गए गिरोह से पूछताछ करने के बाद इस तरह के अन्य गिरोह के बारे में भी जानकारी जुटाने का प्रयास कर रही है। गिरोह के तार एसएससी की परीक्षा के अलावा प्रदेश स्तर पर कराए जाने वाली अन्य सरकारी नौकरियों परीक्षा में तो नहीं जुड़े हैं।