
मेडिकल स्टोर में निरीक्षण के दौरान पकडी भारी अनिमितताए
तत्काल प्रभाव से मेडिकल स्टोर कराया बंद, दस दिन का दिया एल्टीमेंटम
मुकेश वर्मा/ लीना बनौधा
हरिद्वार। ज्वालापुर क्षेत्र के गौरव मेडिकल स्टोर की लगातार मिल रहीे शिकायत पर औषधि निरीक्षक अनीता भारती ने सोमवार की दोपहर को छापामार कार्यवाही की गयी। कार्यवाही के दौरान मेडिकल स्टोर में भारी अनिमितताए पायी गयी। जिसपर औषधि निरीक्षक ने मेडिकल स्टोर को तत्काल प्रभाव से बंद कराते हुए संचालक को दस दिन का समय दिया गया हैं। जिसमें मेडिकल स्टोर संचालक को मिली अनिमितताओं को पूरा करते हुए जबाब देने कोे कहा गया हैं। निर्धारित समय अवधि तक संचालक द्वारा संतोषजनक जबाव नहीं दिया गया तो उसके खिलाफ अग्रिम कार्यवाही अमल में लाये जाने को चेताया है। औषधि निरीक्षक अनीता भारती ने बताया कि ज्वालापुर के गौरव मेडिकल स्टोर की लगातार शिकायते मिल रही थी। इन शिकायतों पर गौरव मेडिकल स्टोर पर छापा मार कायवाही की गयी। टीम ने मेडिकल स्टोर पहुंचकर रखी औषधियों के सम्बंध् में जानकारी लेना शुरू कर दिया। लेकिन मेडिकल स्टोर संचालक द्वारा सवालों का कोई संतोषजनक जबाव नहीं देते बने। टीम ने निरीक्षण में पाया कि मेडिकल स्टोर संचालक द्वारा मेडिकल स्टोर में रखी गयी साइकोट्रापिक औषधियों का कोई रिकार्ड नहीं रखा गया था और स्वास्थ्य विभाग के आदेशों का पालन भी नहीं किया जा रहा था। बिना चिकित्सक के पर्चे के ही नियमों का उल्लंघन करते हुए दवा बेची जा रही थी। इसके साथ ही फर्म मे साफ सफाई की उचित व्यवस्था नहीं पायी गई, जिससे दवाइयों की गुणवत्ता को प्रभावित करने की सम्भावना बनी हुई थी। मिली अनिमितताओं को देखते हुए गौरव मेडिकल स्टोर को तत्काल प्रभाव से बंद करा दिया गया, मेडिकल स्टोर संचालक को 10 दिन के भीतर दवाइयों के सभी लेन देन के बिल प्रस्तुत करने के आदेश दिए गये है। अगर दस दिन के भीतर मेडिकल स्टोर में औषधियों का लेखा जोखा कार्यालय को प्रस्तुत नहीं किया जाता तो औषधि एवं सौंदर्य प्रसाधन अधिनियम की धाराओं व नियमों के तहत अग्रिम कार्यवाही अमल में लायी जाएगी। उन्होंने बताया कि गौरव मेडिकल स्टोर पर छापा मारने से पूर्व ज्वालापुर के विभिन्न मेडिकल स्टोर का निरीक्षक करते हुए राज्य सरकार की गाईड लाइन के तहत औषधि बेचने के आदेश का पालन किया जा रहा हैं उसको जांचा व परखा। औषधि निरीक्षक अनीता भारती ने बताया कि कोरोना वायरस संकट के दौरान उत्तराखंड में कुछ दवाइयों की बिक्री सशर्त की गयी है, जिनमें सर्दी, जुखाम और बुखार की दवाइयों को शामिल किया गया है। राज्य में बिना चिकित्सक की सलाह या फिर बिना पर्चे के सर्दी, बुखार, जुखाम की बेचने पर प्रतिबंध् लगाया हुआ है। इसी के चलते प्रत्येक जनपद में लगातार मेडिकल स्टोर पर निगरानी रखी जा रही है और उनके द्वारा प्रतिदिन बेची जा रही फ्रलू की दवा के रिकार्ड, विभाग को तलब करवाए जा रहे हैं या नहीं। उन्होंने बताया कि कोविड-19 के दौरान संक्रमण के लक्षण से जुड़ी दवाइयों को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने एक खास आदेश पारित किए हैं। जिसका उद्देश्य हैं कि अगर किसी व्यक्ति में कोरोना संक्रमण के लक्षण दिखाई देते हैं तो वे सीधे स्वास्थ्य विभाग या अपने नजदीकी चिकित्सक के पास जाये, न कि घर पर ही सर्दी, जुखाम और बुखार की दवाई खाकर खुद को आश्वस्त कर ले।