मां दुर्गा के प्रथम रूप में की मां शैलपुत्री की हुई पूजा
लीना बनौधा
हरिद्वार। चैत्र नवरात्र के पहले दिन शहर भर के देवी मन्दिरों में श्रद्धालुओं को मां के दर्शन करने तथा आशीवार्द लेने के लिए तांता लगा रहा। चैत्रा नवरात्र को देखते हुए देवी के मन्दिरों को पूर्व संध्या पर सजाया संवारा गया था। मन्दिरों में बढती श्रद्धालुओं की भीड़ को व्यवस्थित करने तथा सुरक्षा की दृष्टिगत पुलिस बल को तैनात किया गया था। तीर्थनगरी के स्थानीय समेत बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं का सिद्धपीठ मां मंशा देवी, मां चण्डी देवी, मां मायादेवी समेत अन्य मन्दिरों में लोगों की भारी भीड़ लगी रही।
चैत्र नवरात्र नौ दिनों तक चलने वाले देवी के दिन माने जाते है। नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा- अर्चना की जाती है। नवरात्र के नौ दिनों में मां के नौ रूपों की पूजा का विधान है। भक्त नवरात्र के दिनों में मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उपवास भी रखते हैं। मान्यता है कि नवरात्र के दिनों में मां दुर्गा की विधिवत पूजा करने से भक्तों की मनोकामना पूरी होती है। नवरात्रा के प्रथम दिन मां दुर्गा के प्रथम रूप मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। हिमालय की पुत्री होने के कारण मां को शैलपुत्री नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां शैलपुत्री की पूजा करने से अच्छा स्वास्थ्य और मान-सम्मान मिलता है।
मां शैलपुत्री की पूजा करने से उत्तम वर की प्राप्ति भी होती है। मां शैलपुत्री को सफेद वस्त्र अतिप्रिय होते हैं। इस दिन मां को सफेद वस्त्र या सफेद फूल अर्पित करते है। चैत्र नवरात्र पर प्र्रशासन की ओर शहर के सिद्धपीठ मन्दिरों में सुरक्षा व श्रद्धालुओं को व्यवस्थित रखने के लिए व्यापक बदोबस्त किये गये थे। ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार कोई परेशानी न हो। चैत्र नवरात्र पर श्रद्धालुओं द्वारा पूरे नौ दिनो तक उपवास रख कर मां की आराधना की जाती है। देवी के उपवास रखने वालों में महिलाओं समेत छोटे-छोटे बच्चों जिनमे लड़कियों की संख्या अधिक है।

