
■ईडी ने जांच में आरटीपीसीआर एवं एंटीजन टेस्ट में लैब का पकड़ा फर्जीवाड़ा
■एसएसपी हरिद्वार ने ईडी द्वारा भेजी गई रिपोर्ट पर लिया संज्ञान
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। एसएसपी के आदेश पर शहर की चर्चित नोवस पैथ लैब पर वर्ष 2021 में कोविड महामारी के दौरान आईसीएमआर के नियमों को ताक पर रखकर फर्जी तरीके से एंटीजन एवं रैपिड कोविड़ टेस्ट करते हुए सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचा कर आर्थिक लाभ कमाने के आरोप का मामला कोतवाली ज्वालापुर में दर्ज किया गया है।
फर्जी आरटीपीसीआर एवं एंटीजन टेस्ट करने की बात प्रकाश में आने पर तत्समय मैक्स कॉरपोरेट सर्विस कुंभ मेला व नलवा लैबोरेट्री प्राइवेट लिमिटेड हिसार एवं लालचंदवानी पैथ लैब के विरुद्ध कोतवाली नगर में मुकदमा दर्ज किया गया था तथा अवैध व अनैतिक रूप से धन कमाने की बात प्रकाश में आने पर प्रवर्तन निदेशालय द्वारा संबंधित लैब में छापा मारा गया था तथा लैब के विरूद्ध पीएमएलए के तहत जांच प्रारंभ की गई थी। जांच के दौरान नोवस पैथ लैब का नाम भी प्रकाश में आया था।
एसएसपी प्रमेन्द्र डोबाल ने बताया कि उक्त संदर्भ में पीएमएलए के तहत की गई जांच के दौरान, यह तथ्य प्रकाश में आये कि नोवस पैथ लैब द्वारा कुंम्भ मेला हरिद्वार-2021 के दौरान आरएटी और आरटी-पीसीआर परीक्षण किए जाने में अनियमितता पाई गई। जिसके आधार पर उक्त प्रयोगशाला नोवस पैथ लैब को 2,41,20,486 द्वारा गलत भुगतान प्राप्त किया गया है।
उन्होंने बताया कि उक्त प्रयोगशाला के आईसीएमआर डेटा की जांच करने पर यह तथ्य प्रकाश में आये कि उक्त प्रयोगशाला द्वारा किए गए परीक्षणों के सबंध में आईसीएमआर पोर्टल पर की गई अधिकाश प्रविष्टियाँ नकली प्रतीत होती है, जो संचालक नोवस पैथ लैब तथा लैब की पार्टनर संध्या शर्मा आदि द्वारा किया जाना प्रतीत होता है। उक्त फर्जी टैस्ट रिपोर्ट तथा बिल व अभिलेखो में फर्जी प्रवृष्टियों से सरकार को भारी राजस्व हानि होना तथा उक्त पैथ लैब संचालको द्वारा आपराधिक षडयन्त्र कर धोखाधड़ी कर अनुचित लाभ अर्जित किया जाना है।
उन्होंने बताया कि जिससे प्रथम दृष्टया सम्बन्धित लैब संचालक व उसके पार्टनर के विरुद्ध धारा 120 बी 420,467,468,471 भा.द.वि का अपराध का होना पाया जाने पर नोवस पैथ लैब रानीपुर मोड थाना ज्वालापुर हरिद्वार के संचालक व पार्टनर संध्या शर्मा आदि के विरुद्ध एसएसआई राजेश बिष्ट के बयान जुबानी के आधार पर थाना ज्वालापुर पर मु0अ0सं0 201/24 धारा 120 बी 420, 467, 468, 471 भा.द.वि. पंजीकृत किया गया अभियोग की विवेचना उपनिरीक्षक विकास रावत के सुपुर्द की गई।

