
प्रसिद्ध विश्वविद्यालय के नाम पर फर्जी दस्तावेज के साहरे लाखों हड़पे
आरोपी पति जिला समाज कल्याण विभाग नारसन मेें कम्प्यूटर पद पर तैनात
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। छात्रवृत्ति घोटाले में एक ओर स्टडी सेंटर श्रीमती किरन इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट एण्ड टैक्नोलाॅजी एसआईटी की जांच के घेरे में आयी है। जिसने मानव भारती विश्वविद्यालय सोलन हिमाचल प्रदेश का स्टडी सेंटर दर्शाकर वर्ष 2012-13 में छात्रवृत्ति के रूप में जिला समाज कल्याण विभाग हरिद्वार से 75 लाख 65 हजार 5 सौ पचास रूपये का गबन किया। एसआईटी ने जांच के दौरान स्टडी सेंटर में भारी अनिमितताए पाये गयी है। एसआईटी ने जांच के बाद उक्त स्टडी सेंटर संचालित करने वाला दम्पति को गिरफ्रतार कर लिया। जिसमें पति जिला समाज कल्याण विभाग हरिद्वार नारसन में कम्प्यूटर पद पर तैनात है। बताते चले कि छात्रावृत्ति घोटाले का क्रम रूकने के नाम नहीं ले रहा है। अब तक एसआईटी की गिरफ्रत में कई शैक्षिक संस्थान के संचालन करने वाले आ चुके है। जिन्होंने फर्जीवाडा करते हुए जिला समाज कल्याण विभाग को धोखा देकर करोड़ो रूपये का गबन कर चुके है। इसी क्रम में फिर स्टडी सेंटर चलाने वाला एक दम्पति भी एसआईटी की गिरफ्रत में आया है। जिसने मानव भारती विश्वविद्यालय सोलन हिमाचल प्रदेश के नाम पर स्टडी सेंटर दर्शाकर जिला समाज कल्याण विभाग से लाखों का गबन किया। जब एसआईटी उपनिरीक्षक राजीव उनियाल ने दम्पति के स्टडी सेंटर की गहराई से जांच शुरू की गयी तो पाया गया कि मानव भारती विश्वविद्यालय सोलन हिमाचल प्रदेश का स्टडी सेंटर खोला गया था जिसको कुछ समय बाद बंद कर दिया गया। उक्त स्टडी सेंटर द्वारा मानव भारती विश्वविद्यालय सोलन हिमाचल प्रदेश से सम्बंधित फर्जी दस्तावेज लगाकर जिला समाज कल्याण विभाग से वर्ष 2012-13 में फर्जी छात्रों का प्रवेश दर्शाकर 75 लाख 65 हजार 5 सौ पचास रूपये स्वयं के बैंक खाते में प्राप्त की गयी। जिस बैंक खाते में जिला समाज कल्याण विभाग से छात्रवृत्ति प्राप्त की गयी। उस खाते का संचालन सुभाष पुत्र बाबूराम तथा किरन देवी पत्नी सुभाष निवासी पनियाला रूड़की हरिद्वार द्वारा किया जाता था। जब जांच अधिकारी उपनिरीक्षक राजीव उनियाल ने स्टडी सेंटर में दर्शाये गये कथित छात्रों के बयान लिए गये तो पता चला कि किसी भी छात्र ने उक्त सेंटर में कभी भी पढना नहीं बताया और ना ही उसकी जानकारी होना बताया गया। जब एसआईटी जांच अधिकारी ने मानव भारती विश्वविद्यालय सोलन हिमाचल प्रदेश के रजिस्ट्रार के बयान अंकित किये गये। जिसमें रजिस्ट्रार ने जानकारी दी कि उनके द्वारा कभी भी श्रीमती किरन इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट एण्ड टैक्नोलाॅजी को स्टडी सेंटर चलाने की अनुमति नहीं दी गयी है। और ना ही उनके द्वारा छात्रवृत्ति के लिए जिला समाज कल्याण विभाग द्वारा को कोई पत्र प्रेषित किया गया है। उक्त स्टडी सेंटर द्वारा छात्रवृत्ति प्राप्त करने के लिए जो दस्तावेज लगाये गये वह फर्जी है। एसआईटी की जांच के बाद स्पष्ट हो गया कि प्रसिद्ध विश्वविद्यालय मानव भारती विश्वविद्यालय सोलन हिमाचल प्रदेश के नाम का इस्तेमाल कर स्टडी सेंटर संचालनकत्र्ता दम्पति ने जिला समाज कल्याण विभाग को लाखों का चूना लगाया गया है। एसआईटी विवेचक उपनिरीक्षक राजीव उनियाल ने आज आरोपी दम्पति सुभाष पुत्र बाबूराम व पत्नी किरन निवासीगण पनियाला रूड़की हरिद्वार में छापामार कर घर से गिरफ्रतार कर लिया। पूछताछ के दौरान सुभाष ने जानकारी दी कि वह दो सालों से जिला समाज कल्याण विभाग हरिद्वार तहसील नारसन में कम्प्यूटर के पद पर तैनात है। विवेचक के अनुसार पूरे प्रकरण में जिला समाज कल्याण विभाग हरिद्वार की क्या भूमिका हैं उसकी जांच की जा रही है।