
भोले वाली ठंड़ाई पीकर दिल्ली के चार कांवडियें हुए पस्त
108 की मदद से जिला अस्पताल में कराना पड़ा भर्ती
कांवड़ियों को खुलेआम ठंड़ाई की आड़ में परोसा गया नशा
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। कांवड मेले में इस बार ठंडाई की आड़ में खुलेआम भांग जमकर बिकी। जिसका खुलासा तब हुआ जब दिल्ली के कुछ कांवड़ियो ने अपर रोड़ पर ठंड़ाई के नाम पर भांग पी ली और वाल्मिकी चौक पर आते ही उनमें चार कांवड़िये पस्त होकर गिर पड़े। जिनको 108 की मदद से जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जिनका नशा कम होने पर उनको चिकित्सक ने छुट्टी दे दी। बताते चले कि नशे के सौदागर पैसा कमाने के लिए कोई ना कोई जुगाड़ कर कांवड़ियों को नशा परोंसने कामयाब हो ही जाते है।
भले ही पुलिस प्रशासन ने अवैध् शराब व स्मैक के तस्करों को दबोच कर जेल भेजा हो, लेकिन पुलिस प्रशासन ने कभी यह नहीं सोचा होगा कि उनकी नाक के नीचे ही कांवड़ियों को नशा खुलेआम परोसा जा रहा हैं वो भी ठंडाई की आड़ मंे। इस बात का भी तब खुलासा हुआ जब दिल्ली के चार युवक भांग का नशा पचा नहीं सके और आधा किलोमीटर चलने के बाद धड़ाम हो गयें। ऐसा नहीं कि उनके अन्य साथियों ने भांग नहीं पी, लेकिन वह भांग को हजम कर गये।
हुआ यूंकि दिल्ली के करीब 7-8 युवक महाशिवरात्रि पर जल भरने के लिए हरिद्वार पहुंचे थे। जिन्होंने हरकी पौड़ी पर स्नान करने के बाद पैदल अपर रोड़ होते हुए रेलवे रोड़ की ओर आ रहे थे। इसी दौरान उनमें चार कांवड़िये वाल्मिकी चौक पर आते ही पसर गये। जिसकी जानकारी लगते ही 108 की मदद से उनको जिला अस्पताल लाया गया। जहां पर कांवड़ियों के साथियों ने चिकित्सक से स्पष्ट बोल दिया कि उनके साथियों ने भांग वाली ठंडाई पी हैं, जिसका नशा उनको चढ़ गया।
चिकित्सक ने चारों कांवड़ियों को कुछ घंटे के लिए अस्पताल में ही भर्ती कर लिया। जब उनका नशा कम हुआ तो उनके साथी उनको अस्पताल ले लेकर चलते बने। भांग के नशे में पस्त हुए कांवड़ियों के साथी ने बताया कि उन्होंने हरकी पौड़ी स्नान के बाद पैदल चलते हुए कुछ दूरी पर ठंड़ाई बिक रही थी, जब ठंड़ाई पीने के इरादे से पहुंचे तो ठंडाई वाले ने पूछा कौन सी ठंडाई लोगे भोले वाली या फिर समान्य वाली। जब उनके द्वारा भोले वाली ठंडाई की जानकारी मांगी तो उसने बोला कि भोले वाली ठंडाई में भोले का प्रसाद यानि भांग डली है। कुछ साथियों ने 50 रूपये प्रति गिलास भोले वाली ठंड़ाई पी, जोकि हजम नहीं कर सकें और अस्पताल आना पड़ा।