
प्रदूषण की मार झेलती दिल्ली, वायु गुणवत्ता में लगातार हो रही गिरावट
लीना बनौधा
दिल्ली। दिल्ली सरकार ने राजधानी में बढ़ते प्रदूषण के स्तर को देखते हुए कृत्रिम बारिश कराने की मांग की है। हाल के वर्षों में दिल्ली में वायु गुणवत्ता में लगातार गिरावट आई है, जिससे स्वास्थ्य समस्याएं और वातावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
दिल्ली सरकार का कहना है कि प्रदूषण नियंत्रण के ठोस उपाय के अभाव में उन्होंने केंद्र सरकार से पायलट प्रोजेक्ट के तहत कृत्रिम बारिश कराने का अनुरोध किया है। इस पहल का उद्देश्य हवा में मौजूद धूल और अन्य प्रदूषकों को कम करना है, जिससे लोगों को सांस लेने के लिए बेहतर माहौल मिल सके। कृत्रिम बारिश की प्रक्रिया में विशेष तकनीकों का उपयोग किया जाता है, जिसमें बादलों में रसायनों को छोड़कर बारिश को उत्पन्न किया जाता है। यह प्रयास सफल होने पर दिल्ली में प्रदूषण को कम करने का एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।

हालांकि, इस योजना के साथ कई चुनौतियाँ भी जुड़ी हुई हैं, जैसे कि मौसम की अनिश्चितता, तकनीकी पहलुओं की जटिलता और संभावित पर्यावरणीय प्रभाव। ऐसे में यह देखना होगा कि क्या दिल्ली सरकार का यह प्रयास प्रदूषण के खिलाफ प्रभावी साबित होगा या नहीं। दिल्ली में प्रदूषण की समस्या को गंभीरता से लेते हुए, सरकार को अन्य दीर्घकालिक उपायों पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि नागरिकों को एक स्वस्थ और सुरक्षित वातावरण मिल सके।प्रदूषण रुपी विराट समस्या से निपटने के लिए देश के हर नागरिक को गंभीरता से सोचना व समझना आवश्यक है।
प्रदूषण को कम करना इसका स्थाई समाधान नहीं है। हमें इसे फैलने से भी रोकना होगा। जिसके लिए देश के प्रत्येक नागरिक को स्वयं प्रदूषण रोकने में योगदान देना होगा। हम में से अधिकतर लोग प्रदूषण रोकने के उपाय जानते हैं किन्तु उसे अपने से कतराते हैं। जिस दिन देश का प्रत्येक नागरिक स्वयं प्रदूषण को रोकने का प्रण ले लेगा उसी दिन से यह प्रदूषण रूपी रावण का अन्त नजदीक आ जाएगा। यही इस समस्या का स्थायी समाधान है।