
तैनात गार्डो ने शव के लिए एम्बुलेंस को परिसर में प्रवेश की नही दी अनुमति
बंगाली अस्पताल के सचिव की ओर से भी एम्बुलेंस मामले में बयान सामने आया
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। कनखल के एक धर्मार्थ के नाम चलने वाले बंगाली अस्पताल की सवेंदनहीनता सामने आई है। किशोरी के शव को ले जाने के लिए तैनात महिला व पुरूष गार्ड ने एम्बुलेंस को अस्पताल परिसर में प्रवेश नहीं होने दिया। जिससे गुस्साएं परिजनों ने पुलिस की मौजूदगी में जमकर हंगामा काटा। गार्डो का कहना था कि महाराज ने बाहर की एम्बुलेंसों को अस्पताल परिसर में प्रवेश ना होने देने के लिए कहा है। जिसके बाद मृतक के परिजन शव को अपने हाथों में उठाकर अस्पताल से बाहर सड़क तक ले जाना पड़ा। मामला डीएम के संज्ञान में आने पर उन्होंने सीएमओ को जांच के आदेश दिये गये है। वहीं इसी मामले में बंगाली अस्पताल के सचिव का बयान भी सामने आया है। बयान में कहा गया हैं कि केवल सत्यम की एम्बुलेंसों को ही अस्पताल परिसर में प्रवेश पर रोक लगाई गयी है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार बीती रात एक नाबालिग ने घर पर फांसी लगा कर जान देने की प्रयास किया। परिजनों को जानकारी लगते ही किशोरी को फंदे से उतार कर उपचार के लिए कनखल स्थित बंगाली अस्पताल के नाम से प्रसिद्ध रामकृष्ण मिशन अस्पताल ले जाया गया। लेकिन किशोरी को बचाया नहीं जा सका। मामले की सूचना मिलते ही कनखल थाना पुलिस अस्पताल पहुंची और मामले की जानकारी ली। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल ले जाने की तैयारी की गयी।

आरोप हैं कि शव को जिला अस्पताल ले जाने के लिए एम्बुलेंस को बुलाया गया, तो अस्पताल के महिला व पुरूष गार्ड ने एम्बुलेंस को भीतर जाने नहीं दिया। पुलिस की मौजूदगी में मृतक के परिजनों समेत मौजूद लोगों ने गार्ड की काफी मिन्नत की गयी, लेकिन वह टस से मस नहीं हुए। गार्ड ने स्पष्ट मृतका के परिजनों को दो टूक बोल दिया कि महाराज ने बाहर की एम्बुलेंसों को अस्पताल परिसर में प्रवेश के लिए मना किया है। जिससे गुस्साएं परिजनों ने पुलिस की मौजूदगी में अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया और महाराज को मौके पर बुलाने को बोला गया। लेकिन कोई महाराज गुस्साएं लोगों के पास नहीं पहुंचा। मामला डीएम के संज्ञान में आने पर सीएमओ को जांच के आदेश दिये है।
वहीं रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम अस्पताल के सचिव स्वामी दयामूर्त्यानंद ने एम्बुलेंस मामले में अपना बयान जारी करते हुए कहा हैं कि अस्पताल में केवल सत्यम संचालित एम्बुलेंस को प्रतिबंधित किया गया है। क्योंकि वर्ष 2022 में हमारे चिकित्सकों ने सत्यम की एम्बुलेंस को मरीजों को उन अस्पतालों में ले जाने के लिए मना किया था, जोकि मरीजों के लिए निर्धारित नहीं थे। जहां पर कमीशन का लालच प्रतीत होता हैं, जिसका विरोध करते हुए मारपीट भी हुई थी। जिसके सम्बंध में कनखल थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था, जोकि आज भी लम्बित है।