मुकेश वर्मा
हरिद्वार। अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव पर्यटन विभाग उत्तराखंड शासन द्वारा आयोजित किया जा रहा है। जिसमें अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त अपने-अपने क्षेत्र के विषय -विशेषज्ञों को व्याख्यान के लिए आमंत्रित किया गया है। जिसके तहत आपदा प्रबंधन में आयुर्वेद एवं योग की महत्वता विषय पर ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के शरीर रचना विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ) नरेश चौधरी ने विशेष व्याख्यान दिया।
प्रो. (डॉ) नरेश चौधरी ने देश विदेश से आए हुए प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तराखंड की जो भौगोलिक स्थिति को जमीनी जानता है ,वह प्रत्येक समय किसी भी तरह की आपदा का सामना करने के लिए मानसिक रूप से सतर्कता के साथ तैयार रहता है। प्रो. (डॉ) नरेश चौधरी ने उत्तराखंड में 2013 की आपदा में हुई जनहानि, आर्थिक हानि पर विशेष रूप से प्रकाश डालते हुए कहा कि उस समय उत्तराखंड राज्य आपदाओं के प्रति पूर्ण रूप से संसाधनों की कमी के कारण सुदृढ़ नहीं था। जबकि वर्तमान में जनमानस को तो जागरूक किया ही गया। उत्तराखंड राज्य के आपदा विभाग को संगठित कर सभी आवश्यक संसाधनों को उपलब्ध कराकर उच्चीकृत किया गया।
उन्होंने विश्व की वैश्विक महामारी कोविड-19 पर भी विशेष रूप से प्रतिभागियों को विस्तृत जानकारियां देते हुए कहा कि सम्पूर्ण विश्व को कोविड-19 महामारी के दौरान सबसे प्राचीन चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद को ही अपनाने के लिए मजबूर होना पड़ा। सम्पूर्ण भारत ही नही विश्व ने भी कोविड -19 के दौरान आहार विहार, दिनचर्या एवं नियमितयोग व्यायाम को अपनाते हुए आयुष मंत्रालय की गाइडलाइन का पालन किया। जिससे बीमारी से प्रभावित जनमानस शारीरिक और मानसिक रूप से अपने आप को स्वस्थ रख सका।योग महोत्सव में सभी उपस्थित प्रतिभागियों ने प्रो. (डॉ) नरेश चौधरी के स्वयं के द्वारा किए आपदाओं में उत्कृष्ट कार्यों को प्रस्तुतीकरण के माध्यम से देखकर भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए सराहना की तथा उनके प्रस्तुतीकरण को जमीनी एवं उत्कृष्ट ठहराया।
अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के आयोजक पर्यटन विभाग ने प्रो. (डॉ) नरेश चौधरी को आयोजन में विशेष रूप से सम्मानित किया। पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे, पर्यटन विभाग से हरीश रायरटोलिया, कार्यदायी संस्था से सुमित पंत, जेके सुधांशु, विपिन चौधरी, धारा गांधी ने डॉ नरेश चौधरी को सम्मानित किए जाने पर विशेष रूप से बधाई दी।