दोनों महामंडलेश्वरों स्वामी जितेंद्र आनंद गिरि और स्वामी प्रबोधानंद गिरि के निष्कासित पत्र किया जारी
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। अर्द्धकुम्भ मेला-2027 की बैठक को लेकर सरकार पर सवाल खडे करने पर जूना अखाडे ने गम्भीरता से लेते हुए अपने दो महामंडलेश्वरों को अखाडे से निष्कासित किया है। जिसके सम्बंध में बकायदा जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत मोहन भारती ने दोनों के निष्कासन का पत्र जारी किया है।
बता दे कि रविवार की शाम को कुछ संतों ने भारत सेवाश्रम देवपुरा हरिद्वार में एक बैठक कर अर्द्धकुम्भ मेला-2027 के संदर्भ में सरकार द्वारा बुलाई गई बैठक में अखिल भारतीय अखाडा परिषद के पदाधिकारियों को ही आमंत्रित किया गया था। इसी बात से नाराज कुछ संतों ने अन्य संतों की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए अपनी दिल की भडास निकाली थी। बैठक में अखिल भारतीय आश्रम परिषद के गठन की बात कही गई थी। इस बैठक में श्री पंच दश नाम जूना अखाड़े के दो महामंडलेश्वर भी शामिल हुए थे। जिसको जूना अखाडे ने गम्भीरता से लेंते हुए बैठक में शामिल महामंडलेश्वरों अखाडे से निष्कासित की कार्यवाई की गयी है।
इस सम्बंध में जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत मोहन भारती ने बैठक में शामिल जूना अखाडे के दोनों महामंडलेश्वरों स्वामी जितेंद्र आनंद गिरि और महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरि को निष्कासन का एक पत्र जारी किया है। श्रीमहंत मोहन भारती ने पत्र जारी करते हुए कहा हैं कि इन दोनों द्वारा प्रदेश सरकार तथा प्रशासन के विरुद्ध भाषा गाली गलौज व अनैतिक शब्दों का प्रयोग किया।
श्री महंत मोहन भारती महाराज ने कहा उनका आचरण सनातन विरोधी है तथा यह कुंभ मेले में व्यवधान करने का प्रयास है। अखाड़े की मर्यादाओं के विरुद्ध आचरण करने के कारण अखाड़े से तत्काल प्रभाव से निष्कासित कर दिया गया है। उन्होंने बताया महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोध आनंद गिरि के विरुद्ध पूर्व में भी कई शिकायतें आई थी। जिनमें एक शिकायत उनके विरुद्ध हत्या का अभियोग का भी है जिसकी जांच चल रही है। इन दोनों महामंडलेश्वरों को तत्काल प्रभाव से जूना अखाड़े से निष्कासित कर दिया गया है।

